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Last Modified: शुक्रवार, 6 दिसंबर 2024 (08:15 IST)

7.0 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से थर्राया उत्तरी कैलिफोर्निया

Earthquake in North India
California earthquake : अमेरिका का कैलिफोर्निया गुरुवार को भूकंप के शक्तिशाली झटकों से थर्रा गया। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.0 मापी गई। भूकंप के बाद कैलिफोर्निया और ओरेगन में सुनामी की चेतावनी जारी की गई, हालांकी कुछ ही देर बाद इसे रद्द कर दिया गया। भूकंप से जान माल के कोई बड़े नुकसान की खबर नहीं है। 
 
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार भूकंप का केंद्र फेरंडेल नामक छोटे शहर के पश्चिम में था जो ओरेगन सीमा के करीब है। अधिकारियों ने तुरंत सुनामी की चेतावनी जारी की, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया गया।
 
पृथ्वी पर अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप 22 मई 1960 को चिली में आया था। उस समय इस भूकंप की तीव्रता 9.5 मापी गई थी। भूकंप के दौरान 10 मिनट तक धरती हिलती रही थी। उस समय इस आपदा में करीब 6000 लोगों की मौत हुई थी।
 
क्यों आते हैं भूकंप : भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है। भूकंप आने के कई कारण है। भूकंप खासकर हिमालय से जुड़े देश और राज्यों में अधिक आते हैं या उन क्षेत्रों में जहां पर ज्वालामुखी का प्रकोप ज्यादा है। इसके अलावा उन जगहों पर जो टेक्टेनिक प्लेट के उपर है।
 
भूगर्भीय कारण : दरअसल, धरती के अंदर 7 प्‍लेट्स होती हैं जो घुमती रहती है। इसे अंग्रेजी में प्‍लेट टैक्‍टॉनिकक और हिंदी में प्‍लेट विवर्तनिकी कहते हैं। जहां पर ये प्‍लेट्स टकाराती हैं, वहां जोन फॉल्‍ट लाइन फॉल्‍ट होता है। जब बार-बार प्‍लेट्स टकाराती है तो कोने मुड़ने लगते हैं। और ज्‍यादा दबाव बनने पर प्‍लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में धरती से ऊर्जा बाहर आने की कोशिश करती है, जिससे रफ्तार बिगड़ती है और भूकंप की स्थिति पैदा होती है। इसी के साथ ज्वालामुखी के फूटने के कारण भी धरती के भीतर हलचल बढ़ जाती है।
 
खगोलीय कारण : यह भी कहते हैं कि धरती और चंद्रमा की गति एक दूसरे से विपरीत गति के कारण और चंद्रमा के द्वारा समुद्रा के जल को प्रभावित करने के कारण भी भूकंप आते हैं। खासकर अमावस्या, पूर्णिमा और ग्रहण के दौरान यह स्थिति बनती है। इसी के साथ ही कोई बड़ा ग्रह धरती या सूर्य के नजदीक आ जाता है तब भी यह स्थिति बनती है।
 
होलकर विज्ञान महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य प्रो. राम श्रीवास्तव वेबदुनिया से बातचीत में कहते हैं कि पृथ्‍वी पर भूकंप हमेशा आते ही रहते हैं। लगभग 30 से 35 भूकंप रोज आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता 2.5 और 3 रहने के कारण या तो ये महसूस ही नहीं होते या फिर बहुत हलके महसूस होते हैं।
 
दरअसल, जैसे हमारे घर के ऊपर छत होती है, उसी तरह जमीन के नीचे भी एक छत है, जिसे बेसाल्टिक लेयर कहते हैं। इतना ही नहीं प्रायद्वीपों की प्लेट परस्पर टूट गई हैं, इनमें दरारें आ गई हैं। जब ये प्लेट्‍स (टेक्टोनिक) एक दूसरे से टकराती हैं साथ ही जब इनके टकराने की गति तेज हो जाती है तो चट्‍टानें हिल जाती हैं। इसके कारण ही भूकंप आता है। सामान्यत: 3-4 की तीव्रता में नुकसान नहीं होता, लेकिन जब भूकंप 5-6-7 या इससे अधिक की तीव्रता का होता है तो नुकसान ज्यादा होता है। 
 
भूकंप आए तो तुरंत करें ये काम : भूकंप के आने पर जैसे ही हलका सा कंपन महसूस करें घर, दफ्तर या बंद बिल्डिंग से बाहर रोड पर या खुले क्षेत्र में खड़े हो जाएं। लिफ्ट का प्रयोग बिल्कुल न करें। घर मे गैस सिलेंडर और बिजली का मेन स्विच निकाल दें। ना तो वाहन चलाएं, न ही वाहनों मे यात्रा करें। कहीं भी सुरक्षित और ढंके हुए स्थान पर खड़े हो जाएं। किसी भी गहराई वाले स्थान, कुएं, तालाब, नदी, समुद्र, और कमजोर व पुराने घर के पास खड़े न हों।
 
भूकंप के समय रुको, झुको, ढको और बचो की नीति अपनानी चाहिए। हमें भूकंप के समय टेबल के नीचे घुसकर, या चौखट के नीचे खड़े होकर खुद को बचाना चाहिए। सिर बच जाता है तो बचने की उम्मीद बढ़ जाती है। 
edited by : Nrapendra Gupta