इंदौर के बड़े उद्योगपति और कांग्रेस नेता प्रवेश अग्रवाल की मौत के बाद कई हैरान करने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। अब जो जांच सामने आ रही है उनमें बताया जा रहा है कि प्रवेश अग्रवाल के पेंटहाउस में आग चूहों की वजह से लगी थी। चूहों ने संभवत: अखंड ज्योत में जलने वाले दीये को गिरा दिया था, जिससे आग लग गई। लेकिन आधुनिक और इलेक्ट्रॉनिक लॉकिंग सिस्टम बिजली बंद हो जाने की वजह से लॉक हो गया और वे बाहर नहीं निकल पाए। अस्पताल में प्रवेश अग्रवाल को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि उनकी पत्नी श्वेता और दो बेटियां गंभीर हालत में पहुंच गए।
कहा जा रहा है कि लॉक सिस्टम फेल नहीं होता तो उनकी जान बच सकती थी। बता दें कि प्रवेश अग्रवाल अपनी बेटी को बचाने में तो कामयाब हो गए, लेकिन जब वे दूसरी बेटी को बचाने गए तो बाहर नहीं निकल सके और दम घुटने से उनकी मौत हो गई।
क्या आया पुलिस जांच में सामने : पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टियां तो आग घर में लगे दीपावली की अखंड ज्योत से लगी थी, लाइट बंद हो जाने के चलते घर के दरवाजे के डिजिटल लॉक नहीं खूले, जिसके चलते प्रवेश अग्रवाल की धुएं में दम घुटने से मौत हुई और बेटी भी बेहोश हो गई। उधर प्रवेश अग्रवाल की पत्नी श्वेता और छोटी मायरा को कल ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। घटना में अग्रवाल के घर का पूरा सामान भी जलकर खाक हो गया था।
क्या कहते हैं लॉकिंग सिस्टम विशेषज्ञ : आधुनिक लॉकिंग सिस्टम के विक्रेता मोहम्मद गफूर ने बताया कि ये हो सकता है कि आग चूहे के कारण लगी, लेकिन मौत स्मार्ट लॉक के कारण हुई होगी, क्योंकि स्मार्ट, डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक लॉक बिजली जाने या सिस्टम फेल हो जाने से बंद हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि ठीक यही कार के सेंट्रलाइज्ड लॉकिंग सिस्टम में होता है।
लोग क्यों लगवाते हैं स्मार्ट लॉक : स्मार्ट लॉक चोरी या अनाधिकृत प्रवेश की संभावना लगभग खत्म कर देते हैं। हर सदस्य के पास पासवर्ड, फिंगरप्रिंट या ऐप एक्सेस होता है। यह सिक्योरिटी का एक तगड़ा इंतजाम माना जाता है लेकिन स्मार्ट लॉक की डिवाइस बिजली और बैटरी पर निर्भर होते हैं। वाई-फाई, फिंगरप्रिंट या मोबाइल एप से संचालित होने के कारण नेटवर्क फेल, सॉफ्टवेयर गड़बड़ी या सेंसर खराबी के अलावा पासवर्ड या कंट्रोल न हो तो आपात स्थिति में लॉक होने का खतरा।
क्या है लॉक सिस्टम से बचने के उपाय : बचने का सिर्फ एक तरीका है, दरवाजे के पास फायर हैमर, लोहे की रॉड या छोटा हथौड़ा रखें, क्योंकि यदि कोई टेक्निकल गड़बड़ हुई और आपातकालीन स्थिति है तो केवल यही उपकरण काम आ सकते हैं, इनसे विंडो का दरवाजों के ग्लास तोडे जा सकते हैं।
क्या होता है इलेक्ट्रॉनिक लॉक : इलेक्ट्रॉनिक लॉक एक ताला है जो बिजली से काम करता है और चाबियों के बजाय कोड, कार्ड या बायोमेट्रिक जैसे तरीकों से खुलता है। यह पारंपरिक तालों की तुलना में आमतौर पर अधिक सुरक्षित होता है, लेकिन खतरनाक भी हो सकता है। खतरनाक होने के मुख्य कारण हैं- बिजली आउटेज होने पर काम करना बंद कर सकता है, हैकिंग का खतरा, और मैकेनिकली तोड़े जाने का खतरा भी इसमें होता है।
क्या होता है डिजिटल लॉक : डिजिटल लॉक एक इलेक्ट्रॉनिक लॉकिंग सिस्टम है जो पारंपरिक चाबियों के बजाय पिन, फिंगरप्रिंट स्कैन या स्मार्टफोन एक्सेस का उपयोग करता है। ये पारंपरिक तालों से ज़्यादा सुरक्षित हो सकते हैं, लेकिन इनमें बिजली कटौती, हैकिंग (विशेषकर वाई-फाई से जुड़े स्मार्ट लॉक के लिए) या गलत पिन चोरी जैसे जोखिम होते हैं। डिजिटल ताले घुसपैठ के खिलाफ बेहतर सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं, जबकि पारंपरिक यांत्रिक ताले चोरी के खिलाफ बेहतर हो सकते हैं, लेकिन चाबी खोने या कॉपी होने का जोखिम होता है।
रिपोर्ट : नवीन रांगियाल