इंदौर में भीख देने पर होगी कानूनी कार्रवाई, भिक्षावृत्ति की सूचना पर 1,000 रुपए का इनाम
इंदौर (मध्यप्रदेश)। इंदौर को भिक्षावृत्ति से मुक्त करने की कोशिशों में जुटे प्रशासन (Administration) ने अब भीख (begging) देने और भिखारियों से कोई सामान खरीदने पर कानूनी रोक लगा दी है और इस प्रतिबंध के उल्लंघन पर कार्रवाई का प्रावधान किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा गया कि जो व्यक्ति भिखारियों को भिक्षास्वरूप कोई भी चीज देता या उनसे कोई सामान खरीदता पाया गया तो उसके खिलाफ भी इस आदेश के उल्लंघन पर कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
1 वर्ष तक का कारावास और 5,000 रुपए तक का जुर्माना होगा : अधिकारियों ने बताया कि आदेश के उल्लंघन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। इस कानूनी प्रावधान के तहत दोषी को 1 वर्ष तक के कारावास या 5,000 रुपए तक के जुर्माने या दोनों सजाओं से दण्डित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पिछले 4 महीनों के दौरान हमने लोगों को भिक्षावृत्ति के खिलाफ जागरूक करने के लिए अलग-अलग अभियान चलाए। अब भीख लेने वाले और भीख देने वाले दोनों ही तरह के लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने देश के 10 शहरों को भिक्षुकमुक्त बनाए जाने की प्रायोगिक (पायलट) परियोजना शुरू की है जिनमें इंदौर शामिल है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta