इस दिन पूजन के समय काल भैरव जी के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए तथा पूजा के दौरान भैरव चालीसा या काल भैरव अष्टक का पाठ करने से सभी प्रकार के डर और बाधाएं दूर होती हैं। इसके साथ ही निम्न व्यंजनों का भोग लगाने से वे प्रसन्न होते हैं।
काल भैरव जयंती के दिन भैरव बाबा को ये प्रिय भोग अवश्य चढ़ाने चाहिए:
1. उड़द दाल से बने व्यंजन: उड़द की दाल से बने व्यंजन भैरव बाबा को अत्यंत प्रिय हैं।
दही वड़ा या दही-बड़े: उड़द की दाल के दही-वड़े भोग में चढ़ाने से भैरव जी की उग्र ऊर्जा शांत होती है और जीवन में स्थिरता और शांति आती है।
गुलगुले, पकौड़े या कचौरी: उड़द दाल से बने इन व्यंजनों का भोग लगाना भी बहुत शुभ माना जाता है।
2. मीठी रोटियां: गुड़ या शक्कर और आटे से बनी मीठी रोटियां या पूड़ियां, जिन्हें कई जगह तांदली भी कहा जाता है, यह भैरवनाथ को अर्पित की जाती हैं।
भोग लगाने के बाद ये रोटियां काले कुत्ते को खिलाना अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि काला कुत्ता भगवान भैरव का सेवक और वाहन माना गया है।
3. मिठाई: भगवान कालभैरव को मिठाई के रूप में जलेबी या इमरती का भोग लगाना शुभ माना जाता है, जिससे घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।
4. काले तिल से बनी चीजें: चूंकि भैरव जी की पूजा में काले तिल का विशेष महत्व है, इसलिए:
काले तिल के लड्डू, गजक या रेवड़ी का भोग चढ़ाना शनि ग्रह से जुड़े कष्टों को दूर करने और सौभाग्य प्राप्त करने में सहायक होता है।
5. मदिरा (शराब): इन भोग या प्रसाद के अलावा कुछ स्थानों पर, विशेष रूप से उज्जैन के काल भैरव मंदिर में, भगवान को शराब यानी मदिरा का भोग लगाने की परंपरा है।
यह भोग विशेष पात्र में उन्हें अर्पित किया जाता है। मान्यता है कि इससे कर्ज और भय से मुक्ति मिलती है।
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