Chhath Puja Food: छठ पूजा में प्रायः साधारण, शुद्ध और सात्विक भोजन का सेवन किया जाता है। व्रती सूर्यास्त के समय उपवास शुरू करते हैं और सूर्यास्त के बाद दूसरा उपवास करते हैं, जो दूसरे दिन सूर्योदय के समय समाप्त होता है। इस दौरान खासतौर पर जो व्यंजन बनाए जाते हैं, वे प्राकृतिक, शुद्ध और पोषक होते हैं। आइए जानते हैं उन पारंपरिक व्यंजनों के बारे में जो छठ पूजा के दौरान तैयार किए जाते हैं:
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1. ठेकुआ (Thekua): ठेकुआ एक प्रमुख पारंपरिक और स्वादिष्ट व्यंजन है, जो छठ पूजा के दौरान बनाया जाता है। यह गेहूं का आटा, गुड़, घी, और नारियल के मिश्रण से बनता है। इसे तलकर गुड़ की चाशनी में डुबोकर पूजा में चढ़ाया जाता है। ठेकुआ को पूजा में चढ़ाना और व्रति के द्वारा इसे खाना छठ पूजा का एक अहम हिस्सा होता है।
फायदा : ठेकुआ में ऊर्जा और पोषक तत्व होते हैं, जो उपवास के दौरान व्रति को शक्ति प्रदान करते हैं।
2. चिउड़े और कचरी (Chiuda and Kachari): चिउड़े (पखाना) और कचरी (छोटी पकौड़ी) छठ पूजा के दौरान बनाए जाते हैं। चिउड़े को घी में तला जाता है और इसे कचरी के साथ खाने का रिवाज है। कचरी में आटा, सत्तू, लहसुन और अन्य मसालों का उपयोग किया जाता है। यह प्रसाद खासकर सूर्य को अर्पित किया जाता है।
फायदा : चिउड़े और कचरी से प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, और आवश्यक वसा मिलते हैं, जो उपवास के बाद शरीर को ताकत देते हैं।
3. फलाहार (Falahar): छठ पूजा के दौरान उपवास करने वाले लोग फलाहार का सेवन करते हैं, जिसमें केवल फल और शुद्ध दूध शामिल होते हैं। आमतौर पर सेब, केला, अनार, नारियल और नाशपाती जैसे फल खाए जाते हैं। इसके साथ साबूदाना का खीर भी बनाया जाता है, जो बेहद हल्का और पचने में आसान होता है।
4. सत्तू का पानी (Sattu ka Pani): छठ पूजा में सत्तू का पानी बेहद लोकप्रिय होता है। इसे सत्तू, नींबू और पानी से तैयार किया जाता है। यह व्रती के शरीर को हाइड्रेटेड रखने और पेट को हल्का रखने में मदद करता है।
फायदा : सत्तू में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन होते हैं, जो शरीर को ठंडक और शक्ति प्रदान करते हैं।
5. लौकी की खीर (Bottle Gourd Kheer): लौकी की खीर या लौकी का हलवा भी छठ पूजा के दिन एक प्रमुख व्यंजन होता है। इसे लौकी, गुड़, घी और दूध के साथ पकाया जाता है। यह बहुत हल्का होता है और उपवास के दौरान आसानी से पच जाता है।
फायदा : लौकी की खीर पाचन में सहायक होती है और शरीर को ठंडक देती है। यह शरीर को हलका और ऊर्जा से भरपूर रखता है।
6. भांगड़ा (Bhangra): भांगड़ा एक विशेष प्रकार का पकवान है जो आटे, गुड़ और घी से तैयार होता है। इसे तलकर खाया जाता है और यह व्रती द्वारा पूजा में चढ़ाया जाता है। यह विशेष रूप से बिहार और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में प्रचलित है।
फायदा : भांगड़ा ऊर्जा देने वाला और हल्का होता है, जिससे व्रति को उपवास के दौरान थकावट नहीं होती है।
7. कद्दू की सब्जी (Pumpkin Sabzi): छठ पूजा के दौरान कद्दू की सब्जी बनती है, जो गुड़, हल्दी और जीरा से तैयार होती है। इसे चावल के साथ खाने का रिवाज होता है। यह स्वाद में हल्की और शुद्ध होती है।
फायदा : कद्दू शरीर को ठंडक देता है और इसका सेवन पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है।
8. रोटी और शकरकंदी (Sweet Potato): छठ पूजा के अंतिम दिन शकरकंदी/ शकरकंद और रोटी का सेवन किया जाता है। शकरकंदी को उबालकर और घी में तला जाता है, और इसे रोटी के साथ खाया जाता है।
फायदा : शकरकंदी में विटामिन A और कैल्शियम की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर के लिए बेहद लाभकारी है।
छठ पूजा के दौरान बनाए जाने वाले पारंपरिक व्यंजन व्रतधारी को शारीरिक और मानसिक रूप से संतुलित रखने में मदद करते हैं। इन व्यंजनों में प्राकृतिक और सात्विक तत्व होते हैं, जो उपवास के दौरान ऊर्जा और शक्ति का संचार करते हैं। छठ पूजा के समय यह महत्वपूर्ण है कि केवल शुद्ध और साधारण भोजन ही किया जाए, ताकि शरीर और मन शुद्ध रह सके। इन पारंपरिक प्रसादों के साथ, सूर्य देवता और उषा देवी की पूजा करते हुए हम अपनी श्रद्धा और आस्था को और अधिक गहरा करते हैं।
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