Operation Sindoor के बाद Pakistan ने दी थी न्यूक्लियर अटैक की धमकी, पार्लियामेंटरी स्टैंडिंग कमेटी में क्या बोले Vikram Misri, शशि थरूर का भी आया बयान
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सोमवार को एक संसदीय समिति को बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष हमेशा पारंपरिक दायरे में रहा और पड़ोसी देश की ओर से कोई परमाणु संकेत नहीं दिया गया था। विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति की बैठक के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि कोई विशेष प्रस्ताव पारित नहीं हुआ। कई सदस्यों की इच्छा थी कि विदेश सचिव के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए प्रस्ताव पारित किया जाए। विदेश मंत्रालय और विदेश सचिव खुद ऐसा प्रस्ताव नहीं लाना चाहते थे। हम उनके विचार का सम्मान करते हैं, लेकिन हम सभी सदस्यों की ओर से विदेश सचिव के प्रति समर्थन और एकजुटता की भावना से आपको अवगत कराते हैं।
बैठक के दौरान कुछ सदस्यों ने यह सवाल भी पूछा कि क्या पाकिस्तान की तरफ से किसी तरह के न्यूक्लियर हमले की कोई जानकारी या धमकी थी। इस पर विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से किसी तरह के कोई न्यूक्लियर हमले की धमकी या जानकारी नहीं थी और यह पूरी तरह से कन्वेंशनल युद्ध था।
तीसरे पक्ष की भूमिका से किया इंकार
सूत्रों ने कहा कि मिसरी ने सरकार के रुख को दोहराया कि सैन्य कार्रवाई रोकने का निर्णय द्विपक्षीय स्तर पर लिया गया था, क्योंकि कुछ विपक्षी सदस्यों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से संघर्ष को रोकने में उनके प्रशासन की भूमिका को लेकर बार-बार किए गए दावों को लेकर सवाल उठाया। सूत्रों ने बताया कि कुछ सांसदों ने पूछा कि क्या पाकिस्तान ने संघर्ष में चीनी मंचों का इस्तेमाल किया है। मिसरी ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि भारत ने पाकिस्तानी हवाई ठिकानों को तबाह कर दिया।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति की बैठक में तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, कांग्रेस के राजीव शुक्ला और दीपेंद्र हुड्डा, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और भाजपा की अपराजिता सारंगी एवं अरुण गोविल आदि ने भाग लिया। यह बैठक भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने और उसके बाद दोनों देशों के बीच हुए सैन्य संघर्ष की पृष्ठभूमि में हुई। भारत और पाकिस्तान 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए सहमत हुए थे।
सोशल मीडिया पर ट्रोल करने की निंदा की
विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी को सोशल मीडिया पर ट्रोल किए जाने की एक सुर में निंदा की तथा उनके पेशेवर आचरण की प्रशंसा की। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। मिसरी पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के बारे में संसदीय समिति को जानकारी दे रहे थे।
भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर बनी सहमति के बाद विदेश सचिव को सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा। हालांकि राजनीतिक नेताओं, पूर्व नौकरशाहों और सेना के सेवानिवृत्त अधिकारियों ने मिसरी का समर्थन किया। इनपुट भाषा Edited by: Sudhir Sharma