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  4. MJ Akbar is back in Team Modi, BJP gave him this responsibility, he was out after MeToo
Last Updated : सोमवार, 19 मई 2025 (09:45 IST)

टीम मोदी में एमजे अकबर की वापसी, ये जिम्मेदारी दी बीजेपी ने, MeToo के बाद हुए थे बाहर

MJ Akbar is back in Team Modi
कभी मीटू विवादों में फंसे अकबर की अब पीएम नरेंद्र मोदी सरकार की टीम की वापसी हो रही है। 74 साल के अकबर को सरकार ने सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक में शामिल किया है, जो पाकिस्तान की तरफ से होने वाले आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष वैश्विक समुदाय के सामने रखेंगे। बता दें कि मीटू मूवमेंट में एमजे अकबर का नाम आया था, जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पडा था। 7 साल पहले 2018 में उन्हें मीटू के आरोपों के बाद विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

दरअसल केंद्र सरकार (Central government) पाकिस्तान (Pakistan) का पोल खोलने के लिए जो सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश भेज रहा है उसमें एमजे अकबर का भी नाम है। सात साल पहले 2018 में उन्हें मीटू के आरोपों के बाद विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। मोदी सरकार वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ मोर्चा खोलने और पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को रवाना करने वाली है।

क्या मिली जिम्मेदारी : बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर का सच बताने के लिए ये टीमे अलग-अलग देशों का दौरा करेंगी। इसमें बीजेपी की तरफ से रवि शंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस से शशि थरूर, जेडीयू से संजय कुमार झा, डीएमके से कनिमोझी करुणानिधि, एनसीपी (SP) से सुप्रिया सुले शिवसेना से श्रीकांत शिंदे को शामिल किया या है। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद की टीम में एमजे अकबर को भी जगह दी गई है। यह टीम यूरोपीय यूनियन और यूरोप के देशों जैसे कि यूके, फ्रांस, जर्मनी, इटली और डेनमार्क का दौरा करेगी।

क्यों चुना एमजे अकबर को : बता दें कि आतंकवाद को लेकर एमजे अकबर पाकिस्तान के खिलाफ काफी मुखर रहे हैं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय सेना की भी जमकर तारीफ की थी। उन्होंने पीएम मोदी की भी तारीफ करते हुए कहा था कि लोग जो सोच भी नहीं सकते आप उसे मुमकिन करके दिखा देते हैं। आपने पाकिस्तान का भी वही हाल किया है। बता दें कि एमजे अकबर ने लंबे समय तक पत्रकारिता की और इसके बाद कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे। 1989 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर किशनगंज बिहार से चुनाव लड़ा था। दो साल बाद 1991 में दोबारा हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
Edited By: Navin Rangiyal 
 
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