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Last Modified: सोमवार, 15 नवंबर 2021 (15:44 IST)

अलविदा मन्नू भंडारी, जानें उनकी प्रमुख रचनाएं

अलविदा मन्नू भंडारी, जानें उनकी प्रमुख रचनाएं - life  of mannu bhandari
सुप्रसिद्ध साहित्यकार और उपन्यासकार मन्नू भंडारी अब हमारे बीच नहीं रहीं। मध्यप्रदेश में मंदसौर जिले के भानपुरा गांव में 3 अप्रैल, 1939 - को उनका जन्म हुआ था। उनके बचपन का नाम महेंद्र कुमारी था, लेकिन लेखन के लिए उन्होंने मन्नू नाम अपनाया। एम.ए. तक उन्होंने पढ़ाई की थी। इसके बाद अध्यापक के तौर पर दिल्ली के प्रतिष्ठित मिरांडा हाउस कॉलेज में अपनी सेवा दी। 15 नवंबर 2021 को मन्नू भंडारी का निधन हो गया। 
 
उपन्यास 'आपका बंटी' से लोकप्रियता के शिखर पर पहुंच गईं। मन्नू भंडारी विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में प्रेमचंद सृजनपीठ की अध्यक्ष भी रहीं। लेखन का संस्कार उन्हें विरासत में मिला। उनके पिता सुख सम्पत राय भी जाने माने लेखक थे।

बालकाल्‍य से ही मन्नू भंडारी ने लिखना शुरू कर दिया था।  उनकी प्रमुख  रचनाएँ :


कहानी-संग्रह :- एक प्लेट सैलाब, मैं हार गई, तीन निगाहों की एक तस्वीर, यही सच है, त्रिशंकु, श्रेष्ठ कहानियाँ, आँखों देखा झूठ, नायक खलनायक विदूषक।

उपन्यास : आपका बंटी, महाभोज, स्वामी, एक इंच मुस्कान और कलवा, एक कहानी यह भी।

पटकथाएं  : रजनी, निर्मला, स्वामी, दर्पण।

नाटक : बिना दीवारों का घर।

देशभर में प्राप्त किया सम्मान 

उन्हें मप्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन का भवभूति अलंकरण और हिन्दी अकादमी, दिल्ली का शिखर सम्मान प्राप्त हुआ। इसके अलावा बिहार सरकार, भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, व्यास सम्मान और उत्तर-प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा भी वे पुरस्कृत हुईं।
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