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Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 16 जुलाई 2025 (13:15 IST)

कौन हैं ग्रैंड मुफ्ती ऑफ इंडिया जिन्होंने रुकवाई नर्स निमिषा प्रिया की फांसी? पहले भी रह चुके हैं चर्चा में

nimisha priya latest news hindi
grand mufti of india in hindi : यमन में मौत की सज़ा का सामना कर रही केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी पर फिलहाल रोक लगा दी गई है, और इस राहत के पीछे एक बड़ा नाम सामने आया है - ग्रैंड मुफ्ती ऑफ इंडिया, शेख अबूबकर अहमद मुसलियार। निमिषा को 16 जुलाई को यमन में फांसी दी जानी थी, जिसे टालने के लिए भारत सरकार भी प्रयास कर रही थी। यह खबर न केवल निमिषा के परिवार के लिए उम्मीद की किरण लेकर आई है, बल्कि इसने एक बार फिर भारत में धार्मिक सद्भाव और मानवीय मूल्यों की शक्ति को उजागर किया है। आइए जानते हैं कौन हैं ग्रैंड मुफ्ती और कैसे उन्होंने इस जटिल मामले में हस्तक्षेप किया।

ग्रैंड मुफ्ती ऑफ इंडिया: शेख अबूबकर अहमद मुसलियार
ग्रैंड मुफ्ती ऑफ इंडिया का पूरा नाम शेख अबूबकर अहमद मुसलियार है, जिन्हें कंथापुरम ए.पी. अबूबकर मुसलियार के नाम से भी जाना जाता है। वे भारत के दसवें और वर्तमान ग्रैंड मुफ्ती हैं, जो भारत में सुन्नी मुस्लिम समुदाय के सर्वोच्च धार्मिक नेता हैं। उनका जन्म 22 मार्च 1931 को केरल के कोझिकोड जिले के कंथापुरम गाँव में हुआ था। वे अपने गृह राज्य केरल में रहते हैं और ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उलेमा के महासचिव भी हैं।

उन्हें 24 फरवरी, 2019 को अखिल भारतीय तंज़ीम उलेमाए इस्लाम की ओर से नई दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित गरीब नवाज़ शांति सम्मेलन में ग्रैंड मुफ्ती चुना गया था। यह पद उन्हें इस्लामिक कानून (फतवा) पर कानूनी राय देने और धार्मिक व सामाजिक मामलों पर मार्गदर्शन प्रदान करने का अधिकार देता है। वे इस पद पर पहुंचने वाले दक्षिण भारत के पहले व्यक्ति हैं, जो केरल के मुस्लिम समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।

कैसे की प्रिया की मदद?
निमिषा प्रिया को 2017 में यमन के एक व्यापारी तलाल अब्दो महदी की हत्या के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद से वह सना जेल में बंद थीं। निमिषा का कहना है कि उन्होंने महदी को केवल बेहोश करने के लिए केटामाइन का इंजेक्शन लगाया था, लेकिन ओवरडोज के कारण उसकी मौत हो गई। यमन के कानून के तहत, पीड़ित के परिवार को 'ब्लड मनी' देकर दोषी को सजा से बचाया जा सकता है। निमिषा के परिवार ने 'ब्लड मनी' के लिए कई प्रयास किए थे, लेकिन सफलता नहीं मिली थी।

ऐसे में, ग्रैंड मुफ्ती अबूबकर मुसलियार ने इस मामले में हस्तक्षेप किया। उन्होंने यमन के सूफी धार्मिक नेताओं और विद्वानों से संपर्क किया, और उनसे मृतक महदी के परिवार से बातचीत करने का आग्रह किया। मुसलियार ने बताया कि इस्लाम में एक ऐसा कानून है जो पीड़ित के परिवार को हत्यारे को माफ करने की अनुमति देता है, खासकर यदि 'ब्लड मनी' का भुगतान किया जाता है। उन्होंने यमनी विद्वानों को इस मानवीय पहलू को समझाने का प्रयास किया और फांसी को अस्थायी रूप से स्थगित करने का अनुरोध किया, जिस पर यमनी प्रशासन ने विचार किया और फिलहाल फांसी पर रोक लगा दी गई है।

इस्लाम में कौन होते हैं मुफ्ती?
इस्लाम में, मुफ्ती एक उच्च-पदस्थ इस्लामी विद्वान होते हैं जो इस्लामिक कानून (शरिया) की व्याख्या करने और धार्मिक या सामाजिक मुद्दों पर गैर-बाध्यकारी कानूनी राय (फतवा) जारी करने के लिए अधिकृत होते हैं। वे कुरान, हदीस और इस्लामी न्यायशास्त्र के गहरे जानकार होते हैं। मुफ्ती का पद मौलवी या मौलाना से उच्च माना जाता है, और वे समुदाय को धार्मिक मार्गदर्शन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ग्रैंड मुफ्ती किसी देश या क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के सर्वोच्च मुफ्ती होते हैं।

पहले भी रहे हैं चर्चा में
शेख अबूबकर अहमद मुसलियार पहले भी कई बार चर्चा में रहे हैं। वे अपने शांति प्रयासों, धार्मिक संवाद और शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कामों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने 2014 में ISIS के खिलाफ शुरुआती फतवे जारी किए थे और भारत के विविध समाज में धर्मनिरपेक्ष भावना को बढ़ावा देते रहे हैं। उन्होंने अरबी, उर्दू और मलयालम में 60 से ज्यादा किताबें लिखी हैं और कई शैक्षणिक व सांस्कृतिक संस्थानों का संचालन किया है। 2023 में उन्हें मलेशिया के राजा द्वारा "टोकोह माल हिजरा इंटरनेशनल अवॉर्ड" से भी सम्मानित किया गया था। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के दौरान भी उन्होंने अपने बयानों से सुर्खियां बटोरी थीं, जहाँ उन्होंने महिलाओं को सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन न करने की नसीहत दी थी।

ग्रैंड मुफ्ती की यह पहल निमिषा प्रिया के जीवन को बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, और यह एक बार फिर दर्शाता है कि कैसे धार्मिक नेता मानवीय संकटों में आशा की किरण बन सकते हैं।