शुक्रवार, 27 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. साहित्य आलेख
  4. Hindi diwas 2021 Vama Sahitya Manch
Written By
Last Updated : सोमवार, 13 सितम्बर 2021 (15:34 IST)

वामा साहित्य मंच ने मनाया हिंदी दिवस, 60 नारे रचकर व्यक्त की भावनाएं

वामा साहित्य मंच ने मनाया हिंदी दिवस, 60 नारे रचकर व्यक्त की भावनाएं - Hindi diwas 2021 Vama Sahitya Manch
जन-जन की भाषा हिंदी,सब को लुभाने वाली हिंदी,सरलता से बोली-लिखी-पढ़ी जाने वाली हिंदी को हमारा नमन।।हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में  वामा साहित्य मंच का प्रमुख आकर्षण था ‘हिंदी पर नारे।
 
 वामा साहित्य मंच इंदौर के साहित्य जगत की जानी मानी संस्था है.... मंच ने हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी को सम्मान देने के लिए नारे प्रतियोगिता का आयोजन किया। सभी वामा सदस्याओं ने बढ़-चढ़कर भाग लेकर हिंदी के प्रति अपना प्रेम ज़ाहिर किया।  कार्यक्रम की अध्यक्षता की साहित्यकार गोपाल माहेश्वरी ने।
 
मंच की अध्यक्ष श्रीमती अमर चढ्डा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि भारतीय भाषाएं नदियां है तो हिंदी महानदी है। यह वैज्ञानिक और विश्व की तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली लोकप्रिय भाषा के रूप में लगातार प्रसिद्धि प्राप्त कर रही है।
 
अंजना चक्रपाणि मिश्र ने हिंदी दिवस पर कविता प्रस्तुत करते हुए बड़े जोर शोर से हिंदी का समर्थन किया। हिंदी को देश की रीढ़ बताते हुए भारतीय अधरों का गौरव बताया।
 
 रुपाली पाटनी ने हिंदी का स्वागत करते हुए उसका भविष्य उज्जवल बताया। साथ ही यह भी कहा कि एक ग्रहणी के स्तर पर हम महिलाएं भी छोटे-छोटे प्रयास कर सकती हैं। हिंदी की प्रासंगिकता शताब्दियों तक कायम रहेगी।
 
वामा साहित्य मंच की सचिव इंदु पाराशर ने तुलसीदास जी का स्मरण करते हुए रचना सुनाई रामकथा घर-घर बसी,हिंदी का प्रतिसाद। रामचरितमानस लिखी,जब कवि तुलसीदास।
 
संस्थापक अध्यक्ष पदमा राजेंद्र ने हिंदी भाषा का महत्व प्रतिपादित करते हुए ‘मैं और हमारी हिंदी ‘ की विस्तृत व्याख्या की। हिंदी एक वैज्ञानिक भाषा है ,तकनीकी रूप से सक्षम और राष्ट्रीय भाषा बनने के लिए एकदम सही है।
 
साहित्यकार गोपाल माहेश्वरी ने कहा कि वस्तुत: हिंदी और तुलसीदास एक दूसरे का पर्याय है। हिंदी को जीवित रखने के लिए हमारी सारी बोलियों को  संरक्षण देना अति आवश्यक है। सारी बोलियां हिंदी का ही रूप है। 
 
उन्होंने नारे लिखने की बारिकियां भी समझाईंं....उन्होंने बताया कि सामान्यतः नारे समान पंक्ति और शब्द में होने चाहिए। वैसे प्रयोग यहां भी मान्य है।
 
 60 सदस्यों द्वारा रचित नारों का स्लाइड शो के माध्यम से प्रदर्शन किया गया। 
 
नारा प्रतियोजिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया कविता अर्गल ने।
 
 अंत में विद्यावती पाराशर ने आभार प्रदर्शित किया। सबने हिंदी का प्रचार-प्रसार करने का संकल्प लिया।
 
 संचालन शोभा प्रजापति ने किया। तकनीकी सहयोग अंजना मिश्र ने दिया। स्लाइड शो तैयार किया बेला जैन और उषा गुप्ता ने। 

ये भी पढ़ें
डॉ. हेमलता दीखित प्रथम साहित्य सम्मान सीमा व्यास को