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हिंदी दिवस की शुभकामनाएं :पढ़ें हिंदी के लिए 40 सरल नारे

हिंदी दिवस की शुभकामनाएं :पढ़ें हिंदी के लिए 40 सरल नारे - Hindi diwas slogans
हिंदी दिवस पर इंदौर शहर के वामा साहित्य मंच ने आयोजित की नारा प्रतियोगिता, जिसमें देश-विदेश की हिंदी प्रेमी सदस्यों ने स्वरचित नारे लिखे। 
 
उनमें से कुछ प्रमुख नारे यहां प्रस्तुत हैं... 
 
प्रीत की प्यासी हिंदी है।
भालो-बाशी ये हिंदी है।।"
प्रीति रांका, इंदौर
 
आओ मिलकर हिंदी का महत्व सिखाएं हम...
गुरुजनों से ली हुई शिक्षा का मान बढ़ाए हम!
निकिता गौर, इंदौर 
 
सभ्य विरासत की
गर्वीली शान है हिंदी !!
भारत के मस्तक का
मान है हिंदी  !!
आशीष होरा, इंदौर 
 
नई दुल्हन के माथे पर
मानो दमकती बिंदी है
सरस, समृद्ध भाषा बस
हिंदी, हिंदी, हिंदी है... 
निशा देशपांडे, इंदौर
 
हम सब हैं कितने धनवान ,
हिंदी भाषा है हमारी शान ।
आशा राजलक्ष्मी शर्मा, इंदौर 
 
हिंदी का मान, देश का सम्मान.
चंद्रकला जैन, चंडीगढ
 
जन जन की है कौनसी भाषा
हिंदी  भाषा-हिंदी  भाषा
मातृ भाषा,ज्ञान की भाषा
सरल,समृद्ध हिंदी  भाषा।
सुधा प्रेम व्यास, खंडवा
 
देश की रीढ़ और जिह्वा-जिह्वा का गान है हिंदी। 
ग्यारह स्वर व तैंतीस व्यंजनों का सुंदर आख्यान है हिंदी।। 
डॉ.अंजना चक्रपाणि मिश्र, इंदौर 
 
भारत के माथे की बिन्दी।
सोच हिंदी ,जोश हिंदी।
शिरिन भावसार, इंदौर 
 
संचार विचार की आधार है
एकता की सुदृढ़ सूत्रधार है 
अतीत के ज्ञान का भंडार है
हिंदी सहज सरल रसधार है
सरला मेहता, इंदौर 
 
हिंदी दिवस पर दे हिंदी मां को प्राण दान,ले मन प्राण से यह वचन,
घर से हमारे हिंदी ना हो विदा,मन से हमारे हिंदी ना हो विदा।
डॉक्टर सारिका सिंघानिया, रायपुर(छत्तीसगढ़)
 
हिंदी की हम संतान   
हिंदी भाषा का सम्मान। 
विश्व में गूंजा गौरव गान।         
गायत्री मेहता,इंदौर
 
हिंदी ऊंची उड़ान है सबकी आन और बान है
ह्रदय में सबके रस घोल दे ऐसी मीठी जुबान है
मधु टाक,इंदौर 
 
सरल सहज सुगम है भाषा हिंदी....
जन-मानस की है अभिलाषा हिंदी...
सुषमा प्रदीप मोघे, इंदौर
 
पूरी दुनिया में शोर है, हिंदी  ही सिरमोर है।
मंजू मिश्रा, इंदौर
 
हिंदी भाषा का तरु अति विशाल
बहु बोलियां निराली मनहु डाल
क्षेत्रीय भाषाएं जानहु इसके पात
हर जन अपनाएं देगा घनी छांव
निरुपमा त्रिवेदी,इंदौर
 
हिंदी नही बोली कोई,उर का संगीत है
हर भारतीय गाए, मधुर वो गीत है।
नीलम तोलानी,इंदौर
 
उपवन हिंदी का खिलेगा जितना,
निज राष्ट्र गौरव बढ़ेगा उतना।
रुपाली पाटनी,इंदौर
 
हमारे अभिमान की भाषा हिंदी है,
हमारे स्वाभिमान की भाषा हिंदी है,
भारत के जन-जन की भाषा हिंदी है.
भावना दामले,इंदौर
 
जन्मभूमि की भाषा,मातृभूमि की अभिलाषा।
सम्मान ओ,अभिमान करें,हिंदी  का गौरव गान करें। 
अलका मंडलोई, कनाडा
 
हिंदी न सिर्फ भाषा है ....
यह समृद्ध सांस्कृतिक विचारधारा है
डॉ. प्रतिभा जैन,इंदौर 
 
सब भाषाओं से दुनिया तो चलती है।
पर हमारी पहचान विश्व में हिंदी से निखरती  है।
सुमन कश्यप, मिशिगन/अमेरिका
 
ज्ञान ज्योति का पुण्य प्रकाश ले आए नया विहान।
भारत भू की स्वर्ण धरा पर गूँजे हिंदी गान। 
स्नेहलता श्रीवास्तव
 
व्यवहार में हिंदी लाइए
विश्व में अपनी पहचान बढ़ाइए।
हंसा मेहता,इंदौर
 
जय हिंदी जय हिंदुस्तान,
है आर्य संस्कृति विश्व महान।
हिंदी ही अपनी पहचान,
हिंदी भाषा मेरी जान।। 
प्रीति दुबे,इंदौर
 
हिंदी भाषा में बसे हैं, हर हिंदुस्तानी के प्राण।
हिंदी भाषा ही है,हमारी आन बान और शान। 
सुधर्मा जैन,इंदौर
 
राष्ट्रभाषा का गौरव बढ़ाना है
हिंदी को माध्यम बनाना है
स्वाति'सखि' जोशी/पुणे
 
हम सब की शान है हिंदी
भारतवर्ष की जान है हिंदी
आरती चित्तौड़ा, जयपुर
 
हे मातृभाषा तेरा वंदन है,
विश्व पटल पर महकता
हिंदी का चंदन है।
विनिता शर्मा,इंदौर
 
"सब भाषाओं में न्यारी,
   सदा हमें लगती प्यारी,
      हिंदी  भाषा हमारी"
          बकुला पारेख,इंदौर 
 
भारत के स्वाभिमान की परिभाषा '
सरल सुगम हिंदी  हो हमारी राष्ट्रभाषा ।
सरला मनु व्यास, भोपाल
 
अ से ज्ञ तक स्वर और व्यंजन,बिंदु, अल्प या पूर्णविराम।
आकार,ऊकार,अक्षर भाषा बन करते हिंदी का श्रृंगार।।
नुपूर प्रणय वागले,इंदौर
 
महान प्यारा भारत देश हमारा
पूरे विश्व मे गूंजे हिंदी का नारा-
स्नेहा काले,इंदौर
 
विश्व भाषाओं में सम्मान। 
हिंदी है मेरा अभिमान।।   
शारदा मंडलोई,इंदौर
 
हिंदी से जुड़ी सबकी आशा है
यह हमारी हिंदी भाषा है-
आशा मुंशी,इंदौर
 
वर्ष में एक बार क्यों हिंदी दिवस मनाया जाए
हिंदी भारत की शिरोभाषा है, इसे राष्ट्र भाषा बनाया जाए
मीनाक्षी रावल, इंदौर
 
सरस बोली गुंजित है आज,
अपनी सुंदरता में छुपाती अद्भुत इतिहास।
हर कविता और कथन की देती अनोखी आवाज़,
हिंदी है भाषा का सरताज।
स्वाति मंडलोई, सिंगापुर
 
भारत के माथे की बिन्दी।
सोच हिंदी,जोश हिंदी।
शिरिन भावसार,इंदौर
 
सरल,समग्र,रसमय है
हिंदी भाषा से प्रणय है
डॉ. कुसुम मेढ़, भोपाल 
 
नारा है पुरातन, मधुर हमारी भाषा
हिंदी विश्व की चाहत और आशा 
प्रेमलता मेहता, शिवपुरी  
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