गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
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Written By WD Feature Desk

इन 9 तरह के साग से घट जाएगा आपका यूरिक एसिड

high uric acid home remedies in hindi
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Home remedies for uric acid: पीठ के दोनों ओर दर्द होना, लगातार पेशाब आना, उलटी अथवा मितली होना, पैरो में सूजन आना, जोड़ों में दर्द, उंगलियों में सूजन, घुटनों में दर्द आदि शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण हैं। यूरिक एसिड बड़ने से कई तरह के रोग होने लगते हैं। जैसे गुर्दे के रोग, हार्ट अटैक, जोड़ों में दर्द आदि कई तरह की समस्या होने लगती है। डॉक्टर की सलाह से इन 9 साग सब्जियों को खाकर आप यूरिक एसिड को कम कर सकते हो।
चना साग : चने का साग कई तरह के पोषक तत्वों जैसे- प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, आयरन, कैल्शियम और विटामिन सी, विटामिन बी, फोलेट से भरपूर होता है। चना साग डाबिटीज, नेत्र रोग, कब्ज, इम्यूनिटी, मोटापा, कोलेस्ट्रॉल आदि में लाभदायक है। यह यूरिक एसिड को कम करने में भी सहायक है।
 
बथुआ साग : बथुआ एक हरी सब्जी का नाम है, इसका साग प्रतिदिन खाने से गुर्दों में पथरी नहीं होती। बथुए की औषधीय प्रकृति के अनुसार इसमें लोहा, पारा, सोना और क्षार पाया जाता है। इसकी प्रकृति ठंडी होती है, यह अधिकतर गेहूं के साथ उगता है और जब गेहूं बोया जाता है, उसी सीजन में मिलता है। मूत्राशय, गुर्दा और पेशाब के रोगों में बथुए का साग लाभदायक है। इसमें प्यूरीन की मात्रा न के बराबर होती। यह यूरिक एसिड को कम करने में सहायक है।
 
कोझियारी भाजी : कोझियारी भाजी की भाजी साल में दो तीन बार जरूर खाएं। कोझियारी भाजी यानी जंगल में होने वाली सफेद मूसली का पत्ता। यह भी यूरिक एसिड को कम करने में भी सहायक है।
चौलाई का साग : यह हरी पत्तेदार सब्जी है जिसके डंठल और पत्तों में प्रोटीन, विटामिन ए और खनिज की प्रचुर मात्रा होती है। चौलाई में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन-ए, मिनरल्स और आयरन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इस सब्जी को खाने से आपके पेट और कब्ज संबंधी किसी भी प्रकार के रोग में लाभ मिलेगा। चौलाई की सब्जी का नियमित सेवन करने से वात, रक्त व त्वचा विकार दूर होते हैं।चौलाई को खाने से आंतरिक रक्तस्राव बंद हो जाता है। यह सब्जी खूनी बवासीर, चर्मरोग, गर्भ गिरना, पथरी रोग और पेशाब में जलन जैसे रोग में बहुत ही लाभदायक सि‍द्ध हुई है।
सलाद पत्ता लेट्यूस : इसका उपयोग सलाद में अक्सर होता है। इसमें आमतौर पर प्यूरीन कम होता है। कई देशों में इसका उपयोग सलाद के रूप में होता है और साथ ही इसका सूप और सब्जी के रूप में भी उपयोग है।
 
अरुगुला : हरे रंग के चटपटे इसके पत्तों में भी प्यूरीन की मात्रा बहुत ही कम होती है। सलाह के रूप में यह खाने के स्वाद को बढ़ा देता। यूरिक एसिड से पीड़ित लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प हो सकता है।
 
बोक चॉय : यह एक प्रकार की चायनी गोभी है। बहुत ही कम प्यूरीन वाली सब्जी है जो विटामिन और खनिजों से भरपूर है। इसका उपयोग स्टर-फ्राई और सूप के रूप में किया जा सकता है।
 
स्विस चार्ड : स्विस चार्ड एक पत्तेदार हरा रंग है जिसमें प्यूरीन कम होता है और विटामिन ए सहित कई पोषक तत्वों से यह भरपूर हैं। इसका उपयोग भी सलाद और सूप के रूप में करते हैं।
 
पालक साग : सर्दियों में पालक खाने के बहुत सारे फायदे हैं। इसमें भरपूर आयरन होता है जिससे खून की कमी दूर होती है। इसाथ ही इसमें विटामिन ए, बी, सी कैल्शियम, एमिनो और फोलिक एसिड भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। पालक की सब्जी बनाकर खाएं या इसका ज्यूस बनाकर पिएं यह दोनों ही फायदेमंद है। इसे कच्चा भी खा सकते हैं। यह यूरिक एसिड को कम करना है क्योंकि इसमें प्यूरीन की माता न के बराबर होती है। हालांकि इसे डॉक्टर की सलाह से ही खाएं।
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