क्रिसमस के लंबे वीकेंड की बाद सुस्ती दूर करेगा 'सर्वश्रेष्ठ संभव आत्म'' व्यायाम
जब आपको लंबी वीकेंड की छुट्टियां मिलती है तो मन वैसे ही खुश हो जाता है। कई सारे प्लान बनने लगते हैं। देखा जाए तो क्रिसमस पर काफी लंबी छुट्टियां मिलती है। लेकिन लोगों में एक चीज देखी जा रही है कि छुट्टियां खत्म होने के बाद वे अवसाद का शिकार हो जाते हैं। क्रिसमस के बाद ऐसा लोग अधिक महसूस करते हैं आइए जानते हैं। ऐसा क्या है जो अवसाद का कारण बन जाता है।
दरअसल, कुछ लोग लक्ष्यों से संबंधित होते हैं। जी हां, क्रिसमस के बाद एकदम से एहसास होता है कि ये साल भी खत्म होने वाला है। लेकिन जो लक्ष्य तय किए थे वह पूरे किए, कुछ नया किया अगर आपने अपने लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत की होगी तो आप में सकारात्मक भावना का विचार होगा। आप प्रेरित होंगे, उत्साहित होंगे और खुश रहेंगे। और उससे भी खुशी तब अधिक होती है जब आप कोई लक्ष्य रखते हैं और उसमें प्रगति देखते हैं तो आप में सकारात्मक भावना बढ़ जाती है।
लेकिन मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि खराब मूड, खालीपन, अपने मन की उदासी लंबे वक्त तक रह सकती है। इससे जल्द से जल्द छुटकारा हासिल करने की कोशिश करें। छुटकारा हासिल नहीं करने पर यह अवसाद का कारण बन जाता है। अगर आपके साथ भी ऐसा ही है तो खुश रहने का कारण खोजें। क्रिसमस पर लोग इसलिए भी खुश होते हैं क्योंकि वे चाहते हैं कि घर को बहुत अच्छे डेकोरेट करें, पार्टी करें, सेलिब्रेशन हो। जब यह सभी इच्छा पूरी होती है तो सकारात्मक भावना का संचार होता है। साथ ही क्रिसमस या अन्य त्योहार के बाद आप भी दुखी हो जाते हैं तो इसी तरह फिर से नए लक्ष्य रखें। जिसे पूरा करने पर आपको खुशी मिलेगी।
अक्सर लोग इसलिए भी नाखुश हो जाते हैं क्योंकि उन्हें क्रिसमस की लंबी छुट्टी के बाद ऑफिस जाना होता है। इस खालीपन को दूर करने के लिए और तरीका है। जनवरी साल का नया पहला महीना होता है। ऐसे में नए साल के दिन एक रोमांचक लक्ष्य जरूर रखें। जो आपकी नकारात्मक भावना को दूर करेगा।
मानसिक स्वास्थ्य के साथ ही आपको शरीर की देखभाल करना भी जरूरी है। क्योंकि आपके खान-पान का भी मानसिक स्थिति पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इस सीजन में भूख अधिक लगती है। जिससे वजन भी तेजी से बढ़ता है। लेकिन आपको बता दें कि अधिक वजन से इंसान चिड़चिड़ा हो जाता है। जिसके लिए बीच-बीच में उपवास करना जरूरी है। जिससे आपकी सेहत अच्छी रहेगी।
गौरतलब है कि कई लोग इन छुट्टियों में हद से अधिक खाते हैं और हद से अधिक पीते हैं। जो आपके मूड को पूरी तरह से प्रभावित करते हैं। लोग वक्त से 5 फीसदी अधिक वीकेंड पर सोते हैं। जो सीधे-सीधे आपके मूड को प्रभावित करते हैं। एक गतिविधि ''सर्वश्रेष्ठ संभव आत्म'' व्यायाम है, जहां आप भविष्य में खुद की कल्पना करते हैं जिसमें सब कुछ वैसा ही हो गया जैसा आप चाहते थे। इससे सकारात्मक भावनाओं में तत्काल वृद्धि होती है। अध्ययनों से पता चला है कि ऐसा करने वाले लोग पांच महीने बाद अपने डॉक्टर के पास कम गए।
यहां एक अनुकूलित ''सर्वश्रेष्ठ संभव आत्म'' व्यायाम के बारे में बताया गया, है जिसे आप कभी भी आज़मा सकते हैं।