what happens when you skip meals: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में समय की कमी, वेट लॉस का प्रेशर या कभी-कभी बस काम के चक्कर में लोग दिन का कोई एक या दो वक्त का खाना स्किप कर देते हैं। कुछ लोग इसे हेल्दी मानते हैं, तो कुछ आदत में ऐसा करने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नियमित रूप से भोजन छोड़ना आपके शरीर पर कई गहरे और चौंकाने वाले असर डाल सकता है?
हमारा शरीर एक जटिल मशीन की तरह काम करता है, जिसे सही समय पर ईंधन यानी खाना चाहिए होता है। जब आप भोजन को स्किप करते हैं, तो शरीर को वो ऊर्जा नहीं मिलती जिसकी उसे सबसे ज्यादा ज़रूरत होती है। इससे शरीर पर शारीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर असर पड़ता है और वो भी ऐसे जिनकी शायद आपने कल्पना भी नहीं की होगी। आइए जानते हैं भोजन छोड़ने से शरीर पर पड़ने वाले 7 गहरे और चौंकाने वाले प्रभाव।
1. ब्रेन फॉग और फोकस की कमी
जब आप भोजन स्किप करते हैं, खासकर ब्रेकफास्ट, तो आपके दिमाग को ग्लूकोज़ नहीं मिल पाता, जो उसकी मुख्य ऊर्जा है। इससे सोचने की क्षमता, फोकस और याददाश्त पर असर पड़ता है। आप खुद को दिनभर थका-थका, चिड़चिड़ा और डिस्कनेक्टेड महसूस कर सकते हैं। ऑफिस या पढ़ाई के समय परफॉर्मेंस डाउन होना आम है।
2. मसल लॉस की संभावना
खाना न खाने पर शरीर एनर्जी के लिए पहले ग्लूकोज़ का इस्तेमाल करता है, लेकिन जब वो खत्म हो जाता है, तो मसल्स को ब्रेकडाउन करके अमीनो एसिड से ऊर्जा बनाता है। यानी लंबे समय तक खाना स्किप करना आपकी मसल्स को कमजोर करता है। जिम करने वालों के लिए ये एक बहुत बड़ी गलती हो सकती है।
3. ब्लड शुगर लेवल का गिरना
जो लोग डायबिटीज के मरीज हैं या लो ब्लड शुगर की समस्या से जूझते हैं, उनके लिए भोजन स्किप करना खतरनाक साबित हो सकता है। इससे चक्कर आना, पसीना आना, थकावट, कंपकंपी और यहां तक कि बेहोशी तक हो सकती है। शरीर में एनर्जी की कमी का सीधा असर ब्लड शुगर पर पड़ता है।
4. बिंग ईटिंग और वजन बढ़ने की आशंका
कई लोग वजन घटाने के चक्कर में खाना छोड़ देते हैं, लेकिन यह तरीका उल्टा असर करता है। जब आप बहुत देर तक भूखे रहते हैं, तो अगली बार ज़रूरत से ज्यादा खा लेते हैं, जिसे binge eating कहते हैं। इससे मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है और फैट स्टोरेज बढ़ जाती है। यानी वजन कम करने की बजाय बढ़ सकता है।
5. मूड स्विंग और चिड़चिड़ापन
भोजन शरीर के साथ-साथ मूड को भी नियंत्रित करता है। जब आप लंबे समय तक भूखे रहते हैं, तो शरीर में सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे गुड मूड हार्मोन्स की मात्रा कम होने लगती है। इससे तनाव, एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसे लक्षण उभर सकते हैं। यही वजह है कि भूख लगने पर हम अक्सर गुस्सा करने लगते हैं।
6. हॉर्मोनल असंतुलन
भोजन न करना शरीर के हॉर्मोन बैलेंस को भी बिगाड़ सकता है। महिलाओं में इसका असर पीरियड साइकल पर, थायरॉइड फंक्शन पर और फर्टिलिटी पर भी पड़ सकता है। पुरुषों में भी टेस्टोस्टेरोन लेवल गिर सकता है जिससे कमजोरी और थकावट बढ़ सकती है।
7. डाइजेशन पर असर
खाना न खाने से पेट खाली रहता है, जिससे पाचन क्रिया धीमी हो जाती है। इससे कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। खासतौर पर अगर आप लंच या डिनर स्किप करते हैं तो पेट का एसिड लेवल असंतुलित हो जाता है, जो लंबे समय में अल्सर जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है।
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