कोरोना वायरस का प्रकोप अभी खत्म भी नहीं हुआ...मरीजों के ठीक होने का आंकड़ा एक स्तर पर भी नहीं पहुंचा...कोरोना से जंग हार चुके मरीजों के घर में मौत का मातम भी शांत नहीं हुआ कि एक दूसरी बीमारी ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। कोविड से ठीक हुए लोगों के घर पहुंचने के बाद अब एक और नई बीमारी जन्म ले रही है जिसकी खबर न परिजन को है ना ही मरीजों को। म्यूकर माइकोसिस जैसी घातक बीमारी को लेकर धीरे-धीरे देश में हड़कंप मचने लगा है। म्यूकर माइकोसिस से जुड़ें कई सवाल मरीजों के मन में उठने लगे हैं। लेकिन सबसे पहले जानेंगे म्यूकर माइकोसिस क्या होता है?
म्यूकर माइकोसिस को ब्लैक फंगस इंफेक्शन भी कहा जाता है। पोस्ट कोविड-19 मरीजों में यह बीमारी सबसे अधिक उभर कर आ रही है। यह फंगल इंफेक्शन नाक से शुरू होता है, इसके बाद मुंह में होता है, फिर आंखों में पहुंचता है और फिर दिमाग तक चला जाता है। सही वक्त पर लक्षण पहचान कर इलाज भी संभव है। हालांकि यह इंफेक्शन डायबिटीज मरीजों को सबसे अधिक प्रभावित कर रहा है। आइए जानते हैं म्यूकर माइकोसिस से जुड़ी कुछ जानकारियां-
म्यूकर माइकोसिस बीमारी का खतरा इन 6 लोगों को अधिक है -
1.डायबिटीज के मरीजों में
2.स्टेरॉयड का अधिक सेवन करने वालों में
3.ICU में रहने वाले मरीजों में
4.गंभीर बीमारियों का शिकार हो
5.पोस्ट ट्रांसप्लांट और मैलिग्नेंसी वाले लोगों में
6.वोरिकोनाज़ोल थेरेपी वाले लोगों में
म्यूकर माइकोसिस के लक्षण -
1.साइनस की परेशानी होना, नाक बंद हो जाना, नाक की हड्डी में दर्द होना
2.नाक से काला तरल पदार्थ या खून बहना
3.आंखों में सूजन, धुंधलापन दिखना
4.सीने में दर्द उठना
5.सांस लेने में समस्या होना
6.बुखार
ब्लैक फंगस इंफेक्शन से बचाव के लिए क्या करें-
1.कोविड से ठीक होने के बाद अपना ब्लड शुगर लेवल चेक करते रहें।
2.डॉ. की सलाह से ही स्टेरॉयड का उपयोग करें, उनकी सलाह से ही स्टेरॉयड के डोज कम ज्यादा करें।
3.डॉ. की सलाह से ही एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दवाइयां का उपयोग करें।
4.ह्यूमिडिफायर में साफ पानी का इस्तेमाल करें।
5.हाइपरग्लाइसीमिया को नियंत्रण में रखें।
ब्लैक फंगस इंफेक्शन से बचाव के लिए और नियंत्रण करने के लिए आईसीएमआर ने गाइडलाइन्स जारी की है। आइए जानते हैं क्या कहा -
1.डायबिटीज मरीज अपना शुगर कंट्रोल करें।
2.स्टेरॉयड के इस्तेमाल को डॉक्टर की सलाह से कम करें।
3.इम्यूनिटी बूस्टर दवाइयों को बंद कर दें।
4.एंटिफंगल प्रोफिलैक्सिस की जरूरत नहीं होने पर नहीं लें।
ब्लैक फंगस इन्फेक्शन का इलाज कैसे हो सकता है-
1.बॉडी को हाइड्रेट नहीं होने दें यानि पानी की कमी नहीं होने दें।
2.4 से 6 सप्ताह एंटिफंगल थेरेपी ले सकते हैं।
3.सेंट्रल कैथेटर की मदद लें।
4.रेडियो इमेजिंग तकनीकों के साथ ऑब्जर्व करते रहें।
ब्लैक फंगस इंफेक्शन से बचाव के लिए डॉ. की मदद जरूर लें। हर समय मास्क जरूर पहनें। अपने आसपास की स्वच्छता का पूरा ख्याल रखें। इन दिनों कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। सीडीसी द्वारा जारी रिपोर्ट में यह वायरस 6 फीट दूर तक भी फैल सकता है। घातक वायरस से ब्लड शुगर का लेवल भी तेजी से बढ़ने लगता है। इससे चेहरा सुन्न पड़ना, दांतों में दर्द, सूजन आना, दांत गिरना, गले दुखना जैसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करें। मामूली लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉ. से संपर्क करें।