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Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 6 नवंबर 2024 (16:21 IST)

Health Alert : स्किन कैंसर की सुरक्षा के लिए बहुत असरदार हैं ये उपाय

जानिए सनस्क्रीन का नियमित उपयोग कैसे कम करता है स्किन कैंसर का जोखिम?

Sunscreen for Skin Cancer
Sunscreen for Skin Cancer : सनस्क्रीन क्रीम का उपयोग त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाने के लिए एक सरल लेकिन अत्यंत प्रभावी तरीका है। इसके नियमित उपयोग से त्वचा कैंसर का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है। सूर्य की किरणों से आने वाली यूवी (अल्ट्रावॉयलेट) किरणें त्वचा की गहरी परतों तक पहुंचकर उसे खराब कर सकती हैं, जिससे स्किन कैंसर का खतरा बढ़ता है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे सनस्क्रीन का उपयोग करने से स्किन कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है और यह हमारी त्वचा को किस प्रकार से लाभ पहुंचाता है।
 
1. सूर्य की हानिकारक किरणों से सुरक्षा
सनस्क्रीन का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह त्वचा को सूर्य की UVA और UVB किरणों से बचाता है। UVA किरणें त्वचा में गहरे तक प्रवेश करती हैं और उसे समय से पहले बूढ़ा बना सकती हैं, जबकि UVB किरणें त्वचा की ऊपरी परत को जला देती हैं और इसे नुकसान पहुंचाती हैं। यह क्षति त्वचा के डीएनए में बदलाव ला सकती है, जो आगे चलकर स्किन कैंसर का कारण बन सकता है। सनस्क्रीन में SPF (सन प्रोटेक्शन फैक्टर) होता है, जो इन किरणों को अवशोषित करके त्वचा को सुरक्षित रखता है।
 
2. त्वचा के डीएनए की सुरक्षा
त्वचा का डीएनए सूर्य की किरणों के संपर्क में आने पर प्रभावित होता है। जब यूवी किरणें डीएनए पर असर डालती हैं, तो इसमें म्युटेशन (परिवर्तन) हो सकते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं के विकास का कारण बन सकते हैं। सनस्क्रीन का नियमित उपयोग त्वचा के डीएनए को हानिकारक किरणों से बचाता है, जिससे कैंसर कोशिकाओं के विकास की संभावना कम हो जाती है। यह एक ढाल की तरह काम करता है, जो डीएनए को सुरक्षित रखने में सहायक होता है।
 
3. त्वचा की लेयर और इम्यून सिस्टम की सुरक्षा
त्वचा के इम्यून सिस्टम का काम शरीर को हानिकारक तत्वों से बचाना है। लेकिन अत्यधिक सूर्य के संपर्क में आने से यह कमजोर हो सकता है, जिससे त्वचा की रक्षा क्षमता कम हो जाती है। कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण स्किन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। सनस्क्रीन के उपयोग से इम्यून सिस्टम पर यूवी किरणों का प्रभाव कम होता है, जिससे त्वचा की रोग प्रतिरोधक क्षमता बरकरार रहती है और त्वचा कैंसर का खतरा घटता है।
 
4. सनबर्न से बचाव
सनबर्न तब होता है जब त्वचा अधिक समय तक सूर्य के संपर्क में रहती है। यह त्वचा की ऊपरी परत को नुकसान पहुंचाता है और त्वचा के लाल होने, जलन, छिलने या फफोलों का कारण बनता है। सनबर्न का बार-बार होना स्किन कैंसर का खतरा बढ़ाता है। सनस्क्रीन त्वचा को सनबर्न से बचाता है और उसे स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है। इस प्रकार, सनस्क्रीन का उपयोग त्वचा को लंबे समय तक सुंदर और स्वस्थ बनाए रख सकता है।
 
5. समय से पहले बुढ़ापे को रोकना
सनस्क्रीन का उपयोग त्वचा की समय से पहले होने वाली झुर्रियों और अन्य समस्याओं को भी रोकता है। सूर्य की हानिकारक किरणों के कारण त्वचा पर झुर्रियां, झाइयां और अन्य उम्र के लक्षण जल्दी दिखने लगते हैं। जब हम नियमित रूप से सनस्क्रीन का उपयोग करते हैं, तो यह त्वचा को इन किरणों से बचाता है और त्वचा को समय से पहले बुढ़ापे के लक्षणों से दूर रखता है।
 
6. सही सनस्क्रीन का चुनाव और उपयोग
सनस्क्रीन का उपयोग तभी प्रभावी होता है जब सही प्रकार का सनस्क्रीन चुना जाए और उसे सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए। कम से कम SPF 30 वाला सनस्क्रीन चुनना चाहिए, जो UVA और UVB दोनों किरणों से सुरक्षा प्रदान करता हो। इसे बाहर जाने से 20-30 मिनट पहले लगाना चाहिए और हर दो घंटे में पुनः लगाना चाहिए, विशेषकर अगर आप तैराकी कर रहे हों या अधिक पसीना आता हो। 


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