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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शनिवार, 2 नवंबर 2024 (12:25 IST)

कान के इंफेक्शन और दर्द को दूर करने का रामबाण इलाज

कानों की देखभाल में क्यों और कैसे लाभकारी है जैतून का तेल

Olive Oil Benefits for Ears
Olive Oil Benefits for Ears : कान का इंफेक्शन एक सामान्य समस्या है, जो अक्सर दर्द, खुजली और सूजन का कारण बन सकता है। यह समस्या मुख्य रूप से बैक्टीरिया या फंगस के कारण होती है, और इसके इलाज में घरेलू उपायों का प्रयोग भी किया जाता है। जैतून का तेल (ऑलिव ऑयल) इन घरेलू उपायों में से एक प्रमुख उपाय है। ये कानों की कई तरह से देखभाल करता है। आइए जानते हैं कि आपके कानों की देखभाल के लिए जैतून का तेल कैसे लाभकारी है और इसे उपयोग करने का क्या तरीका है। 
 
जैतून का तेल कैसे काम करता है?
जैतून का तेल एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर तेल है। इसमें ओलिक एसिड होता है, जो त्वचा को पोषण देने और नमी बनाए रखने में सहायक होता है। इसके अलावा, जैतून के तेल में ऐंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। कान के संक्रमण में यह तेल कई तरीकों से काम कर सकता है :
 
  • बैक्टीरिया का नाश करना : जैतून के तेल में प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो कान में मौजूद कुछ प्रकार के बैक्टीरिया को खत्म करने में सहायक होते हैं।
  • सूजन और दर्द में आराम : इसके ऐंटी-इंफ्लेमेटरी गुण कान में हो रही सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जिससे दर्द में आराम मिलता है।
  • वैक्स को साफ करने में सहायक : जैतून का तेल कान में जमा अतिरिक्त वैक्स को मुलायम कर उसे बाहर निकालने में मदद कर सकता है। यह न केवल संक्रमण से बचाव में सहायक होता है बल्कि कान की साफ-सफाई के लिए भी उपयोगी है।
 
जैतून का तेल कैसे प्रयोग करें?
कान के इंफेक्शन के दौरान जैतून का तेल लगाने का सही तरीका है :
  • तेल को गुनगुना करें : एक छोटे बर्तन में कुछ बूंदें जैतून का तेल लें और इसे हल्का गुनगुना करें। ध्यान रखें कि तेल बहुत गर्म न हो।
  • कान में बूंदें डालें : एक ड्रॉपर की मदद से 2-3 बूंदें तेल को संक्रमित कान में डालें।
  • कान को ढकें : तेल डालने के बाद कान को कुछ समय के लिए रुई से ढक दें, ताकि तेल ठीक से अंदर तक पहुंच सके।
  • थोड़ा समय दें : लगभग 10-15 मिनट के लिए सिर को तिरछा रखें, ताकि तेल कान में अच्छे से फैल सके। इसके बाद सिर को सीधा कर लें और अतिरिक्त तेल को रुई से साफ कर लें।
 
ये ध्यान रखें : 
  • जैतून का तेल लगाने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि कान में कोई घाव या छेद न हो।
  • संक्रमण की गंभीरता अधिक हो तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
  • अगर एलर्जी या त्वचा की संवेदनशीलता है, तो जैतून का तेल इस्तेमाल करने से पहले परीक्षण कर लें। 
  • कान में तेज दर्द, सुनने में कठिनाई या बुखार जैसी समस्याएं हों तो तत्काल चिकित्सकीय सलाह लें। 


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