Expert Advice on how to reduce obesity : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के रविवार एपिसोड में भारत के लोगों की फिटनेस और हेल्थ से जुड़े विषय, मोटापे (obesity) पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि, मोटापा आज एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या बन चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 में दुनिया भर में लगभग 250 करोड़ लोग अधिक वजन या मोटापे का शिकार थे। आज हर 8 में से 1 व्यक्ति मोटापे से परेशान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समस्या की गंभीरता को समझाते हुए कहा कि "अगर हमें फिट और हेल्दी नेशन बनाना है, तो मोटापे की चुनौती से निपटना जरूरी है।" मोटापा न केवल शारीरिक फिटनेस को प्रभावित करता है, बल्कि यह हृदय रोग, मधुमेह, जोड़ों के दर्द और फैटी लिवर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बनता है।
हमने बात की हेल्थ एक्सपर्ट, होमियोपैथी विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष पाराशर से और जाना मोटापा बढ़ने के कारण और निवारण के उपायों के बारे में। वेबदुनिया के इस लेख में उनसे मिली ये विशेष जानकारी, हम साझा कर रहे हैं।
डॉ. आशुतोष पाराशर बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गयी ये चर्चा आज के समय में होना बहुत जरूरी थी। बदलती लाइफस्टइल और खानपान न केवल मोटापा बढ़ाता है बल्कि ये कई गंभीर बीमारियों को न्योता भी देता है। उन्होंने बताया की आज हालात कुछ यूं हैं कि किसी देश में अगर किसी आदमी का पेट बढ़ा हुआ दिखता है, तो पहली बार में तो वह भारतीय ही आइडेंटिफाई होता होगा। उन्होंने आगे बताया कि तेल के अधिक सेवन से मोटापा और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन इसे सही मात्रा और संतुलित आहार के साथ नियंत्रित किया जा सकता है। यह सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि मेंटल हेल्थ और जीवन की गुणवत्ता को भी बढ़ाता है। फिट इंडिया और स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए पहल खुद से करनी होगी। इसके लिए सबसे आसान उपाय है रोजाना चलने की आदत डालें, क्यूंकि वॉक करना, भगवान का नाम जपने जैसा है, जितना करो, जिस समय करो, उतना अच्छा।
क्या खाने के तेल से बढ़ता है मोटापा?
तेल का सेवन शरीर के लिए जरूरी है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा मोटापा बढ़ा सकती है। डॉ. पाराशर के अनुसार, तेल में हाई कैलोरी होती है, जो एनर्जी के रूप में शरीर में स्टोर होकर फैट में बदल सकती है। शरीर में कार्बोहाइड्रेट (जैसे मीठे पदार्थ और ग्लूकोज वाली चीजें) फैट में बदलकर स्टोर होती हैं। यदि इनका उपयोग एनर्जी के लिए नहीं होता, तो यह फैटी लिवर और मोटापे का कारण बन सकती हैं। सेंट्रल ओबेसिटी (पेट के आसपास की चर्बी) सबसे ज्यादा खतरनाक होती है क्योंकि यह हृदय रोग और डायबिटीज होने का खतरा बढ़ाती है।
खाने के तेल की सही मात्रा क्या होनी चाहिए?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुझाव दिया कि खाने के तेल में 10% की कमी करके मोटापे को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने इसे एक चैलेंजिंग अभियान के रूप में प्रस्तुत किया, जिसमें हर व्यक्ति 10% कम तेल खरीदने और इसका उपयोग करने का प्रण ले। वहीं एक्सपर्ट बताते हैं कि प्रतिदिन 3-4 चम्मच तेल (15-20 ml) एक व्यक्ति के लिए पर्याप्त होता है। तले हुए भोजन और फास्ट फूड में ट्रांस फैट और पाम ऑयल का उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। पाम ऑयल में हाई सैचुरेटेड फैट होता है, जो हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि कर सकता है।
10% कम तेल कैसे उपयोग करें?
1. सब्जी और दाल में कम तेल का उपयोग: सब्जियों और दालों में कम तेल डालें और उन्हें स्टीम या ग्रिल करके बनाएं।
2. फलों और सलाद का सेवन बढ़ाएं: खाने से पहले फलों और सलाद का सेवन करने से पेट भरा महसूस होता है और ज्यादा खाने से बचा जा सकता है।
3. रात का भोजन हल्का रखें: रात को 6-7 बजे के बाद खाना न खाएं। इससे पाचन तंत्र को आराम मिलता है और मोटापा भी कम होता है।
4. घी और मक्खन की मात्रा सीमित करें: रोजाना 1-2 चम्मच घी पर्याप्त है। ज्यादा मात्रा में सैचुरेटेड फैट से बचें।
तले-भुने खाने से बचें: डीप फ्राई करने के बजाय एयर फ्राई, ग्रिल या बेकिंग को प्राथमिकता दें।
मोटापा बढ़ने के अन्य कारण और उपाय
बैठे रहने की आदतें (Sedentary Lifestyle): लंबे समय तक बैठकर काम करने से मोटापा बढ़ता है। इसका सबसे आसान तरीका है कि आप हर घंटे उठकर 5 मिनट चलें या हल्की स्ट्रेचिंग करें।
गलत खानपान (Unhealthy Eating Habits): फास्ट फूड, मीठे ड्रिंक्स और स्नैक्स से बचें। इन्हें फलों, नट्स और सलाद से बदलें।
नींद की कमी (Lack of Sleep): अपर्याप्त नींद से मेटाबॉलिज्म गड़बड़ा जाता है, जिससे वजन बढ़ता है। इस समस्या से निपटने के लिए कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।
मानसिक तनाव (Stress): तनाव से कॉर्टिसोल हार्मोन बढ़ता है, जिससे भूख बढ़ती है। योग, मेडिटेशन और एक्सरसाइज तनाव को कम करने में सहायक हैं।
छोटे-छोटे प्रयासों से मोटापे पर पाएं कंट्रोल
प्रधानमंत्री ने कहा, "छोटे-छोटे प्रयासों से मोटापे की चुनौती से निपटा जा सकता है।" इसके लिए 10% कम तेल का उपयोग करें और अन्य 10 लोगों को भी प्रेरित करें। रेगुलर वॉकिंग, एक्सरसाइज और योग को जीवन का हिस्सा बनाएं। नेचर के करीब रहकर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाएं। डॉ. पाराशर का कहना है कि माता-पिता स्वयं इस बात का ध्यान रखें की बच्चों की टीवी और मोबाइल देखते हुए खाने की आदत नहीं बने और वे इसके के अत्यधिक उपयोग से बचें। साथ ही रोज उन्हें आउटडोर एक्टिविटी करने के लिए बढ़ावा दें। महिलाएं घर के छोटे-छोटे काम जैसे की झाड़ू लगाना, साफ-सफाई और खाना बनाना एवं परोसना खुद करें, जिससे उनकी फिजिकल एक्टिविटी होती रहे। ऑफिस या व्यवसाय में जो लोग हैं, जिनका दिनभर सिटिंग वाला काम है, उन्हें भी सही समय पर भोजन करने का और अपनी दिनचर्या का ध्यान रखें। इन्हीं कुछ प्रयासों से हम मोटापे और अन्य बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं और एक स्वस्थ जीवनशैली की तरफ कदम बढ़ाएं।