गर्भवती महिलाओं के बच्चे के दिमाग को नुकसान नहीं पहुंचाता कोरोना
कोरोना की दूसरी लहर के बाद से टीकाकरण पर सबसे अधिक जोर दिया जा रहा था। हर तरह से जनता को जागरूक कर टीकाकरण के लिए तैयार किया गया। लेकिन 24 नवंबर 2021 को दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रोन वायरस ने दस्तक देकर एक बार फिर से कोविड के पुराने दौर में पहुंचा दिया। अब तक करीब 38 देशों में फैल चुका यह वायरस परेशानी बनता दिख रहा है। इस वायरस को लेकर वैज्ञानिकों की अलग-अलग राय सामने आ रही है। किसी का भी एक मत नहीं है। दूसरी ओर वैज्ञानिकों द्वारा शोध जारी जिसमें गर्भवती महिलाओं के लिए राहत की खबर है। हाल ही में हुए शोध में यह सामने आया है कि हल्के से मध्यम लक्षण होने पर गर्भवती महिलाओं के भ्रूण के मस्तिष्क पर असर नहीं पड़ता है।
ष्रोडियोलॉजिस्ट सोसाईटी ऑफ नॉर्थ अमेरिका की एैन्युएल बैठक में इस बारे में बताया गया। जर्मनी में यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख में रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में एमडी सोफिया स्टॉकलीन ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं था कि संक्रमण का बच्चे के मस्तिष्क के विकास पर कोई प्रभाव पड़ता है। हालांकि यह अध्ययन सिर्फ हल्के लक्षण और अस्पताल में भर्ती नहीं होने वाली माताओं पर शोध किया गया।
पिछले दो साल से जारी कोविड काल के दौरान कई गर्भवती महिलाओं ने भी कोविड की मार झेली है। हालांकि गर्भवती महिलाओं को विशेषज्ञों द्वारा खान-पान अच्छा रखने की सलाह दी, तनाव मुक्त रहे, जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकले, हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें, मास्क का उपयोग करें, डॉ. की सलाह से योग प्राणायाम करें। इस तरह खुद को तनाव मुक्त रखें। हालांकि कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रोन ने दस्तक दे दी है। जिसके लक्षण सामान्य है। पहचान करना मुश्किल है। इसलिए सर्दी, खांसी, थकान, मांसपेशियों में दर्द होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।