कारगिल युद्ध में शहीद गुजरात के एक सैनिक की विधवा अपने लिए आवंटित पेट्रोल पंप को बचाने के लिए आज अकेले दम भाजपा के एक विधायक से जूझ रही हैं।
पीड़िता का नाम कोकिला बेन भाला बरिया है। वे स्वर्गीय सिपाही बालाभाई अखम भाई की विधवा हैं। बालाभाई अखम भाई कारगिल युद्ध में ऑपरेशन विजय के दौरान 28 जून, 1999 को शहीद हो गए थे।
कोकिला बेन ने आरोप लगाया है कि सेहारा के विधायक जेठा भाई भारवाद ने उन्हें बहला-फुसलाकर और बल का प्रयोग कर उन्हें आवंटित किए गए पेट्रोल पंप के कागजात पर दस्तखत करवा लिए।
बाद में मालूम हुआ कि जिन कागजात पर दस्तखत कराए गए उनके मुताबिक पेट्रोल पंप की पावर ऑफ अटार्नी विधायक की पत्नी रूपाबेन जेठाभाई भारवाद को हस्तांतरित कर दी गई है।
कोकिला बेन ने अब पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री दिनशा पटेल और राष्ट्रीय महिला आयोग को पत्र लिखकर पेट्रोल पंप उन्हें वापस दिलाने की गुहार लगाई है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने कोकिला बेन से कहा है कि वे आयोग के संपर्क में रहें।
गौरतलब है कि कोकिला बेन को भारतीय तेल निगम ने वर्ष 1999 में गुजरात के पंचमहल जिले के सेहरा में एक पेट्रोल पंप का आबंटन किया था। यह आबंटन कारगिल में शहीद हुए सैनिकों के परिवारों के पुनर्वास कार्यक्रम का एक हिस्सा था। इस पूरे प्रकरण पर संबंधित विधायक की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई है।