गेम रिव्यू : ब्लैक ऑप्स
ब्लैक ऑप्स, कॉल ऑफ ड्यूटी सीरीज के पिछले सारे गेम्स की तुलना में काफी बेहतर है और रिकॉर्ड तोड़ सफलता हासिल करने की ओर अग्रसर है। रिलीज के बाद से ही इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। ब्लैक ऑप्स गेमिंग की दुनिया में अब तक के सफलतम गेम्स की सूची में आने के करीब है। इसे लगभग सभी प्लेटफॉर्म्स पर खेला जा सकता है। हालाँकि कंप्यूटर गेमर्स के लिए इसके कुछ बग्स दिक्कत दे सकते हैं।
गेम की अच्छी बात यह है कि इसमें हर मिशन के लिए एक ही कैरेक्टर है। बहुत सारे खिलाडियों वाला कंन्फ्यूजन फेक्टर इस गेम नहीं है। गेम में प्रेतों के रूप में खेलना काफी रोमांचक है। इसमें खिलाड़ी टेरेरिस्ट और सैनिक दोनों के रूप में भाग ले सकता है।फ्लैश बैक : कॉल ऑफ ड्यूटी सीरीज का ब्लैक ऑप्स एक फर्स्ट पर्सन शूटर गेम है। इसमें आप एक युद्धबंदी हैं जिससे ब्लैक ऑप्स मिशन के बारे में जानकारी पूछी जा रही है जिसमें आपने शीत युद्ध के दिनों में भाग लिया था। गेम की शुरूआत में आप खिलाड़ी के रूप में ब्लैक ऑप्स मिशन से जुड़ी अपनी यादों के फ्लैश बैक में चले जाते हैं। खिलाड़ी की भूमिका : खिलाड़ी इसमें पैदल सैनिक के रोल में होता है जो कई प्रकार की तोपों और बंदूकों का उपयोग कर सकता है। खिलाड़ी एक बार में दो हथियारों का उपयोग कर सकता है, वो ग्रेनेड और अन्य विस्फोटकों से हमला कर सकता है। खिलाड़ी अन्य उपकरणों को भी हथियारों के रूप में उपयोग कर सकता है। लेकिन अगर खिलाड़ी दुश्मन के बहुत करीब आ जाता है तो वो एक ही वार में मारा भी जा सकता है।खड़े रहना, दुबकना और झुकना, ऑब्जेक्ट की इन तीन मुद्राओं से मूवमेंट, एक्यूरेसी और गोपनीयता की दर प्रभावित होती है। खिलाड़ी खड़े रहने की अवस्था से झुकने की अवस्था में जा सकता है। खिलाड़ी चाहे तो वो एक पल में अपनी गति में तेजी ला सकता है लेकिन इससे वो जल्दी थक जाएगा।