दद्दू का दरबार : वे चार लोग
दद्दूजी, बचपन से ही मैं सभी से सुनता चला आ रहा हूं कि 'चार लोग सुनेंगे/ देखेंगे तो क्या कहेंगे?' आखिर कौन हैं ये 'चार लोग'?, जो दूसरों की जिंदगी में हस्तक्षेप करते रहते हैं?
उत्तर : ये चार लोग आपके बेहद निकट तथा शुभचिंतक होते हैं। ये ही आपको आपके जीवन की अंतिम यात्रा में अपने कंधों पर उठाकर ले जाते हैं।