Covid 19: वायरसरोधी दवा उमिफेनोविर का क्लिनिकल परीक्षण करेगा सीएसआईआर संस्थान
लखनऊ (उप्र)। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की लखनऊ स्थित प्रयोगशाला केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई) को औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) ने कोरोनावायरस मरीजों के उपचार के लिए वायरसरोधी दवा 'उमिफेनोविर' के क्लिनिकल परीक्षण करने की अनुमति दे दी है।
एक बयान में बताया गया कि तीसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू), डॉ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान और एराज लखनऊ मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल करेंगे। बयान में कहा गया है कि इस दवा का इस्तेमाल करना सुरक्षित है और यह मानवीय कोशिकाओं में वायरस को प्रवेश करने से रोकती है।
उमिफेनोविर चीन और रूस में मुख्य रूप से इन्फ्लूएंजा के लिए इस्तेमाल की जाती है और इसे कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों के उपचार के लिए संभावित दवा के रूप में देखा जा रहा है। सीडीआरआई के अनुसार जुलाई माह में इस औषधि का परीक्षण कोविड-19 के मरीजों पर किए जाने की संभावना है। उसका कहना है कि यदि क्लिनिकल परीक्षण सफल रहा तो उमिफेनोविर कोविड-19 के खिलाफ एक सुरक्षित, प्रभावकारी एवं सस्ती दवा हो सकती है।
सीडीआरआई के निदेशक प्रोफेसर तापस कुंडू ने गुरुवार को बताया कि सीडीआरआई का तीसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, डॉ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान और एराज लखनऊ मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल लखनऊ में किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस दवा का प्रोफाइल अच्छा और सुरक्षित है और यह मानव कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश को रोकने और प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करने का कार्य करती है। चीन और रूस में उमिफेनोविर का उपयोग मुख्य रूप से इन्फ्लूएंजा के इलाज के लिए किया जाता है एवं अन्य किसी देश में यह उपलब्ध नहीं है।
प्रो. कुंडू ने बताया कि कोविड-19 के रोगियों के इलाज में इसके संभावित उपयोग के लिए इसे हाल में चिह्नित किया गया है। उन्होंने बताया कि लखनऊ स्थित सीडीआरआई ने रिकॉर्ड समय में उमिफेनोविर के निर्माण के लिए प्रक्रिया प्रौद्योगिकी विकसित की है।
उन्होंने बताया कि दवा के निर्माण और विपणन के लिए किफायती प्रक्रिया प्रौद्योगिकी का लाइसेंस मेडिजेस्ट फार्मास्यूटिकल प्राइवेट लिमिटेड, गोवा को दिया गया है जिसने पहले ही इसके लिए औषधि महानियंत्रक से परीक्षण लाइसेंस प्राप्त कर लिया है।
प्रो. कुंडू ने बताया कि दवा के लिए सारा कच्चा माल देश में उपलब्ध है और यदि क्लिनिकल परीक्षण सफल रहा, तो उमिफेनोविर कोविड-19 के खिलाफ एक सुरक्षित, प्रभावकारी एवं सस्ती दवा हो सकती है। उन्होंने कहा कि डीजीसीआई ने उच्च प्राथमिकता के आधार पर इस आवेदन को मंजूरी दी है ताकि भारतीय मरीजों को जल्द से जल्द यह दवा मिल सके। (भाषा)