गुरुवार, 5 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. कोरोना वायरस
  4. Indians suffer from mental stress
Written By
Last Updated : शुक्रवार, 30 अप्रैल 2021 (16:00 IST)

खौफ: कोरोना की दूसरी लहर ने बढ़ाया ‘मानसिक रोग का ग्राफ’

खौफ: कोरोना की दूसरी लहर ने बढ़ाया ‘मानसिक रोग का ग्राफ’ - Indians suffer from mental stress
कोरोना वायरस न सिर्फ लोगों की जान ले रहा है बल्‍कि जो इस संक्रमण से बच रहे हैं उन्‍हें मानसिक तनाव और रोग भी दे रहा है। रिपोर्ट की माने तो टेली मनोरोग परामर्श में मानसिक रोग के मामलों में करीब 20 फीसद का इजाफा हुआ है।

दरअसल, कोरोना संकट के चलते पैदा हुई वित्तीय, चिकित्सकीय और आर्थिक समस्या लोगों की मानसिक सेहत को भी खराब कर रही है।

कोरोना वायरस की दूसरी लहर ज्यादा घातक साबित हो रही है। ये ज्यादा लोगों को संक्रमित कर रही है और ज्यादा जिंदगी को लील रही है। आर्थिक और शारीरिक समस्याओं की वजह बनने के अलावा, उसने लोगों को मानसिक तौर पर भी प्रभावित किया है। महामारी ने उनके दिमाग में खौफ पैदा कर दिया है। अपने वर्तमान और भविष्य के बारे में अनिश्चितता, घर पर रहने के सरकारी आदेश ने मिलकर मानसिक बीमारी को और बिगाड़ दिया है।

विशेषज्ञों के मुताबिक घर पर बंद होने का एहसास, अपने परिचितों से दूर, सामाजिक समर्थन से महरूम और नए वेरिएन्ट्स का डर मानसिक बीमारी को बढ़ा रहा है। फोर्टिस हेल्थकेयर से जुड़े डॉक्टर समीर पारेख कहते हैं, "मौजूदा हालात वर्तमान और भविष्य की अनिश्चितता, परिजनों के शारीरिक स्वास्थ्य, काम और उत्पादकता को प्रभावित कर रहे हैं." हालांकि वर्तमान परिस्थिति उनकी उम्र, लिंग या अन्य जनसांख्यिकीय के बावजूद हर किसी को प्रभावित कर रही है।

उसके चलते किशोरों और वयस्क मानसिक सेहत की समस्याओं के लिए मदद तलाश करने पहुंच रहे हैं। लोगों की सबसे प्रमुख समस्या चिंता और डिप्रेशन है। बच्चे अपने भविष्य के मंसूबों को लेकर ज्यादा तनावग्रस्त हैं, जिसके नतीजे में अस्तित्व संबंधी संकट पैदा हो गया है। वयस्क वित्तीय असुरक्षा और नौकरी की सुरक्षा के डर से दब गए हैं। इन खौफ को कोविड की चिंता या महामारी की चिंता से जोड़ा जा सकता है।

मनिपाल हॉस्पीटल बेंगलुरू में डॉक्टर सतीश कुमार का कहना है कि अप्रैल की शुरुआत से टेली मनोरोग परामर्श में कम से कम 20 फीसद की वृद्धि हो गई है। लोगों को डर है कि उनकी जिंदगी खत्म होने जा रही है, जिससे उनकी मौत की चिंता के मुद्दे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा, "लोग स्प्रेडर होने और अपने परिजनों को नुकसान पहुंचाने की वजह बनने को लेकर भी चिंतित हैं। अब ये मेडिकल सहायता के लिए पहुंच रहे हैं कुमार के मुताबिक, स्थिति से निपटने का एकमात्र तरीका आशावादी दृष्टिकोण रखना और मंत्र को दोहराना है कि 'ये भी वक्त गुजर जाएगा'
ये भी पढ़ें
हरियाणा के सीएम खट्टर ने ली Covid 19 टीके की पहली खुराक, लोगों से भी की अपील