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Last Modified: शनिवार, 29 अगस्त 2020 (18:55 IST)

सावधान! बिना लक्षणों वाले बच्चे भी फैला सकते हैं कोरोनावायरस

सावधान! बिना लक्षणों वाले बच्चे भी फैला सकते हैं कोरोनावायरस - Children without symptoms can also spread coronavirus
वॉशिंगटन। महामारी के प्रसार में बच्चों की आबादी के महत्व पर रोशनी डालने वाले एक नए अध्ययन के मुताबिक कोविड-19 (COVID-19) बीमारी से ग्रस्त बच्चे, वायरस के लक्षणों के नजर नहीं आने या उनसे उबर जाने के हफ्तों बाद तक इसे फैला सकते हैं।
 
जेएएमए पीडियाट्रिक्स नामक जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में दक्षिण कोरिया में 22 अस्पतालों में नए कोरोनावायरस (Coronavirus) सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित 91 बच्चों पर नजर रखी गई और यह पाया गया कि वे उम्मीद से ज्यादा समय तक वायरल आनुवांशिक सामग्री आरएनए के वाहक होते हैं।
 
शोधकर्ताओं में दक्षिण कोरिया के सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन के सदस्य भी शामिल थे। उन्होंने अध्ययन में कहा कि लक्षणों को देखकर बच्चों के अधिकतर मामलों में कोविड-19 की पहचान नाकाम रहती है और बच्चों में सार्स-सीओवी-2 आरएनए अनपेक्षित रूप से ज्यादा लंबे समय तक पाया गया। 
 
प्रकाशित अध्ययन में वैज्ञानिकों ने कहा कि कोविड-19 के प्रसार में बच्चे ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। शोधकर्ताओं में अमेरिका की द जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन एंड हेल्थ साइंसेज के रॉबर्टा एल. डीबियासी भी शामिल हैं।
अध्ययन के मुताबिक करीब 22 प्रतिशत बच्चों में कभी लक्षण विकसित नहीं हुए, 20 प्रतिशत बच्चों में शुरू में लक्षण नहीं थे लेकिन बाद में उनमें लक्षण नजर आए और 58 प्रतिशत की शुरुआती जांच में लक्षण नजर आए।
 
वैज्ञानिकों ने कहा कि शोध के दौरान जिन अस्पतालों में बच्चों को रखा गया था, वहां औसतन हर तीन दिन में बच्चों की जांच की गई जिससे यह तस्वीर साफ हुई कि कितने समय तक उनसे वायरस प्रसार होता है।
नतीजों में खुलासा हुआ कि लक्षणों की अवधि अलग-अलग बच्चों में अलग-अलग है जो तीन दिन से लेकर करीब तीन हफ्तों तक थी।
 
इस अध्ययन के लेखकों में बच्चे कितने वक्त तक वायरस का प्रसार कर सकते हैं और कब तक संक्रामक हो सकते हैं इसमें भी काफी विभेद है।
 
उन्होंने कहा कि बच्चों के समूचे समूह में औसतन ढाई हफ्तों तक विषाणु पाया जा सकता है लेकिन बच्चों के समूह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा- बिना लक्षण वाले मरीजों में से हर पांचवां मरीज और लक्षण प्रकट करने वाले करीब आधे मरीज- तीन हफ्ते की सीमा तक भी वायरस के वाहक बने हुए थे। (भाषा)
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