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Last Modified: सोमवार, 10 मई 2021 (18:36 IST)

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- Corona मरीजों को बिना वैध पहचान पत्र भी भर्ती करेंगे अस्पताल...

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- Corona मरीजों को बिना वैध पहचान पत्र भी भर्ती करेंगे अस्पताल... - Center told the Supreme Court- Corona patients will also be admitted to hospital without valid identity card
नई दिल्ली। देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 मरीजों का इलाज कर रहे केंद्र और राज्यों के सरकारी अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि वे सुनिश्चित करें कि पहचान पत्र और कोरोनावायरस जांच रिपोर्ट के न होने की वजह से किसी भी मरीज को भर्ती करने से मना नहीं किया जाए। केंद्र सरकार ने यह जानकारी उच्चतम न्यायालय को दी।

उच्चतम न्यायालय द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर हलफनामे के जरिए दिए जवाब में केंद्र ने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को कोविड-19 के संदिग्ध/ पुष्ट हुए मामलों के प्रबंधन के लिए तीन स्तरीय चिकित्सा अवसंरचना स्थापित करने की नीति से अवगत करा दिया है।

इसमें कहा गया कि अचानक आई महामारी और टीके की सीमित खुराक की वजह से एक बार में पूरे देश का टीकाकरण संभव नहीं है, ऐसे में खतरे पर विचार-विमर्श प्रमुख विषय है। उच्चतम न्यायाल द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान आवश्यक आपूर्ति और सेवाएं सुनिश्चित करने को लेकर लिए गए स्वत: संज्ञान पर केंद्र की ओर से रविवार रात को हलफनामा दाखिल किया गया।

हलफनामा में कहा गया कि सात अप्रैल, 2020 को इस संबंध में जारी किए गए मार्गदर्शन दस्तावेज में संक्रमण के हल्के लक्षणों वाले मरीजों के लिए कोविड-19 मरीज देखभाल केंद्र (सीसीसी) की स्थापना की परिकल्पना की गई है और इन्हें सार्वजनिक और निजी छात्रावास, होटल, स्कूल, स्टेडियम और लॉज में स्थापित करने का प्रावधान है।

केंद्र ने कहा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैसे कार्यरत अस्पताल जिनमें नियमित रूप से गैर कोविड-19 मरीज देखे जाते हैं उन्हें भी आखिरी विकल्प के तौर पर कोविड-19 मरीज देखभाल केंद्र बनाया जा सकता है। वहीं समर्पित कोविड-19 स्वास्थ्य केंद्र मध्यम लक्षण वाले मरीजों का इलाज कर सकते हैं।

केंद्र ने आगे कहा, केंद्र सरकार यह जानकारी देना चाहती है कि उसने केंद्र, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन के अधीन अस्पतालों (निजी अस्पतालों सहित) में जहां पर कोविड-19 मरीजों का इलाज चल रहा है, यह सुनिश्चित करें कि मरीजों की भर्ती के लिए कोविड-19 संक्रमित होने संबंधी जांच रिपोर्ट अनिवार्य नहीं है।

केंद्र ने बताया, संदिग्ध मामले में मरीजों को कोविड-19 मरीज देखभाल, समर्पित कोविड-19 स्वास्थ्य केंद्र या समर्पित अस्पताल के संदिग्ध मामलों के वार्ड में भर्ती किया जा सकता है। किसी भी मरीज को अगर वह दूसरे शहर का है तो वैध पहचान पत्र या स्थानीय निवासी होने का प्रमाण पत्र पेश नहीं करने के आधार पर सेवा देने से इनकार नहीं किया जा सकता है और मरीज को ऑक्सीजन और आवश्यक दवाई जैसी सेवा देनी होगी।
सरकार ने शीर्ष अदालत को कहा कि अस्पताल में भर्ती जरूरत के आधार पर होनी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बिस्तर ऐसे लोगों द्वारा नहीं भरा जाए, जिन्हें भर्ती होने की जरूरत नहीं है। केंद्र ने कहा, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों से अनुरोध किया गया है कि वे तीन दिन के भीतर उपरोक्त निर्देशों को शामिल करने के लिए परिपत्र जारी करें और यह उचित समान नीति बनने तक लागू रहेंगे।
पीठ ने कहा, केंद्र ने यह भी बताया है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों/प्रधान सचिवों स्वास्थ्य/चिकित्सा शिक्षा को पत्र लिखा है कि वे देश में चिकित्सा कर्मियों की जरूरत को पूरा करने के लिए असाधारण उपाय सुझाएं।

केंद्र ने कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते प्रशिक्षित मानव बल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग और भारतीय नर्सिंग परिषद से विचार-विमर्श कर दिशानिर्देश और निर्देश जारी किए जा रहे हैं।(भाषा)
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