प्राइवेट डिटेक्टिव : रोमांच से भरा कैरियर
जयंतीलाल भंडारी
प्राइवेट डिटेक्टिव (खुफिया जासूस) का नाम सुनते ही हमारे मस्तिष्क में ऐसी छवि उभरती है जो बेहद रोमांच पैदा करती है। लंबा-सा ओवरकोट, आंखों तक झुकी हुई टोपी, काला चश्मा, मुंह में सिगार, चेहरे पर रहस्यमयी मुस्कान, चाल में गजब का आत्मविश्वास और दुस्साहस की सीमा तक साहसी यानी ऐसा रहस्यमय व्यक्ति जिसका पेशा है अनसुलझे अपराधों तथा अनसुलझी गुत्थियों को सुलझाना। यद्यपि प्राइवेट डिटेक्टिव की यह छवि सिनेमा की देन है और इनमें और असली जासूस में काफी फर्क होता है लेकिन पेशागत रोमांच में काफी कुछ समानता विद्यमान है। असली जासूस उक्त छवि से बिलकुल अलग होता है और वह सामान्य कदकाठी और चेहरे-मोहरे वाला व्यक्ति होता है। वह आम आदमी के बीच छिप सकता है। कार्य के दौरान अपनी पहचान छिपा सकता है और काफी हद तक जोखिम भी उठा सकता है। प्राइवेट डिटेक्टिव भी आम इनसान की तरह होते हैं लेकिन इनकी कार्यशैली, वेशभूषा तथा ट्रेनिंग ऐसी होती है, जो आम आदमी से इन्हें अलग करती है। ये प्राइवेट डिटेक्टिव भी हमारे-आपके बीच से ही बनते हैं। चाहें तो आप भी प्राइवेट डिटेक्टिव बन सकते हैं, बशर्ते आपके अंदर साहस, लगन, तत्परता तथा बलवती इच्छाशक्ति होनी चाहिए।कोई भी युवा डिटेक्टिव तभी बन सकता है जब उसमें जोखिम उठाने का माद्दा हो तथा अपनी पहचान छुपाए रखने में माहिर हो। इसके अलावा वह शीघ्र निर्णय लेने में सक्षम हो, आत्मविश्वास से भरपूर हो, दृढ़ इच्छाशक्ति रखता हो, भरपूर मेहनत करने के लायक हो, खुफिया कार्य करने में उत्साह दिखाए और हर चुनौती का सामना करने को तैयार हो। कई भाषाओं का जानकार होना उसका सबल पक्ष होगा। यदि फॉरेंसिक विज्ञान की पृष्ठभूमि है तो वह उसकी अतिरिक्त योग्यता मानी जाएगी। कुशल जासूस को स्पष्टरूप से विपरीत परिस्थितियों में कार्य करना पड़ता है इसलिए उसे धैर्यवान भी होना चाहिए। ये सारे गुण किसी प्राइवेट डिटेक्टिव में हैं तो पेचीदा से पेचीदा मामला भी वह आसानी से सुलझा लेगा।
प्राइवेट डिटेक्टिव का काम मुख्यतौर पर खोजपूर्ण और संगठन, उत्पाद या व्यक्ति विशेष के बारे में जानकारी एकत्रित करना होता है। प्राइवेट डिटेक्टिव अनेक प्रकार के काम करते हैं, जैसे शादी-विवाह के लिए संबद्ध पक्षों के बारे में तथ्यपूर्ण खुफिया जानकारी एकत्र करना, बच्चों की गतिविधियां एवं उनका नियंत्रण, अस्वाभाविक मौत या तलाक की समस्या आदि। इसी प्रकार पारिवारिक विरासत या जायदाद संबंधी विवादों के बारे में भी जासूसों की सेवाएं ली जा सकती हैं। वर्तमान समय में औद्योगिक जासूसी के लिए भी प्राइवेट जासूस की सेवाएं ली जाने लगी हैं। बड़े-बड़े व्यापारिक घराने अपने कर्मचारियों या चोरी और हेराफेरी के मामलों की खोजबीन के लिए जासूसों की नियुक्ति करते हैं। ये जासूस इस बात पर भी निगाह रखते हैं कि कहीं कोई कर्मचारी दूसरी कंपनी को कोई गोपनीय सूचनाएं तो नहीं भेज रहा है या फिर पेटेंट और तकनीकों का हस्तांतरण तो नहीं कर रहा है।जासूस का मुख्य कार्य तथ्य खोज आधारित होता है। इसके अंतर्गत उसे खोजबीन, जांच करने के तौर-तरीकों की जानकारी के साथ-साथ फिंगर प्रिंट, फोटोग्राफी और पीछा इत्यादि करने का ज्ञान होना चाहिए। जासूसी का काम करने के लिए अनेक जासूसी उपकरणों जैसे रिकॉर्डिंग मशीन जो दूर से ही व्यक्तियों की बातचीत को रिकॉर्ड कर लेती है, ट्रांसमीटर, कैमरा, मोबाइल तथा लैपटॉप इत्यादि गेजेट्स का इस्तेमाल किया जाता है। जासूसों को इन गेजेट्स का इस्तेमाल करने की विशेष ट्रेनिंग दी जाती है। जासूसी के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए विशेष शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता नहीं होती है। कई स्तरीय प्रशिक्षण संस्थानों से बारहवीं के उपरांत अथवा स्नातक डिग्री के उपरांत जासूसी का एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम किया जा सकता है। कई संस्थानों में स्नातक के उपरांत डेढ़ वर्षीय एडवांस डिप्लोमा भी संचालित किया जाता है। प्रमुख प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसियां अपने जासूसों को ऑन द जॉब भी ट्रेनिंग देती हैं। ऐसी एजेंसियों में बारहवीं या स्नातक के उपरांत नियुक्त किया जाता है। सफल प्राइवेट डिटेक्टिव बनने के लिए अंग्रेजी तथा स्थानीय भाषा की अच्छी जानकारी होनी चाहिए। हमारे देश में प्राइवेट डिटेक्टिव का कार्य करने के लिए किसी सरकारी लाइसेंस की भी जरूरत नहीं पड़ती है। बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी, पुलिसकर्मी भी इस क्षेत्र में आते हैं, जो प्रशिक्षुओं को ट्रेंड करते हैं और खुफिया कार्यों को बेहद संजीदगी से अंजाम देते हैं। प्राइवेट डिटेक्टिव की ट्रेनिंग के लिए अभी देश में सरकारी संस्थानों का अभाव है। निजी क्षेत्र में प्राइवेट इन्वेस्टिगेशन से संबंधित सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। जासूसी का पाठ्यक्रम करने के उपरांत इस क्षेत्र में रोजगार के चमकीले अवसर उपलब्ध हैं।
यहां से करें कोर्स-
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ प्राइवेट इन्वेस्टीगेशन, एस-2, पैराडाइज प्लाजा, अलकनंदा कमर्शियल कॉम्प्लेक्स, नई दिल्ली।-
एसीईएस डिटेक्टिव इंडिया इंटरनेशनल सिक्योरिटीज, नई दिल्ली।-
इंडियन काउंसिल ऑफ कार्पोरेट इन्वेस्टीगेटर, नई दिल्ली।-
लांसर्स नेटवर्क लिमिटेड, नई दिल्ली।-
केनेडियन एकेडमी ऑफ प्राइवेट इन्वेस्टीगेशन, नई दिल्ली।-
बॉम्बे इंटेलीजेंस सिक्योरिटी इंडिया लिमिटेड, 101 ओमेगा हाउस, हीरानंदानी गार्डन, पवई, मुंबई।