'बिग बॉस 14' में जाकर मोटी हुईं निक्की तंबोली, दिनभर में खाती थीं 12-15 पराठे
निक्की तंबोली का 'बिग बॉस 14' का सफर बेहद ही शानदार रहा। निक्की तंबोली इस सीजन की सबसे लोकप्रिय कंटेस्टेंट में से एक बनीं निक्की ना केवल बिग बॉस टॉप-3 में पहुंचने में सफल रहीं, बल्कि इस सीजन में उनको खूब पॉपुलिरिटी हासिल हुई।
बिग बॉस 14 के लिए निक्की तंबोली अपने घर से लगभग 5 महीनों के लिए दूर थीं, लेकिन अब वो घर से बाहर आ गई हैं। बिग बॉस से बाहर आकर निक्की तंबोली वो सब कुछ कर रही है जो वो तब नहीं कर सकीं। निक्की तंबोली अपनी फिटनेस को लेकर काफी पाबंद हैं। बिग बॉस 14 के घर में उनका डाइट प्लान पूरी तरह से तहस-नहस हो गया और इतना ही नहीं घर के अंदर जाकर उनका वजन भी बढ़ गया।
एक इंटरव्यू के दौरान निक्की ने बताया कि कैसे उनका वजन बढ़ा? जब वो बिग बॉस के घर के अंदर रहीं तो अपने डाइट प्लान को फॉलो नहीं कर सकीं। निक्की तंबोली ने बताया कि वो एक दिन में 12-15 पराठे खाती थीं। निक्की तंबोली ने बताया, 'बिग बॉस के घर में मैं अकेली लड़की थी, जो एक दिन में 12-15 पराठे खाती थी।
निक्की ने कहा, मैं एक डाइट कॉन्शियस और जागरूक व्यक्ति हूं। मैंने पिछले तीन साल से रोटी नहीं खाई थी। लेकिन जिस दिन से मैं बिग बॉस के घर से बाहर आई हूं, मैं सिर्फ कॉफी पी रही हूं और अपनी फिटनेस डाइट को फॉलो कर रही हूं, जिसमें मछली, किनोवा, सूप और सलाद शामिल हैं।
मैं जंक फूड बिल्कुल नहीं खाती हूं और चपाती चावल कभी भी मेरी डाइट का हिस्सा नहीं हैं। इन दिनों मैं बहुत अच्छा महसूस कर रही हूं कि आखिरकार मुझे वही खाने को मिल रहा है जो मुझे खाना पसंद है।
निक्की तंबोली ने यह भी बताया कि ज्यादा खाने से उनका वजन भी काफी बढ़ गया। उन्होंने बताया, वजन बढ़ने से मेरी कमर अब 24 से 27 की हो गई है। मैंने इंच में वजन बढ़ाया है और अब मैं इसे कम कर रही हूं।
एक्ट्रेस ने बताया कि वो अपने पराठे खुद ही बनाती थी। शुरुआत में, हर किसी को पर्याप्त मात्रा में भोजन मिलता था और इस पर कोई झगड़ा नहीं हुआ करता था। लेकिन बाद के आधे हिस्से में बहुत झगड़े हुए और इसका कारण विकास गुप्ता रहे। वो बीमार थे और उनको डॉक्टर्स ने बहुत कुछ खाने का सुझाव दिया गया था।
निक्की ने कहा, इसलिए हम घरवालों को लगने लगा था कि हमें राशन में नुकसान उठाना पड़ेगा और बिग बॉस अतिरिक्त नहीं भेज सकते हैं लेकिन यह नहीं हुआ। उन्होंने हमें खाने के लिए अच्छी मात्रा में भोजन भेजा। इसलिए कभी भी भोजन की कोई कमी नहीं थी। हालांकि उस समय हमें भोजन के महत्व का अहसास हुआ।