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Last Modified: रविवार, 5 जनवरी 2025 (17:24 IST)

तबीयत खराब होने के बाद भी अमिताभ बच्चन ने जारी रखी थी काला पत्थर की शूटिंग

तबीयत खराब होने के बाद भी अमिताभ बच्चन ने जारी रखी थी काला पत्थर की शूटिंग - kbc 16 Amitabh Bachchan continued shooting for Kaala Patthar despite his ill health
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन इन सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न के लोकप्रिय ज्ञान-आधारित गेम शो 'कौन बनेगा करोड़पति सीज़न 16' को होस्ट करते नजर आ रहे हैं। शो में अमिताभ अपनी फिल्मों और जिंदगी से जुड़े कई किस्से साझा करते नजर आते हैं। 
 
शो के लेटेस्ट एपिसोड़ में दर्शकों की मुलाकात धनबाद, झारखंड के प्रतियोगी कौशलेंद्र प्रताप सिंह से होगी। सरकार और कोयला खरीदारों के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करने वाले, कौशलेंद्र ने अमिताभ बच्चन के साथ एक दिलचस्प कहानी साझा की।
 
हॉट सीट पर अपने समय के दौरान, कौशलेंद्र ने एक दिलचस्प वाक्ये को याद करते हुए कहा, कोयले की बात करें तो, मुझे याद है कि आपने झरिया चासनाला आपदा के बाद काला पत्थर की शूटिंग की थी। वह आपदा आज भी कई लोगों को याद है। उन्होंने बताया कि यह घटना एक बांध के टूटने के कारण हुई थी, और शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन पर दूषित पानी पड़ गया था, जिससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ा था। इसके बावजूद अमिताभ बच्चन ने बिना ब्रेक लिए शूटिंग जारी रखी, और असाधारण समर्पण और दृढ़ता का प्रदर्शन किया।
 
कौशलेंद्र ने बताया कि अमिताभ के पिता हरिवंश राय बच्चन ने इस घटना के बारे में एक किताब में लिखा था। उस किताब में अमिताभ की एक दिलचस्प आदत का ज़िक्र था। वे हमेशा उत्तर दिशा की ओर मुंह करके खाते हैं। इस आदत को महाभारत से जोड़ा गया था, जिसमें कहा गया है, जो उत्तर दिशा की ओर मुंह करके खाता है, उसे सत्य की प्राप्ति होती है।
 
उन्होंने कहा, हरिवंश राय बच्चन ने बहुत खूबसूरती से लिखा था, 'मुझे लगता है कि मुझे सत्य की ज़रूरत है, और अमिताभ को दीर्घायु की।' और हरिवंश राय जी ने सुझाव दिया था कि यदि अमिताभ भोजन करते समय उनकी जगह पर बैठें, तो उन दोनों को बारी-बारी से सत्य और दीर्घायु का प्राप्ति का लाभ मिल सकता है। 
 
जवाब में, अमिताभ बच्चन ने विनम्रता से मना करते हुए कहा, नहीं, यदि मुझे सत्य और दीर्घायु के बीच में चुनना पड़े, तो मैं सत्य की कीमत पर दीर्घायु नहीं पाना चाहूंगा। अमिताभ ने दिल छूने वाले वाकये को याद करके इस बातचीत का समापन करते हुए कहा, हमारे घर में डिनर टेबल गोल थी। जब मैं बैठता था, तो मेरा मुंह उत्तर की ओर होता था, जबकि बाबूजी पूर्व की ओर मुंह करके बैठते थे। उन्होंने यह भी याद किया कि तब उनके पिता ने उनसे कहा था, 'आप आयुष्मान हो, हमारे लिए इतना ही काफी है।'