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  4. Indias greatest strength will not be just in technology but in its ability to imagine and innovate says Smriti Irani
Last Modified: गुरुवार, 31 जुलाई 2025 (17:38 IST)

भारत की सबसे बड़ी ताकत सिर्फ तकनीक में नहीं, बल्कि कल्पना करने और इनोवेट करने की क्षमता में होगी : स्मृति ईरानी

Smriti Irani
स्मृति ईरानी ने हाल ही में शो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2' से छोटे पर्दे पर वापसी की है। इसी बीच स्मृति ईरानी ने एआई को लेकर बात की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और थॉट लीडर स्मृति ईरानी का मानना है कि आने वाले दशकों में भारत की सबसे बड़ी ताकत सिर्फ़ तकनीक में नहीं होगी, बल्कि कल्पना करने, कहानी कहने और इनोवेट करने की क्षमता में होगी।
 
स्मृति ने कहा, ऐसी दुनिया में जहां AI कोड तो कर सकता है लेकिन रचना नहीं कर सकता, वहां हमारी ताकत फैक्ट्रियों या कोड में नहीं, बल्कि हमारी कल्पनाशीलता, कहानी कहने और नवाचार की क्षमता में होगी। जैसे-जैसे भारत अपने विकसित भारत 2047 विज़न की ओर बढ़ रहा है, स्मृति ईरानी इस बात पर ज़ोर देती हैं कि कहानी कहने, रचनात्मकता और डिज़ाइन-थिंकिंग विकास की अगली लहर को परिभाषित करेंगे। 
 
वह 2026 तक भारत की रचनात्मक अर्थव्यवस्था के अनुमानित 80 बिलियन डॉलर मूल्य को अप्रयुक्त अवसर का संकेत – और एक चेतावनी के रूप में इंगित करती हैं। 22 राज्यों में किए गए सर्वेक्षण में केवल 9 प्रतिशत छात्रों ने डिज़ाइन थिंकिंग, अनुसंधान और वास्तविक जीवन की समस्याओं के समाधान में मज़बूत तैयारी दिखाई है। ये 21वीं सदी की महत्वपूर्ण क्षमताएं हैं, जो रचनात्मक अर्थव्यवस्था की मूलभूत ज़रूरतें हैं। ऐसी दुनिया में जहाँ AI कोड कर सकता है पर रचना नहीं, इन कमियों का महत्व और भी बढ़ जाता है।
 
मुंबई में स्थापित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजीज (IICT) और CBSE द्वारा कला-एकीकृत (AI) शिक्षा की ओर उठाए गए कदमों को उजागर करते हुए ईरानी कहती हैं कि एक रूपरेखा उभर रही है — लेकिन इसके लिए और अधिक करने की आवश्यकता है।
 
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वह क्रिएटिविटी और एंटरप्रेन्योरल की सोच को शिक्षा में शामिल करने की वकालत करती हैं - मेकर स्पेस, स्टार्टअप लैब और डिज़ाइन स्प्रिंट जैसी पहलों के माध्यम से — और यह आग्रह करती हैं कि भारत को क्रिएटिविटी को केवल कला के तोर में नहीं, बल्कि व्यवसाय मॉडल और सामाजिक इनोवेशन में भी महत्व देना चाहिए।
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