काजोल की 'देवी' में दिखा 9 महिलाओं का दर्द, सोशल मीडिया पर छाई शॉर्ट फिल्म
अजय देवगन के साथ तानाजी में नजर आईं काजोल अब अपनी शॉर्ट फिल्म देवी को लेकर सुर्खियों में हैं। महिला केंद्रित इस फिल्म को प्रियंका बनर्जी ने डायरेक्ट किया है। रिलीज के साथ ही इस फिल्म को खूब तारीफ पर तारीफ मिल रही है।
13 मिनट की इस फिल्म के विषय को काफी सराहा जा रहा है। इस फिल्म में काजोल, नेहा धूपिया, नीना कुलकर्णी, श्रुति हसन, शिवानी रघुवंशी, संध्या म्हात्रे, रमा जोशी, मुक्ता बार्वे, रश्विवनी दयामा जैसी 9 अभिनेत्रियों ने काम किया है।
ये फिल्म 9 महिलाओं की कहानी है और परिस्थितियों के चलते सभी को एक कमरे में समय बिताना पड़ता है। इस फिल्म के सहारे 9 अलग-अलग बैकग्राउंड से आई महिलाओं के चैलेंजेस को दिखाया गया है।
हर महिला पुरूषप्रधान समाज के उसी मर्द की मर्दागनी का शिकार हुई हैं, जिसके हुंकार वो हमेशा से भरते आए हैं। ये 9 महिलाएं अपने दर्द से रूबरू कराएंगी, जो अपनी टीस को आज भी नहीं भुला पाई हैं। दरवाजे की बजती घंटी हर पीड़िता के दर्द फिर से उकरती हैं और दरवाजा खुलने के बाद जो सामने आता है, उसे देखकर हर कोई हक्का-बक्का रह जाता है।
फिल्म संवेदना से भरी हुई है। फिल्म का हर करेक्टर आपको आखिरी तक इसे देखने के लिए विवश करेगा। 13 मिनट की ये शॉर्ट फिल्म अपनी संदेश देने में कामयाब हुई है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले यूट्यूब पर रिलीज हुई ये फिल्म छा गई है।
फिल्म देवी में काजोल एक तरह से सूत्रधार की तरह कहानी को बांधती हैं। एक कमरे में एक तरफ निम्न आयवर्ग की महिलाएं हैं। दूसरी तरफ कुछ संभ्रांत घराने की युवतियां हैं। बीच में एक मूक बधिर बालिका है जो टीवी पर चल रहे समाचार सुनने के लिए रिमोट से संघर्ष कर रही है। इसी बीच घर की डोर बेल बजती है और घर में हलचल शुरू हो जाती है। बाहर कौन है, ये जानने से पहले अंदर इस बात पर बहस शुरू हो गई कि जो आएगा वो इस कमरे में कैसे रहेगा। इसी बहस के दौरान हर महिला अपने साथ हुए गलत काम पर अपनी कहानी कहती हैं।