एकता कपूर भारतीय मनोरंजन की दुनिया में सबसे दमदार नामों में गिनी जाती हैं। पिछले तीस सालों में उन्होंने टीवी, ओटीटी और फिल्मों में ऐसा कंटेंट दिया है जो ना सिर्फ हिट रहा, बल्कि लोगों के दिलों को भी छू गया। एकता अब सिर्फ प्रोड्यूसर नहीं, बल्कि एक ऐसा नाम बन गई हैं जो नए ट्रेंड्स की पहचान बन चुका है।
बालाजी टेलीफिल्म्स की मास्टरमाइंड और क्रिएटिव सोच की ताकत एकता कपूर ने भारतीय दर्शकों को ऐसे अनगिनत यादगार शोज़ दिए हैं, जिन्होंने एक पूरा दौर गढ़ा। उन्हीं में से एक शो था 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' जो आज से 25 साल पहले शुरू हुआ था और जिसने भारतीय टेलीविजन की परिभाषा ही बदल दी थी।
अब जब यह शो एक नए सीज़न के साथ लौटने जा रहा है, एकता ने खुद साझा किया कि उन्होंने इतने सालों बाद इसे फिर से लाने के बारे में क्यों सोचा – ताकि नई पीढ़ी भी उसी जादू से जुड़ सके। एकता कपूर ने सोशल मीडिया पर "Why Kyunki, Why Now?" यानी "क्यों 'क्योंकि' अब?" का जवाब देते हुए कहा, "जब क्योंकि सास भी कभी बहू थी के 25 साल पूरे होने वाले थे और इसे फिर से लॉन्च करने का आइडिया सामने आया, तो मेरा पहला रिएक्शन था, नहीं!
एकता ने कहा, मैं उस नॉस्टेल्जिया (पुरानी यादों) को क्यों छेड़ूंगी? आप कभी भी नॉस्टेल्जिया से मुकाबला नहीं कर सकते। वो हमेशा सबसे ऊपर रहता है। जैसे मैं अपने बचपन को याद करती हूं और असल में वो जैसा था, वो कभी एक जैसा नहीं हो सकता।
उन्होंने आगे कहा, साथ ही, टेलीविजन की दुनिया अब बहुत बदल चुकी है। पहले सिर्फ 9 शहरों पर निर्भर इंडस्ट्री अब अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर बंटी हुई ऑडियंस के बीच फैल चुकी है। क्या ये क्योंकि की उस विरासत को हिला देगा? वो ऐतिहासिक TRP जो न पहले किसी शो को मिली थी, न बाद में? लेकिन क्या वाकई यही उस शो की असली विरासत थी? क्या वो सिर्फ एक हाई नंबर वाला शो था?
एकता ने कहा, एक अंतरराष्ट्रीय संस्था द्वारा की गई रिसर्च में यह सामने आया था कि इस शो ने भारतीय घरों की महिलाओं को आवाज़ दी। साल 2000 से 2005 के बीच पहली बार ऐसा हुआ कि महिलाएं परिवार की बातचीत का हिस्सा बनने लगीं और इसका बड़ा असर भारतीय टेलीविजन, खासकर 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' और 'कहानी घर घर की' जैसे शोज़ की वजह से हुआ।
उन्होंने आगे कहा, 'क्योंकि' एक ग्लोबल एम्बेसडर बन गया, जिसने भारत की कहानी कहने की परंपरा को पूरी दुनिया तक पहुंचाया। ये सिर्फ एक डेली सोप नहीं था बल्कि इसने घरेलू शोषण, वैवाहिक शोषण, उम्र को लेकर ताने, और इच्छामृत्यु जैसे मुद्दों को भारतीय घरों के डाइनिंग टेबल तक लाकर चर्चा का विषय बना दिया। यही थी उस कहानी की असली विरासत।
एकता कपूर ने कहा, साथियों से बातचीत के दौरान, शो का अचानक खत्म हो जाना हमारे ज़ेहन में हमेशा बना रहा। ऐसा लग रहा था जैसे कुछ अधूरा रह गया हो। तो जब केविन वाज़, उनकी टीम, नेटवर्क हेड्स और बालाजी की टीम के साथ इस पर चर्चा शुरू हुई, तब मैंने सोचा क्या हम 'क्योंकि' को आज की स्टोरीटेलिंग से दूर रख सकते हैं और एक बार फिर उन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं जिन्हें कभी टीवी ने साहस के साथ उठाया था?
उन्होंने कहा, क्या हम इसे फिर से टीआरपी की दौड़ से अलग रखकर सिर्फ असरदार कहानियों पर आधारित बना सकते हैं? क्या हम एक बार फिर उस शक्ति को वापस ला सकते हैं जो लाखों लोगों तक पहुंच कर सोच और नजरिया बदल सकती है? क्या हम पैरेंटिंग पर बात कर सकते हैं? इस बात पर कि परवाह और कंट्रोल के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए? क्या हम उन मुद्दों पर बात कर सकते हैं जिनसे हम आज भी कतराते हैं?
एकता ने कहा, क्या हम भारत के सबसे पसंदीदा और सबसे गहरे जुड़ाव वाले प्लेटफॉर्म, टेलीविज़न, का इस्तेमाल ऐसी कहानी कहने के लिए कर सकते हैं जो लोगों से जुड़े और शायद उतना ही सिखाए जितना मनोरंजन दे? क्या हम वो समय वापस ला सकते हैं जब पूरा परिवार डिनर टेबल पर बैठकर बातें किया करता था? जब मैंने खुद से ये सवाल किया, तो जवाब भी खुद-ब-खुद मिल गया एक मुस्कान के साथ।
उन्होंने कहा, मैंने कहा चलो करते हैं ये! एक ऐसा शो बनाते हैं जो जरूरी सवाल उठाने से डरे नहीं, जो बातचीत की शुरुआत करे, और जो आज के दिखावे से भरे दौर में अपनी एक अलग पहचान बनाए। 'क्योंकि' लौट रहा है लिमिटेड एपिसोड्स के साथ, 25 साल पूरे होने का जश्न मनाने, लोगों को सोचने पर मजबूर करने, मनोरंजन देने, और सबसे जरूरी – प्रेरणा देने के इरादे से।
एकता कपूर ने कहा, "क्योंकि सास भी कभी बहू थी" के नाम, उस सोच के नाम, जो लोगों को आवाज़ देती है, उस बदलाव के नाम, जिसका लोग लंबे समय से इंतज़ार कर रहे थे, उस इतिहास के नाम, जो इस शो ने रचा, और उस भविष्य के नाम, जो यह शो हमारे लिए लेकर आ रहा है। बिना किसी भाषणबाज़ी के, बस दिल से, जिससे हर कोई जुड़ सके, हर कोई खुद को उस कहानी में देख सके।
आख़िर में एकता कपूर ने कहा, "क्योंकि" के नाम एक जश्न हो, कहानी कहने की ताक़त को सलाम हो, जो पहले हुआ उस पर नहीं, जो आने वाला है उस पर नज़र हो। हम कभी भी नॉस्टेल्जिया (पुरानी यादों) से नहीं जीत सकते, पर ये लड़ाई जीतने की नहीं, असर छोड़ने की है। उस शो के लिए जो सिर्फ हमारा नहीं, आपका भी है!
हिट कंटेंट की शानदार कामयाबी के बाद अब एकता कपूर एक और जबरदस्त लाइनअप के साथ तैयार हैं। पहली बार वो TVF के साथ मिलकर VvAN बना रही हैं, जिसमें सिद्धार्थ मल्होत्रा और तमन्ना भाटिया नजर आएंगे। इसके अलावा, वो एक बार फिर अक्षय कुमार और प्रियदर्शन के साथ मिलकर हॉरर-कॉमेडी भूत बंगला लेकर आ रही हैं। साथ ही, एकता अपना मलयालम डेब्यू भी कर रही हैं, जिसमें सुपरस्टार मोहनलाल लीड रोल में होंगे।