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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : मंगलवार, 13 अक्टूबर 2020 (15:42 IST)

Special Story: बिहार चुनाव में लंदन रिटर्न पुष्पम प्रिया ‘खोंयछा’ में मांग रही है CM की कुर्सी !

बिहारी अस्मिता के सहारे इमोशनल तरीके से पुष्पम प्रिया कर रही इलेक्शन कैंपेन

Special Story: बिहार चुनाव में लंदन रिटर्न पुष्पम प्रिया ‘खोंयछा’ में मांग रही है CM की कुर्सी ! - Bihar Election 2020: Pushpam Priya became Chief Minister's face in Bihar election due to unique style of election campaign
बिहार विधानसभा के चुनाव में इस बार लगभग हर पार्टी और गठबंधन मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ चुनावी मैदान में है। NDA  की और से नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री के चेहरे है तो महागठबंधन की ओर लालू के बेटे तेजस्वी यादव सीएम पद के दावेदार है। इन सबके बीच मुख्यमंत्री पद का दावेदार एक ऐसा चेहरा भी है जिसने बकायदा अखबारों में इश्तेहार के जरिए अपने को सीएम कैडिंडेट घोषित किया था।
 
अखबार के जरिए सीएम कैंडिडेट बनने का एलान-पुष्पम प्रिया चौधरी बिहार चुनाव का एक ऐसा चर्चित चेहरा है जो आज सबसे अधिक सुर्खियों में है। लंदन में पढी लिखी पुष्पम प्रिया राजनीति की कंटीली राहों पर चलकर बिहार को बदलने के लिए निकली है।

लंदन से लौटी पुष्पम प्रिया उस वक्त चर्चा में आई थी जब उनकी पार्टी प्लुरल्स का फुल पेज का विज्ञापन बिहार के सभी बड़े अखबारों में पहले पन्ने पर छपा था। इस विज्ञापन में काले कपड़ों में एक लड़की की फोटो छपी था वह नाम था एक अंजान लड़की पुष्पम प्रिया चौधरी का। इस भारी भरकम विज्ञापन के जरिए पुष्पम प्रिया ने खुद को 2020 के बिहार चुनाव में मुख्यमंत्री का कैंडिडेट घोषित कर दिया।

इस एड के बाद बिहार में मिस्ट्री गर्ल के नाम से मशूहर हुई पुष्पम प्रिया की रगों में राजनीति है। उनके पिता विनोद चौधरी बिहार की राजनीति के बड़े नाम है। राजनीति में आने को पुष्पम न तो संयोग बताती है न ही प्रयोग वह कहती हैं कि राजनीति में आने का एकमात्र मकसद बिहार को बदलना है।
 
चुनाव प्रचार में बिहारी अस्मिता का ‘खोंयछा’ का दांव- लंदन में पढ़ी लिखी पुष्पम प्रिया ठेठ बिहारी के अंदाज में किसी मंझे हुए पॉलिटिशियन की तरह अपना पूरा इलेक्शन कैंपेन चला रही है। झुग्गी बस्तियों में लोगों से भोजपुरी में बात करने वाली पुष्पम प्रिया ने चुनाव में बिहारी अस्मिता का बड़ा दांव चला है।  
 
बिहारी अस्मिता के सहारे मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रही पुष्पम प्रिया का प्रचार करने का अनोखा अंदाज आजकल राजनीति में काफी चर्चा में है। चुनाव प्रचार के दौरान पुष्पम प्रिया वोटरों से आशीर्वाद के रूप में खोंयछा ले रही है। खोंयछा बिहार की संस्कृति वह परंपरा है जिसके सहारे पुष्पम प्रिया सीधे घर की महिलाओं तक अपनी पहुंच बना रही है। 
‘बिहार का खोंयछा’ वाले अपने जनसंपर्क को पुष्प्म प्रिया बिहार की जनता का कर्ज और अपनी जमापूंजी मानती है। पुष्पम प्रिया कहती हैं कि खोंयछा में मिलने वाले एक मुट्ठी चावल से 2030 तक 150 मिलियन टन फूडग्रेन, एक टुकड़ा कपड़ा से 100 टेक्सटाइल पार्क और आशीर्वाद में मिले एक सिक्के से 2025 तक हर साल 8 लाख सरकारी और 80 लाख प्राइवेट जॉब्स का सृजन किया जाएगा। वह बिहार की 49 फीसदी गरीब आबादी को अमीर बनाने का लक्ष्य भी लेकर चल रही है।

‘बिहार का खोंयछा’ के पीछे असल कारण राजनीति का इमोशनल कार्ड है। पुष्पम प्रिया जिस मिथिलांचल इलाके से आती है वहां खोंयछा को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। बिहार चुनाव में खोंयछा अभियान चलाने वाली पुष्पम प्रिया अपने चुनाव प्रचार अभियान में महिलाओं से खोंयछा लेना नहीं भूलती है।  
 
पार्टी के उम्मीदवारों का धर्म ‘बिहारी’-पुष्पम की पार्टी प्लुरल्स के उम्मीदवारों की लिस्ट पर नजर डाले तो वह अन्य पार्टियों से एकदम अलग नजर आती है। अब तक चुनाव के लिए दो चरण के उम्मीदवारों की जारी सूची पर नजर डालते है कि इसमें इंजीनियर, डॉक्टर, आईटी प्रोफेशनल, सोशल एक्टिविस्ट और पत्रकार शामिल है। 

पार्टी के उम्मीदवारों की सूची में जाति के कॉलम में उम्मीदवार का प्रोफेशन और धर्म में बिहारी लिखा है। इसके सहारे पुष्पम प्रिया यह बताने की भी कोशिश कर रही है कि लड़ाई बिहार में जाति की राजनीति को खत्म करना है 
प्लुरल्स पोल कमिटी की अनुशंसा पर बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण के 40 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी गई है। शेष 31 की घोषणा अगले 24-36 घंटे में की जाएगी। प्लुरल्स के सभी घोषित प्रत्याशियों को बधाई और शुभकामनाएँ। चलिए बिहार बदलने की शुरुआत करते हैं। #सबकाशासन pic.twitter.com/Obt3fFeLDv
पुष्पम प्रिया राजनीति में महिलाओं को आगे बढ़ाने की भी पक्षधर है इसलिए उन्होंने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों में 50 फीसदी टिकट महिलाओं के लिए आरक्षित कर रखी है। पुष्पम प्रिया बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र से पहली बार चुनावी मैदान में किस्मत अजमा रही है। 
 
बांकीपुर से चुनावी मैदान में पुष्पम प्रिया- अपनी उम्मीदवारी के बारे में बताते हुए पुष्पम प्रिया कहती है कि मैं पुष्पम प्रिया चौधरी बिहार की जीवनदायिनी गंगा के दक्षिण-तट अवस्थित मगध में सम्राट चंद्रगुप्त और 'देवों के प्रिय' अशोक की प्राचीन राजधानी पुष्पपुर-पाटलिपुत्र-पटना के बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र (182) से प्लुरल्स की उम्मीदवार हूं।

इसके आगे पुष्पम प्रिया कहती है कि मैं इंस्टिट्यूट ऑफ डेवेलपमेंट स्टडीज़, यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स, से डेवेलपमेंट स्टडीज़ में और लंदन स्कूल ऑफ ईकोनोमिक्स एंड पोलिटिकल सायंस से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स हूँ और चाणक्य के कहे अनुसार एक शासक बनने के लिए आवश्यक विषयों पॉलिटिक्स, फ़िलासफ़ी और ईकोनॉमिक्स की मैंने गहन पढ़ाई की है और विकसित समाज के लिए पॉलिसीमेकिंग का कार्य किया है। बिहार के इस चुनाव में अपने 241 साथियों के साथ सफल होकर न सिर्फ़ पाटलिपुत्र और मगध के प्राचीन गौरव की वापसी बल्कि पूरे बिहार को 2025 तक भारत में नम्बर एक और 2030 तक विश्व के श्रेष्ठ जगहों में से एक बनाने को कृतसंकल्पित हूँ क्योंकि यह मेरे बिहार की वापसी का दशक है।
काले कपड़े पहनने का राज-बिहार चुनाव में किसी परिपक्व राजनेता की नजर आने वाली पुष्पम प्रिया अपने पहनावे को लेकर भी खूब चर्चा में है। चुनाव प्रचार में निकलने वाली पुष्पम प्रिया प्रचार के दौरान हमेशा काले कपड़ों ने नजर आती है। चुनाव प्रचार में उनका यह अंदाज उनका और नेताओं से अलग खड़ा कर देता है। काले कपड़े पहनने के राज पर पुष्पम प्रिया बस इतना कहती है कि बाकी नेता सफेद कपड़े क्यों पहनते है।   
 
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