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Last Modified: शनिवार, 26 फ़रवरी 2022 (15:58 IST)

सोशल मीडिया पर उठी पीएम मोदी से पुतिन के नक्शे क़दम पर चलने की मांग

सोशल मीडिया पर उठी पीएम मोदी से पुतिन के नक्शे क़दम पर चलने की मांग - Russia Ukraine war : Social media, Modi and Putin
मेधावी अरोड़ा, बीबीसी संवाददाता
यूक्रेन पर रूस का हमला होने के बाद सोशल मीडिया पर पीएम मोदी से अक्साई चिन और ''पीओके'' वापस लेने की मांग उठ रही है।
 
यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद से भारतीय सोशल मीडिया दो हिस्सों में बंटता दिख रहा है। जहां एक ओर कुछ सोशल मीडिया यूज़र इस हमले की निंदा करते हुए हिंसा ख़त्म करने की अपील कर रहे हैं।
 
वहीं, कुछ लोग पुतिन की तारीफ़ करते हुए पीएम मोदी से उनके कदमों पर चलने की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर ऐसी कई टिप्पणियां की गई हैं जिनमें भारत से विवादित क्षेत्रों जैसे पाक प्रशासित कश्मीर और अक्साई चिन को पाकिस्तान और चीन से "वापस लेने" की मांग की जा रही है।
 
कुछ टिप्पणियों में रूस के हमले को अखंड रूस की दिशा में उठाया गया कदम बताया जा रहा है। इसके साथ ही अखंड भारत की मांग उठाई जा रही है और साथ में नक्शे भी शेयर किए जा रहे हैं।
 
अखंड भारत का मतलब क्या है?
अखंड भारत से आशय उस क्षेत्र से है, जो अगर होता तो, उसमें पाकिस्तान और चीन के साथ विवादित क्षेत्रों के साथ-साथ भारत के कई पड़ोसी देश शामिल होते।
 
बीजेपी और आरएसएस के सदस्यों की ओर से इससे पहले भी ये मांग उठाई जाती रही है।
 
इस ट्रेंड को ट्विटर से लेकर फ़ेसबुक पर देखा जा सकता है। ट्विटर पर कई यूज़र वैरिफाइड अकाउंट्स के साथ इस मांग को उठा रहे हैं। और फ़ेसबुक पर बड़े समूहों में इस पर चर्चा देखी जा रही है जिनमें दस लाख के क़रीब सदस्य हैं।
 
किस तरह के पोस्ट किए जा रहे हैं?
ऐसी ही एक पोस्ट बीजेपी नेता और अंबेडकरनगर से पूर्व सांसद हरिओम पांडेय ने अपने 80 हज़ार से ज़्यादा फॉलोअर वाले वैरिफाइड अकाउंट से की है।
 
इसी तरह बीजेपी के आईटी सेल से जुड़े शिवराज सिंह दाबी 30 हज़ार से ज़्यादा फॉलोअर वाले अपने वैरिफाइड अकाउंट से लिखते हैं, "राष्ट्रपति पुतिन ने बताया है कि किस तरह से एक बार फिर अखंड रूस बन सकता है... हमें भी अखंड भारत की उम्मीद नहीं खोनी चाहिए।"
 
एक पोस्ट लेखक भावना अरोड़ा ने अपने 1,69,000 फॉलोअर वाले वैरिफाइड अकाउंट से किया, "चूंकि हमें अब ये पता चल गया है कि नेटो और यूएन की क्षमता क्या है तो अब समय आ गया है कि हम पीओके को वापस ले लें।"
 
तमिलनाडु के एक पत्रकार ने लिखा है, "अब पीओके हासिल करने के लिए हमारे पास एक टेंप्लेट है।"
 
अन्य टिप्पणियों में लिखा गया है, लोहा गरम है, मार दो हथौड़ा...
 
इसके अतिरिक्त ऐसे ही कई बयान मीम के साथ शेयर किए गए हैं।
 
निंदा करने से बचता हुआ भारत
पीएम मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति पुतिन के साथ फ़ोन पर हुई बातचीत में हिंसा रोकने और बातचीत एवं कूटनीति पर ज़ोर देने की अपील की है। भारत ने यूक्रेन की स्थिति पर ख़ेद तो व्यक्त किया है लेकिन अब तक रूसी हमले की निंदा करने से बचने की कोशिश की है।
 
साथ ही भारत ने संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन पर हुए हमले की निंदा तो की लेकिन वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया, यानी न तो उसने यूक्रेन और न ही रूस के पक्ष में वोट दिया।
 
लेकिन बात अगर सोशल मीडिया पर उठी मांग की करें तो यूक्रेन पर रूसी हमले की तुलना चीन और पाकिस्तान से विवादित क्षेत्रों को वापस लेने से करना काफ़ी जोखिम भरा है। सबसे बड़ा जोखिम ये है कि जहां यूक्रेन ने 1990 में अपने परमाणु हथियार त्याग दिए थे, वहीं चीन और पाकिस्तान परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र हैं।
 
इससे पहले भारतीय नेताओं, जिनमें विदेश मंत्री एस जयशंकर और गृह मंत्री अमित शाह शामिल हैं, पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर और अक्साई चिन को भारत का अभिन्न अंग बता चुके हैं।
 
भारत और पाकिस्तान दोनों ही पूरे कश्मीर पर दावा करते हैं और दोनों देश इसके हिस्सों को नियंत्रित करते हैं, जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत प्रशासित कश्मीर और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के रूप में जाने जाते हैं।
 
भारत और पाकिस्तान ने कश्मीर को लेकर अब तक दो युद्ध और एक सीमित संघर्ष में भाग लिया है।
 
अक्साई चिन लद्दाख के पूर्व में स्थित एक पठार है जिस पर चीन का नियंत्रण है लेकिन भारत इस पर दावा करता है। ये इलाका चीन के लिए रणनीतिक रूप से अहम है क्योंकि ये हिस्सा चीन के शिनजियांग प्रांत को पश्चिमी तिब्बत से जोड़ता है।
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