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Last Modified: रविवार, 21 अप्रैल 2019 (08:03 IST)

लोकसभा चुनाव 2019: सिवान में 'हिना' का रंग चढ़ेगा या 'कविता' की लय

लोकसभा चुनाव 2019: सिवान में 'हिना' का रंग चढ़ेगा या 'कविता' की लय - Loksabha election 2019 : Ground report Siwan
नीरज सहाय
सीवान से (बिहार), बीबीसी हिंदी के लिए
बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से कई सीटों पर बाहुबली नेताओं की पत्नियां चुनाव मैदान में हैं। इनमें से एक लोकसभा क्षेत्र है सिवान, जहां से दो बाहुबलियों की पत्नियां चुनावी मैदान में आमने-सामने हैं।
 
उत्तर बिहार के अपराधग्रस्त क्षेत्र सिवान में यादव-मुस्लिम-राजपूत जातियों का खासा प्रभाव है। यहां से राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने बाहुबली नेता और राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को मैदान में तीसरी बार उतारा है।
 
उनके मुकाबले भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए ने जनता दल यूनाइटेड के बाहुबली नेता अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह को उम्मीदवार बनाया है। फिलहाल कविता जदयू की विधायक हैं।
 
उन्होंने जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा से पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई पूरी की है। उनकी सास जगमातो देवी भी जदयू की विधायक थीं। उनकी मृत्यु के बाद हुए उपचुनाव में जीतकर साल 2011 में कविता विधायक बनीं।
 
दूसरी तरफ हिना शहाब विद्याभवन महिला महाविद्यालय, सिवान से राजनीतिशास्त्र में स्नातक हैं। उनके पिता सिवान शहर के मूल निवासी हैं और कपड़ा व्यवसायी हैं।
 
उनके पति मो. शहाबुद्दीन की राजनीतिक पारी की शुरुआत वर्ष 1990 से निर्दलीय विधायक के रूप में हुई थी। वर्ष 1992 से 2004 तक वो चार बार इलाके के सांसद चुने गए। फिलहाल वो सिवान के बहुचर्चित तिहरे हत्याकांड समेत लगभग दर्जनभर मामलों में सजायाफ्ता हैं और दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।
 
इस संसदीय क्षेत्र में मो. शहाबुद्दीन के ज़बरदस्त प्रभाव के बावजूद हिना शहाब उनकी चुनावी सफलता को दोहराने में सफल नहीं हुई। वो तीसरी बार इस क्षेत्र से अपनी किस्मत आजमा रही हैं।
 
हिना की प्रतिद्वंदी कविता सिंह के पति अजय सिंह हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वे विभिन्न आपराधिक मामलों में जमानत पर हैं। उन्होंने साल 2015 में राजद-जदयू के साझा उम्मीदवार के रूप में विधान परिषद का चुनाव लड़ा था, लेकिन वो भाजपा उम्मीदवार से हार गए थे।
 
आज उनकी पत्नी कविता भाजपा के समर्थन से जदयू के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ रही हैं। कविता और हिना दोनों ही के पति दबंग छवि के हैं और दोनों की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक है।
 
हिना और कविता के अंदाज
भोजपुरी भाषी सिवान के ग्रामीण मतदाताओं का दिल जीतने के लिए हिना उन्हीं की जुबान में उनसे बात करती हैं और खुद को उनकी बेटी-बहन बताती हैं।
 
वे कहती हैं कि मैं सामान्य गृहिणी थी। राजनीति में आने का कभी विचार नहीं था, लेकिन शहाबुद्दीन के जेल जाने और कानूनी चुनौतियों से उत्पन्न परिस्थिति में मुझे सार्वजनिक जीवन में आने का फैसला करना पड़ा। राजद के स्थानीय कार्यकर्ताओं के दबाव और लालू यादव के समर्थन से मेरी उम्मीदवारी तय हो गई। हालांकि, शहाबुद्दीन यह कभी नहीं चाहते थे कि परिवार का कोई शख्स चुनाव लड़े।
 
वहीं दूसरी ओर शिक्षक पिता और ग्राम प्रधान मां की बेटी विधायक कविता सिंह कहती हैं, 'राजनीति हमें विरासत में मिली है। हमने जनता के बीच रहकर हर प्रकार से उनकी सेवा की है इसलिए मुझे लोगों से पूरा आशीर्वाद मिलने की उम्मीद है।'
 
साल 2009 में पहली बार चुनाव लड़ने वाली हिना शहाब ने स्वीकार किया कि शुरू में उन्हें काफी घबराहट होती थी। सही मायने वो 2014 में समाज सेवा में पूरी तरह आईं।
 
बिहार की राजनीति में अपराधीकरण
बिहार में राजद के पंद्रह साल के शासन में राजनीति के अपराधीकरण के सवाल पर हिना शहाब कहती हैं, 'यह आरोप सीधे-सीधे हमारे परिवार पर आता है। जब लालू यादव की सरकार बनी थी तब कहा जाता था कि बिहार में जंगलराज है। आज केंद्र और कई राज्यों में एनडीए की सरकार है, लेकिन आए दिन हत्याएं हो रही हैं, भ्रष्टाचार चरम पर है।'
 
हिना पलटकर सवाल करती हैं कि क्या आज समाज अपराधमुक्त हो गया है? इस मुद्दे पर उनकी प्रतिद्वंदी कविता सिंह का कहना है, 'जिन लोगों के कारनामों से डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की भूमि सिवान रक्तरंजित हुई उन्हें जनता बार- बार ठुकरा चुकी है।'
 
महागठबंधन की प्रत्याशी के नाते हिना शहाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने वाले जदयू के खिलाफ वोट मांग रही हैं, लेकिन वो मोदी के खिलाफ कुछ भी कहने से परहेज करती हैं। वो कहती हैं, 'मैं एक महिला हूं। सम्मानित प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बहुत बड़े लोग हैं। मैं उन्हें कैसे चुनौती दे सकती हूं।'
 
हालांकि, वो नीतीश कुमार के बारे में कहती हैं, 'जब माननीय प्रधानमंत्री का सीएम के डीएनए में खोट वाला बयान आया था तो नीतीश कुमार ने कहा था कि वो कभी भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। लेकिन, जब उनको लगा कि सृजन घोटाला उजागर होने वाला है तब वो भाजपा के साथ चले गए। उनके इस आचरण को कैसे जायज ठहराएंगे।'
 
तीन तलाक के मुद्दे पर हिना शहाब शरियत और मुस्लिम पर्सनल लॉ की दुहाई देकर तीन तलाक संबंधी अध्यादेश का विरोध करती हैं। उधर जदयू की प्रत्याशी कविता सिंह पार्टी लाइन से हटकर तीन तलाक के मुद्दे का समर्थन करती हैं और मानती हैं कि इससे मुस्लिम महिलाओं का सशक्तिकरण होगा।
 
सिवान के निवर्तमान सांसद और भाजपा नेता ओमप्रकाश यादव की सीट पर चुनाव लड़ने वाली कविता सिंह का दावा है कि वह प्रधानमंत्री के नारों पर अमल करते हुए इस क्षेत्र में उन कार्यों को आगे बढ़ाएंगी जो अधूरे रह गए हैं। जबकि, हिना सिवान संसदीय क्षेत्र में सभी वर्ग के बच्चों और बच्चियों के लिए निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने और पार्टी लाइन पर आरक्षण लागू करवाना चाहती हैं।
 
कविता और हिना के दावों पर जनता कितना विश्वास करती है यह चुनाव परिणाम ही तय करेगा। फिलहाल दोनों महिलाओं की मौजूदगी ने सिवान संसदीय क्षेत्र को दिलचस्प बना दिया है।
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