Kulbhushan Jadhav case : Pak advocate lost case against Harish Salve
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शुक्रवार, 19 मई 2017 (12:23 IST)
कुलभूषण जाधव केस: वो पाकिस्तानी वकील जो साल्वे के सामने नहीं टिक पाया
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने पाकिस्तानी जेल में कैद कूलभूषण जाधव की फांसी पर अंतरिम रोक लगा दी है। कूलभूषण जाधव केस में भारत को मिली इस जीत का श्रेय वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को दिया जा रहा है, जिन्होंने एक रुपए में ये केस लड़ा।
हरीश साल्वे की तारीफों के बीच पाकिस्तान का पक्ष रखने वाले वकील खावर कुरैशी की भी चर्चा हो रही है। पाकिस्तान में सोशल मीडिया यूजर्स से लेकर राजनेता तक खावर कुरैशी की आलोचना कर रहे हैं।
इसकी एक वजह इंटरनेशनल कोर्ट में ज़िरह के लिए 90 मिनट मिलने के बावजूद खावर कुरैशी का सिर्फ 50 मिनट बहस करना भी बताया जा रहा है। आइए आपको बताते हैं वरिष्ठ वकील खावर कुरैशी के बारे में, जो कोर्टरूम में हरीश साल्वे की दलीलों के आगे टिक नहीं पाए।
पहले भी भारत के खिलाफ उतरे थे खावर : ये पहला मौका नहीं है, जब खावर ने पाकिस्तान की तरफ से भारत के खिलाफ केस लड़ा हो। इससे पहले साल 2016 में भी वो पाकिस्तान का पक्ष रख चुके थे।
ये केस हैदराबाद के 7वें निजाम उस्मान अली खान के करीब 250 करोड़ रुपए के फंड का था। इस फंड पर निजाम के वंशजों, भारत और पाकिस्तान तीनों का दावा था। भारत और निजाम के वंशजों के खिलाफ ये केस खावर ने लड़ पाकिस्तान को जीत दिलाई थी। खावर कुरैशी सेरले कोर्ट नाम की एक प्राइवेट लॉ फर्म से जुड़े हुए हैं।
ICJमें ज़िरह करने वाले सबसे युवा वकील : खावर पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक हैं। कुरैशी को साल 2006 में क्वीन्स काउंसिल बनाया गया था। ब्रिटेन में कुछ खास और बड़े वकीलों को क्वीन्स काउंसल बनाए जाने से इंग्लैंड और वेल्स के कोर्टरूम्स में वकालत करने का अधिकार मिलता है।
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) से खावर का पुराना नाता है। साल 1993 में खावर ICJ में वकालत करने वाले सबसे कम उम्र के वकील थे। खावर उस साल बोस्निया के काउंसल के तौर पर युगोस्लाविया के खिलाफ नरसंहार मामले में केस लड़ा था। खावर की गिनती बड़े इंटरनेशनल मामलों के बेहतरीन वकीलों में होती है।
खावर कुरैशी के नाम कई रिकॉर्ड्स : खावर ज्यादातर इंग्लिश कोर्ट में सभी स्तर पर वकालत कर चुके हैं। सेरले कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक, खावर ने करीब 60 देशों के खिलाफ केस लड़े। 1999-2006 तक खावर यूके सरकार के 'ए' पैनल ट्रेजरी काउंसल के वकील रह चुके हैं. ये काउंसल यूके सरकार को सिविल केसों में सलाह देता है। 1998-2008 तक खावर पब्लिक इंटरनेशनल लॉ कमेटी के चेयरमैन और बार काउंसिल इंटरनेशनल रिलेशन कमेटी के वाइस प्रेसीडेंट रहे।
ब्रिटिश हाईकोर्ट के जज बने खावर : खावर साल 2008 में यूके के बाहर पहली बार बने बैरिस्टर्स चैंबर्स के मुखिया बने। ये चैंबर कतर में बना था। ऐसा नहीं है कि खावर का अनुभव सिर्फ वकालत तक है। जनवरी 2013 में खावर हाईकोर्ट के डिप्टी जज नियुक्त किए गए। कोर्ट में जिरह करने के अलावा खावर कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ाने से लेकर कानून से जुड़े मुद्दों पर लिखते भी रहते हैं। दुनियाभर के वकीलों के चैंबर्स और वकीलों की रैंक बताने वाले 'चैंबर्स एंड पार्टनर्स' ने खावर के बारे में 2014 में लिखा, 'खावर कठिन केसों को बखूबी लड़ते हैं। आज के एक वकील में जो खूबियां होनी चाहिए, खावर में वो सब हैं।'