'वायु', 'हिक्का' और अब 'महा' तूफ़ान। इस साल अरब सागर से चार तूफ़ान गुजरात के समुद्री तट पर चिंताएं लेकर आए। मौसम विभाग के मुताबिक महा तूफ़ान बुधवार को दीव और पोरबंदर पहुंच सकता है। लेकिन अरब सागर से एक साल में चार तूफ़ान कैसे आए और महा तूफ़ान गुजरात पर क्या असर डालेगा?
दरअसल पिछले कुछ सालों में जलवायु परिवर्तन की वजह से अरब सागर में पानी का तापमान तेज़ी से बढ़ा है, तूफ़ान आने का ये एक कारण है। इसकी वजह से बारिश भी ज़्यादा हुई। इस साल बंगाल की खाड़ी से दो तूफ़ान और अरब सागर से चार तूफ़ान आए।
डाउन टू अर्थ में नेहा यादव की रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरब सागर में पानी की सतह ठंडी है। इसलिए वहां बंगाल की खाड़ी के मुक़ाबले कम तूफ़ान आते हैं और कई तूफ़ान समुद्र के पास आकर खत्म हो जाते हैं। लेकिन जलवायु परिवर्तन की वजह से अरब सागर के पानी का तापमान बढ़ रहा है और ये चिंता का विषय है।
1998 और 2018 के बीच, ऐसे पांच तूफ़ान आए जिनकी तीव्रता अरब सागर में बहुत ज़्यादा थी। अहमदाबाद के मौसम विभाग के निदेशक जयंत सरकार के मुताबिक, अरब सागर में तूफ़ानों की एक वजह उसके सतह के पानी के तापमान का बढ़ना भी हो सकता है।
'महा' के बारे में
महा तूफ़ान का केंद्र लक्षद्वीप में था। जिसकी वजह से केरल, तमिलनाडु और लक्षद्वीप में भारी बारिश हुई। बुधवार को इसके 70 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से दीव और पोरबंदर पहुंचने की आशंका है। इससे सौराष्ट्र, दक्षिण गुजरात और कोंकण के साथ-साथ महाराष्ट्र के पुणे में भारी बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग का ये भी अनुमान है कि गुजरात पहुंचते-पहुंचते महा तूफ़ान कमज़ोर पड़ सकता है। हो सकता है कि गुजरात में जान-माल का नुकसान न हो, लेकिन इस इलाके में तेज़ हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है।
फसलों पर असर
फिलहाल गुजरात में कपास, मूंगफली, जीरा और धान की फसल लगी हुई है। लेकिन मॉनसून के खिंचने और दो तूफ़ानों की वजह से बेमौसम बरसात के चलते किसानों को नुकसान हुआ है। प्रशासन के मुताबिक राज्य में महा से निपटने की पूरी तैयारियां कर ली गई हैं और इसकी स्थिति पर क़रीबी नज़र रखी जा रही है।
राज्य के प्रमुख सचिव जेएन सिंह ने कहा कि हमने समुद्री तटों पर पर्यटन की गतिविधियों को रोकने की सलाह दी है और साथ ही मछुआरों को समुद्र में ना जाने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि स्टेट डिज़ास्टर रिस्पांस फोर्स और नेशनल डिज़ास्टर रिस्पांस फोर्स इसके लिए पूरी तरह से तैयार है।
कैसे रहे सुरक्षित?
महा तूफ़ान को लेकर गुजरात के आपदा विभाग ने कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि अगर आपके घर या आसपास की इमारत को मरम्मत की ज़रूरत है तो उसे पूरा कर लें, ताकि किसी बड़े हादसे से बचा जा सके।
अपने परिवार के सदस्यों, बच्चों और पड़ोसियों के साथ-साथ अपने आस-पास के लोगों को तूफ़ान के बारे में बता दें। साथ ही उन्हें ये भी बताएं कि इससे कैसे बचा जा सकता है।
ज़रूरी कागज़ातों को सुरक्षित जगहों पर रख दें, ताकि बारिश या बाढ़ की स्थिति में वो ख़राब न हों। आपके पास परिवार के सदस्यों की तस्वीरें और ब्लड ग्रुप की जानकारी होनी चाहिए।
घर में एक हफ़्ते का राशन, पानी और दवाइयां जमा कर लें। आपके पास टॉर्च, एक्स्ट्रा बैटरी और मिट्टी के तेल के लैंप तैयार होने चाहिए। आपातकाल की स्थिति के लिए आपके पास कंबल और कपड़े होने चाहिए।
तूफ़ान पर मौसम विभाग की हर एडवाइज़री का पता करते रहें और डिजास्टर मैनेजमेंट टीम की ओर से बताए गए सभी निर्देशों का पालन करें।