गुरुवार, 21 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. वास्तु-फेंगशुई
  4. Which direction is best for ventilation

वास्तु के अनुसार घर में उजालदान कहां होना चाहिए?

Ventilation vastu:वास्तु के अनुसार घर में उजाल दान कहां होना चाहिए? - Which direction is best for ventilation
Ventilation vastu: दस दिशाएं होती हैं। पूर्व, आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्‍चिम, वायव्य, उत्तर, ईशान, ऊर्ध्व और अधो। ऊर्ध्व का अर्थ होता है उपर। ऊर्ध्व दिशा के देवता ब्रह्मा है। इस दिशा का सबसे ज्यादा महत्व है।  घर की छत, छज्जे, उजाल दान, खिड़की और बीच का स्थान इस दिशा का प्रतिनिधित्व करते हैं। अक्सर आपने घर में देखा होगा खिड़की के अलावा एक उजालदान होता है जिसे वातायन, हवादार, संवातन या वेंटिलेशन भी कहते हैं। हालांकि वेंटिलेशन कई प्रकार के होते हैं। यह अक्सर दरवाजे के ऊपर, खिड़की के ऊपर या दीवार में कहीं छत से लगा होता है। इन सभी को सुंदर और स्वच्छ बनाकर रखने से प्रगति के सभी रास्ते खुल जाते हैं।
 
कहां नहीं होना चाहिए उजाल दान?
1. घर की छत में किसी भी प्रकार का उजालदान न हो। जैसे आजकल घर की छत में लोग दो-बाइ-दो का एक हिस्सा खाली छोड़ देते हैं उजाले के लिए। इससे घर में हमेशा हवा का दबाव बना रहेगा, जो सेहत और मन-मस्तिष्क पर बुरा असर डालेगा। 
 
2. आग्नेय, दक्षिण और नैऋत्य दिशा में उजालदान नहीं बनाना चाहिए। आग्नेय में रसोईघर है तो उजालदान उचित दिशा में बना सकते हैं। 
 
3. यदि उजालदान बनाना ही है तो किसी वास्तुशास्त्री से पूछकर बनाएं। 
कहां होना चाहिए उजाल दान?
1. घर की वायव्य, उत्तर, ईशान और पूर्व दिशा के उजालदान ही सही होते हैं। 
 
2. वायव्य दिशा में हवा के लिए और पूर्व दिशा में उजाले के लिए उजालदान बनाते हैं।
 
3. रसोई घर में उजालदान निश्चित ही बनाना चाहिए, ताकि उसका ताप और धुआं बाहर निकल सके।
 
4. बाथरूम और टॉयलेट में उचित दिशा में छत से लगे हुए उजालदान होना चाहिए।