संभल : बावड़ी में हो गया शंखनाद, पुलिस कर रही है जांच
Sambhal Stepwell dispute : संभल में बावड़ी की खुदाई का काम पिछले 9 दिनों से जारी है। यहां बावड़ी की खुदाई में कमरे, दरवाजे और पीछे खुला हिस्सा मिलने से आसपास के लोगों में खुशी की लहर है। पुलिस-प्रशासन ने बावड़ी की सुरक्षा के लिए पुलिस और पीएसी के जवान लगा रखें हैं, लेकिन सुरक्षा को धता बताते हुए एक शख्स बावड़ी के अंदर पहुंचकर शंखनाद कर देता है। शंख की आवाज आसपास के लोग और सुरक्षाकर्मी सुनते हैं तो हड़कंप मच जाता है। सुरक्षा के लिए तैनात पुलिसवाले शंख बजाते व्यक्ति के पीछे भागते हैं लेकिन वह उन्हें चकमा देकर भाग जाता है। शंख बजाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
संभल जिले के चंदौसी स्थित लक्ष्मणगंज में रानी की बावड़ी की खुदाई चल रही है। जिस जगह बावड़ी की खुदाई हो रही है वह मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है, खुदाई के दौरान निगरानी और सुरक्षा का जिम्मा पुलिस के कंधों पर है और पीएसी भी लगाई गई है। लक्ष्मणगंज की यह बावड़ी एक खाली प्लांट में थी, स्थानीय लोगों ने प्रशासन को पत्र दिया था कि खाली प्लांट के नीचे बावड़ी है और वह सनातनी धर्म से जुड़ा हुआ हिस्सा है।
प्रशासन ने पत्र को गंभीरता से लेते हुए खुदाई शुरू करवा दी तो वहां एक बावड़ी मिली, सीढ़ियों के जरिए नीचे उतरकर कमरे, नक्काशी द्वार मिलने से सभी के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पिछले नौ दिनों से यहां खुदाई चल रही है, खुदाई के लिए नगर पालिका ने ठेके पर लेबर लगा रखी है जो बावड़ी की खुदाई और सफाई कर रही है।
बावड़ी के अंदर सफेद रंग के कपड़े और गले में पीले रंग का अंगोछा डाले एक शख्स आता है और शंखनाद करता है। शंखनाद करके वाले व्यक्ति का नाम मुकेश गुप्ता बताया जा रहा है। इस शख्स ने एक नहीं कई बार शंख बजाया, वहां मौजूद कर्मचारियों ने उसे रोका नहीं।
जैसे ही शंख की आवाज सुरक्षा में तैनात तीन पुलिसकर्मियों को लगी तो वह उसे पकड़ने भागे, लेकिन शंख बजाने वाला फिल्मी स्टाइल में चकमा देकर फरार हो गया। बताया जा रहा कि उस समय वहां से पीएसी भी नदारद थी। पुलिस शंख बजाने को पकड़ नहीं पाई, लेकिन वहां मीडिया और अन्य लोग पहुंच गए, शंखनाद करते हुए वीडियो भी बनाए।
मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बावड़ी की खुदाई हो रही है, किसी प्रकार की समस्या न हो उसके लिए पुलिस और पीएसी के जवान तैनात हैं। ऐसे में तो परिंदा भी आसानी से पर नहीं मार सकता, लेकिन एक शख्स बावड़ी में काफी देर तक रहकर शंखनाद कर दे, यह चिंतन का विषय है, क्योंकि इससे यहां माहौल भी खराब हो सकता था।