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Last Updated : मंगलवार, 31 दिसंबर 2024 (00:11 IST)

ISRO ने PSLV-C60 से SpaDeX को लॉन्च कर रचा इतिहास, अब निगाहें 7 जनवरी पर

ISRO ने PSLV-C60 से SpaDeX को लॉन्च कर रचा इतिहास, अब निगाहें 7 जनवरी पर - Indian space agency ISRO launches SpaDeX mission
Indian space agency ISRO launches SpaDeX mission : ISRO ने अंतरिक्ष में एक बार इतिहास रच दिया है। सोमवार को श्रीहरिकोटा से रात 10.00 बजे एक पीएसएलवी रॉकेट के जरिए अपने Spadex मिशन (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट) को लॉन्च किया।
क्या है Spadex मिशन : Spadex मिशन में दो अलग-अलग स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में जोड़कर दिखाया जाएगा। इस मिशन में दो सैटेलाइट हैं। पहला चेसर और दूसरा टारगेट। चेसर सैटेलाइट टारगेट को पकड़ेगा। उससे डॉकिंग करेगा। इसके अलावा इसमें एक महत्वपूर्ण टेस्ट और हो सकता है। सैटेलाइट से एक रोबोटिक आर्म निकले हैं। जो हुक के जरिए यानी टेथर्ड तरीके से टारगेट को अपनी ओर खींचेगा।
 
पीएसएलवी सी- 60 रॉकेट से लॉन्चिंग : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का पीएसएलवी-सी60 रॉकेट दो स्पेसक्राफ्ट लेकर सोमवार देर रात यहां अंतरिक्ष केंद्र से रवाना हुआ। इससे भविष्य के अंतरिक्ष मिशन के लिए महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष डॉकिंग के प्रदर्शन में मदद मिलेगी।
 
इसरो द्वारा 2035 तक अपना स्वयं का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना के तहत, 44.5 मीटर लंबे ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) स्पेसक्राफ्ट ‘ए’ और ‘बी’ को साथ ले गया। इनमें से प्रत्येक का वजन 220 किलोग्राम है। ये अंतरिक्ष डॉकिंग, उपग्रह ‘सर्विसिंग’ और अंतरग्रहीय मिशन में मदद करेगा।
बदला गया समय : 25 घंटे की उल्टी गिनती के समापन पर, पीएसएलवी-सी60 अपनी 62वीं उड़ान पर इस स्पेसपोर्ट के प्रथम ‘लॉन्च पैड’ से गाढ़ा नारंगी रंग का धुआं छोड़ते हुए ऊपर उठा। प्रक्षेपण की योजना मूल रूप से सोमवार रात 9.58 बजे बनाई गई थी, लेकिन बाद में इसरो अधिकारियों ने इसे रात 10 बजे के लिए पुनर्निर्धारित कर दिया। 
 
हालांकि, इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है कि प्रक्षेपण का समय क्यों पुनर्निर्धारित किया गया। अंतरिक्ष डॉकिंग प्रौद्योगिकी में महारत हासिल करके, इसरो अपने मिशन क्षितिज का विस्तार करने के अलावा अपने परिचालन लचीलेपन को बढ़ावा देने की तैयारी में है।

भारत बन जाएगा चौथा देश :  अब निगाहें 7 जनवरी पर : अब 7 जनवरी 2025 को इस मिशन में अंतरिक्ष में बुलेट की स्पीड से 10 गुना ज्यादा तेजी से ट्रैवल कर रहे इन 2 स्पेसक्राफ्ट्स को कनेक्ट किया जाएगा। मिशन सफल रहा तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा।
बहुत कम लागत में लॉन्च हुआ मिशन : इसरो ने यह मिशन बहुत ही कम लागत में लॉन्च किया है। अगर यह मिशन सफल रहता है तो भविष्य में भारत चांद पर इंसानी मिशन, चंद्रमा से नमूने लाना और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण और संचालन में अहम भूमिका निभाएगा। इसरो ने बताया कि इस मिशन की जरूरत तब पड़ती है, जब एक ही मिशन के पूरा करने के लिए कई रॉकेट लॉन्च की एक साथ जरूरत होती है। अगर मिशन सफल होता है, तो भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा, जिसके पास यह तकनीक होगी। Edited by : Sudhir Sharma