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Last Updated : मंगलवार, 3 सितम्बर 2024 (22:11 IST)

Operation Wolf : ऑपरेशन भेड़िया हमलों को रोकने में विफल, वन विभाग, पुलिस और ग्रामीणों की सतर्कता भी नाकाम

बाराबंकी में बच्ची को किया घायल

bahraich wolves threat
Bahraichs Operation Bhediya : उत्तरप्रदेश में 20 साल बाद फिर से भेड़िए का खौफ दिखाई दे रहा है। भारत और नेपाल सीमा के सटे उत्तरी भाग पर बहराइच जिला है, जहां सांझ होते ही माता-पिता अपने बच्चों को घरों में कैद करते हुए 'कहते हैं कि सो जा वरना भेड़िया आ जाएगा', रोते हुए बच्चे को चुप कराते हुए मां कहती है कि 'चुप हो जा बेटा नही तो भेड़िया' आ जाएगा।
20 साल पहले बलरामपुर जिले के 125 गांवों में भी ऐसा ही भेड़िए का खौफ दिखाई दिया था। इसमें 130 बच्चे आदमखोर भेड़ियों का शिकार बने और 150 से अधिक लोग घायल हुए थे। बलरामपुर के लोग आज भी भेड़िया शब्द सुनते ही कांप उठते हैं और उनका रोना छूट पड़ता है।

ऐसे में फिर से तराई वाले क्षेत्र बहराइच में में भेड़िया अब आतंक का पर्याय बन गया है। आज बहराइच, सीताराम जिले खौफ के साये में जी रहें है, गांव-गांव में एक आवाज सुनाई दे रही है कि कौन आया, कौन आया, भेड़िया आया, भेड़िया आया। अकेले बहराइच में अब तक 9 बच्चों समेत 10 लोग भेड़िये का शिकार बन चुके हैं, 45 करीब लोग घायल हैं। सीतापुर में भी भेड़िए ने हमला करके 3 ओग घायल कर दिए हैं। 
 
गौरतलब है कि बलरामपुर के तराई क्षेत्र में आदमखोर भेड़ियों का आतंक नवंबर 2002 से लेकर जून 2005 तक चला था। नरभक्षी भेड़िए रात के अंधेरे में मां की गोद से बच्चों को खींचकर ले जाते थे। नेपाल सीमा से सटे पांच थाना क्षेत्रों के सैकड़ो गांवों में अंधेरा होते ही ग्रामीण समूह के साथ हाथों में मशाल लेकर जागते रहो की पुकार लगाते हुए पहरेदारी करते थे।

उस समय भेड़ियों का आतंक समाप्त करने के लिए तराई वाले क्षेत्रों में शार्प शूटरों की एक बड़ी फौज लगाई गई थी। जो दिन-रात क्षेत्र की निगरानी करती और थी। 2005 में शार्प शूटरों द्वारा नरभक्षी भेड़ियों को समाप्त किया गया, वहां की जनता ने राहत की सांस ली थी। गोरखपुर जोन के एडीजी मानते हैं कि 20 साल बाद फिर से बहराइच में भेडियों का आतंक फैल गया है, जो वन विभाग और हमारे लिए बड़ी चुनौती है।
 
बहराइच जिले के महासी तहसील स्थित 35 गांवों इस समय दहशत के साए भी जी रहे है, क्योंकि उनके जिगर कज टुकड़ों को भेड़िए रात के सन्नाटे में मुंह में दबाकर ले जाते है और वे कुछ नहीं कर पाते। भेड़ियों ने अब तक 9 बच्चों सहित एक व्यस्क यानी 10 लोगों को निवाला बना लिया है।
वन विभाग की 25 टीमें क्षेत्र में लगातार गश्त कर रही है, पुलिस ने भी प्रभावित क्षेत्र को 7 हिस्सों में बांटकर हेडकांस्टेबल और कांस्टेबल गांवों में तैनात कर दिए है। वन विभाग के साथ मिलकर गश्त करते हुए निगरानी कर रहे हैं, वहीं ग्रामीणों की नींद उड़ चुकी है, वे अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए घरों के बाहर पहरेदारी करते हुए जागते रहो, जागते रहो, खबरदार-होशियार की पुकार लगा रहे हैं। 
 
वन विभाग, पुलिस और ग्रामीणों के सतर्क होने के बाद भी भेड़िया अबोध बालकों पर हमला कर रहा है, बीती रात्रि में भी उसने पवहिया गांव में 5 साल की बेटी अफसाना पर हमला बोल दिया, मासूम अपनी दादी के साथ सो रही थी। घायल अफसाना कख महसी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उपचार चल रहा है।

जिले के थाना राम गांव अंतर्गत ग्राम पवहिया के गिरधर गोपाल पुर में देर रात्रि एक भेड़िए ने घर के बरामदे में दादी के सो रही 5 वर्षीय अफसाना पर हमला कर दिया जिसे उपचार हेतु महसी सीएचसी पर भर्ती कराया गया है। इस गांव में भेड़िए ने दोबारा से रुख करते हुए हमला किया है, जिसके लोगों के अंदर भय है और वे चौकन्ने हो गए हैं। 
 
बहराइच जिले में 17 जुलाई से 2 सितंबर 2024 तक  भेड़ियों ने 9 बच्चों समेत 10 लोगों का शिकार किया है। भेड़िए का शिकार हुए 8 बच्चों की उम्र 8 साल से कम है जबकि 20 बच्चों समेत 37 लोग घायल हैं। यहां पहली मौत 17 जुलाई 2024 में सिकंदरपुर गांव के अंदर एक बच्चे की हुई थी और 1 जुलाई में 9 बच्चे का शिकार भेड़िए ने महासी तहसील क्षेत्र में किया गया है। राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के घावों पर मरहम लगाने के लिए मुआवजा देने की घोषणा कर रही है। 
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री भेड़ियों के हमलों पर बेहद गंभीर और चिंतित नजर आ रहे हैं। उन्होंने बीते कल बहराइच और सीतापुर के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए आदेश दिए हैं कि हर हाल में ऑपरेशन भेड़िया में तेजी लाई  जाए, जहां से भी मदद के लिए एक्सपर्ट बुलाने हैं या जो तकनीक इस्तेमाल करनी है वह अमल में लाई जाए। जागरूकता अभियान चलाते हुए स्कूलों, बाजारों, सरकारी भवनों और धार्मिक स्थलों पर अनाउंसमेंट और होर्डिंग्स लगाने के निर्देश दिए हैं। 
 
 
ऑपरेशन भेड़िया के तहत बहराइच जिले पुलिस-प्रशासन और वन विभाग भेड़ियों को पकड़ने के लिए आधुनिक तकनीकों का सहारा ले रहा है, थर्मल कैमरों और ड्रोन से 6 भेड़ियों की उपस्थिति क्षेत्र में दर्ज हुई, जिसके चलते वन्य विशेषज्ञों के नेतृत्व में 25 टीमें 'भेड़िया पकड़ो' अभियान में जुट गई है। इसके चलते कुछ दिन पहले इन टीमों ने तेज आवाज के गोले दागे, जिससे 4 भेड़िये पकड़े गए। डीएफओ को कहना है कि भेडियों की संख्या 6 रही होगी, तेज आवाज सुनकर 2 भेड़ियों ने अपना स्थान परिवर्तन कर लिया है। इसके चलते वह अब आदमखोर भेड़िए अपना शिकार ढूंढते हुए गांव-गांव हमला कर रहे हैं। 
 
भेड़ियों को गांव से दूर रखने के खेतों में पिंजरे लगाए गए हैं, वहीं ग्रामीण जगह-जगह लालटेन, मशाल और लाइटें लगाकर लाउडस्पीकर से तेज ध्वनि और आवाजदार पटाखे जला रहे हैं। भेड़िया चतुराई के साथ धमाके या तेज आवाज को सुनकर अपना स्थान पैर दबाकर बदल लेता है और वन विभाग की टीम खाली हाथ रह जाती है। मौका मिलते ही वह सोते हुए बच्चों को मुंह में दबाकर ले जाता है, जो बड़ी चुनौती बन गई है। भेड़िए के खौफ के चलते ग्रामीण ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया है। स्थानीय स्कूल में उपस्थिति 20% रह गई है, जो चिंता का विषय है।
 
वन विभाग भेड़ियों को पकड़ने के लिए हर बार नई योजना तैयार कर रहा है, थर्मल कैमरों सज लैस ड्रोन के जरिए भेडियों की लोकेशन ट्रेस करते हुए वे भेड़ियों को आकर्षित करने के लिए बकरियों को रंग-बिरंगी पोषाक पहना रहे हैं, आदमकद गुड़िया का उपयोग चारे के रूप में करते हुए भेड़ियों को लालच दे रहे हैं ताकि वे वन विभाग के बिछाए जाल में फंस जाएं, लेकिन भेड़िए की चतुराई मानव मस्तिष्क पर भारी पड़ रही है। भेड़िया ऑपरेशन फिलहाल विफल नजर आ रहा है क्योंकि भेड़िया चतुराई के साथ बच्चों पर रोज हमला कर रहा है।

बहराइच के आदमखोर भेड़ियों के जिंदा यख मुर्दा पकड़ने के लिए लिए पुलिस-प्रशासन द्वारा नौ शूटरों की एक टीम गठित की गई है। इसमें 3 सब इंस्पेक्टर रमेशचंद्र, मधु गुप्ता,अरुण कुमार, वन विभाग के 6 लोग डॉ. दीपक वर्मा, रेंजर पंकज साहू, अतुल श्रीवास्तव, दीपक कुमार सिंह, डिप्टी रेंजर प्रदीप कुमार और वन रक्षक मनोज कुमार तिवारी शामिल है। देखना होगा कि यह टीम कब तक छुपे भेड़ियों का बाहर निकाल पाएगी।

बाराबंकी में बच्ची को किया घायल : बहराइच, सीतापुर जिले के बाद अब बाराबंकी में भेड़िए के हमले से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। बताया जा रहा है कि जैदपुर थाना क्षेत्र के बघौरा गांव में एक बिटिया बकरी चराने गई थी, अचानक से बच्ची और एक युवक पर भेड़िए हमला कर दिया, बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई है भेड़िए ने पहले बकरी को निशाना बनाया, बकरी बचाने रिजवाना चोटिल घायल हो गई, इसी बीच रिजवाना को बचाने गए पास से गुजर रहें एक युवक पर भी भेड़िए ने किया, फिलहाल सीएससी में घायल का उपचार चल रहा है। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है, वह पग मार्क लेकर जांच कर रहा है कि यह किस वन्य जीव के है।