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Last Modified: बुधवार, 6 नवंबर 2024 (20:01 IST)

कौन हैं तुलसी गबार्ड, जिन्हें मिल सकती है डोनाल्ड ट्रंप सरकार में बड़ी भूमिका

Tulsi
Tulsi Gabbard News in Hindi: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में विजयी डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का काफी करीबी माना जाता है। ट्रंप एक बार फिर सुपर पॉवर अमेरिका के 'सुपरमैन' बनने जा रहे हैं। हालांकि पिछला चुनाव वे जो बाइडेन से हार गए थे। अब सबकी नजर उनकी टीम पर है। ऐसा माना जा रहा है कि ट्रंप समर्थक भारतवंशी तुलसी गबार्ड को ट्रंप सरकार में बड़ी भूमिका मिल सकती है। यदि ऐसा होता है तो यह भारत के हित में ही होगा। डेमोक्रेटिक पार्टी की पूर्व नेता तुलसी अमेरिका की पहली हिन्दू सांसद हैं। 
 
तुलसी वर्तमान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की मुखर विरोधी रही हैं। साल 2019 में तुलसी गबार्ड ने डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद की प्राथमिक बहस में कमला हैरिस को शिकस्त दी थी। हालांकि वे राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ में पिछड़ गईं। बाद में वे डेमोक्रेटिक पार्टी को छोड़कर रिपब्लिकन पार्टी में शामिल हो गईं। ट्रंप ने चुनावी बहस में हैरिस को हराने के लिए तुलसी से मदद मांगी थी।  ALSO READ: डोनाल्ड ट्रंप के US राष्ट्रपति बनने से दुनिया में गहराएगा जलवायु संकट
 
2022 में छोड़ी थी डेमोक्रेटिक पार्टी : तुलसी गबार्ड अमेरिका की पहली हिंदू सांसद और डेमोक्रेटिक पार्टी की पूर्व नेता रह चुकी हैं। गबार्ड अमेरिकन समोआ का प्रतिनिधित्व करती थीं। हालांकि, साल 2022 में उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी का साथ छोड़ दिया था और स्वतंत्र राजनीति के रास्ते पर निकल गई थीं, लेकिन बाद में उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी मंच से रिपब्लिकन पार्टी में शामिल होने का ऐलान कर दिया था। 
 
क्‍यों इस फैसले ने चौंकाया : बता दें कि 43 वर्षीय तुलसी गबार्ड के रिपब्लिकन पार्टी में शामिल होने के फैसले ने कई लोगों चौंकाया था। ट्रंप की चुनावी रैली में उत्साहित भीड़ के सामने मंच पर तुलसी गबार्ड ने खुद के रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य होने की आधिकारिक घोषणा की। कुछ वर्षों ने तुलसी गबार्ड की विचारधारा में बदलाव आया और उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी का साथ छोड़ दिया। ALSO READ: क्या हैं स्विंग स्टेट जिन्होने बनाया डोनाल्ड ट्रंप को 47वां अमेरिकी राष्ट्रपति?
 
क्यों रखा तुलसी नाम : अमेरिकी समोआ में जन्मी तुलसी गबार्ड के पिता समोआ और यूरोपीय वंश के हैं, जबकि उनकी मां इंडियन हैं। हिंदू धर्म में उनकी रुचि के कारण उन्होंने उनका नाम तुलसी रखा। गबार्ड कांग्रेस की वोटिंग सदस्य बनने वाली पहली समोआ-अमेरिकी थीं। उन्होंने सेना में रहते हुए इराक में सेवाएं दीं। 2019 में जब उन्होंने डेमोक्रेट के रूप में अपना राष्ट्रपति अभियान शुरू किया, तब सभी ध्यान अपनी ओर खींचा। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
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