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Last Updated :नई दिल्ली , मंगलवार, 23 जुलाई 2024 (17:44 IST)

कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ का आवंटन, शोध व टिकाऊ खेती को प्रोत्साहन देगी सरकार

budget 2024-25
General Budget 2024: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 में कृषि (agriculture) और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए के आवंटन की घोषणा की। लोकसभा में 2024-25 का बजट (General Budget) पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि अनुसंधान, टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने, तिलहन और दलहन उत्पादन को बढ़ाने और कृषि परिदृश्य में प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने के लिए एक व्यापक योजना की रूपरेखा तैयार की गई है।

 
कृषि अनुसंधान ढांचे की गहन समीक्षा की आवश्यकता पर बल : अपने बजट भाषण में सीतारमण ने उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु-सहिष्णु फसल किस्मों को विकसित करने के लिए कृषि अनुसंधान ढांचे की गहन समीक्षा की आवश्यकता पर बल दिया। वित्तमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु-सहिष्णु किस्मों को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कृषि अनुसंधान 'सेटअप' की व्यापक समीक्षा करेगी।
 
शोध निधि चुनौती-आधारित होगी और निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए खुली होगी जिसमें किसी विशेष क्षेत्र के विशेषज्ञ शोध के संचालन की देखरेख करेंगे। सीतारमण ने घोषणा की कि किसानों की जल्द ही 32 खेत और बागवानी फसलों में 109 नई उच्च उपज वाली, जलवायु-सहिष्णु किस्मों तक पहुंच होगी।

 
दलहन और तिलहन पर केंद्रित मिशन की योजनाओं का खुलासा : महत्वपूर्ण फसलों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए मंत्री ने दलहन और तिलहन पर केंद्रित मिशन की योजनाओं का खुलासा किया जिसका उद्देश्य उनके उत्पादन, भंडारण और विपणन बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। सीतारमण ने कहा कि अंतरिम बजट में घोषित की गई रणनीति के अनुसार सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे तिलहनों के लिए 'आत्मनिर्भरता' हासिल करने के लिए एक रणनीति बनाई जा रही है।
 
अनुसंधान और फसल विविधीकरण पर सरकार का जोर टिकाऊ खेती के तरीकों को बढ़ावा देने के साथ-साथ आता है। सीतारमण ने अगले 2 वर्षों में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के तहत लाने की पहल की घोषणा की जिसे प्रमाणन और ब्रांडिंग प्रयासों द्वारा समर्थित किया जाएगा।

 
इस क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए उन्होंने 3 वर्षों में किसानों और उनकी भूमि को कवर करते हुए कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को लागू करने की योजनाओं की रूपरेखा तैयार की। इस पहल में डिजिटल फसल सर्वेक्षण और किसान और भूमि रजिस्ट्री का निर्माण शामिल है।
 
सीतारमण ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में सरकार 400 जिलों में डीपीआई का उपयोग करके खरीफ मौसम के लिए डिजिटल फसल सर्वेक्षण करेगी। 6 करोड़ किसानों और उनकी भूमि का विवरण किसान और भूमि रजिस्ट्री में लाया जाएगा। बजट में प्रमुख उपभोग केंद्रों के पास बड़े पैमाने पर सब्जी उत्पादन क्लस्टर विकसित करने, आपूर्ति श्रृंखला में किसान-उत्पादक संगठनों और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के प्रावधान भी शामिल हैं।

 
मत्स्य पालन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सीतारमण ने झींगा मछली उत्पादन और निर्यात के लिए नाबार्ड के माध्यम से न्यूक्लियस प्रजनन केंद्रों का एक नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की। उन्होंने कुछ ब्रूडस्टॉक, पॉलीचेट वर्म, झींगा और मछली चारे पर मूल सीमा शुल्क को घटाकर 5 प्रतिशत करने तथा झींगा एवं मछली चारे के निर्माण के लिए विभिन्न आदानों पर सीमा शुल्क में छूट देने का भी प्रस्ताव रखा।
 
राष्ट्रीय सहयोग नीति की योजनाओं का खुलासा : वित्तमंत्री ने सहकारी क्षेत्र को व्यवस्थित रूप से विकसित करने के लिए राष्ट्रीय सहयोग नीति की योजनाओं का खुलासा किया। इसके अतिरिक्त 5 राज्यों में जन समर्थ-आधारित किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने को सक्षम किया जाएगा। कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए का आवंटन ग्रामीण आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। यह आवंटन कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए वित्त वर्ष 2023-24 के 1.31 लाख करोड़ रुपए से अधिक है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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