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Last Updated :मुंबई , शनिवार, 26 जुलाई 2025 (16:22 IST)

बिकवाली ने बिगाड़ी चाल, शेयर बाजार एक माह के निचले स्तर पर, अगस्त में क्या होगा?

2 दिनों की तेज गिरावट से निवेशकों 8.67 लाख करोड़ का नुकसान

market ki baat
Share market review: भारतीय शेयर बाजारों में जुलाई के आखिरी हफ्ते में भी बिकवाल ही हावी रहे। बिकवाली दबाव में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही एक माह के निचले स्तर पर पहुंच गए। जानिए आने वाले हफ्ते में कैसा रहेगा मार्केट ट्रैंड और क्या करें निवेशक?
 
कैसी रही सेंसेक्स और निफ्टी की चाल : स्थानीय शेयर बाजार में 21 जुलाई को पिछले 2 कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट पर विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स 443 अंक चढ़ गया। निफ्टी भी 122 अंक चढ़कर 25000 पार पहुंच गया। 22 जुलाई को सेंसेक्स और निफ्टी लगभग स्थिर ही रहे। 23 जुलाई को सेंसेक्स 540 अंक उछलकर 82,727 पर पहुंच गया। निफ्टी भी 159 अंक की बढ़त के साथ 25,219.90 अंक पर बंद हुआ।

पिछले हफ्ते ही तरह ही इस हफ्ते ही आखिरी 2 दिन शेयर बाजार लाल निशान में ही दिखाई दिए। 24 जुलाई को सेंसेक्स 542.47 अंक लुढ़क कर 82,184 और निफ्टी 158 अंक की गिरावट के साथ 25,062 अंक पर बंद हुआ। 25 जुलाई को शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 721 अंक फिसलकर 81,463.09 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी पूरे हफ्ते 25000 से ऊपर रहने के बाद 24,837 पर बंद हुआ। 2 दिनों की तेज गिरावट से निवेशकों की संपत्ति 8.67 लाख करोड़ रुपए घट गई।  
 
इन फैक्टर्स ने बदली बाजार की चाल : तिमाही वित्तीय नतीजों के बाद एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक जैसे प्रमुख शेयरों में लिवाली से सोमवार को बाजार में तेजी आई। मंगलवार को निजी बैंकों के शेयरों में आई तेजी का असर तेल एवं गैस और आईटी कंपनियों के शेयरों में हुए नुकसान से खत्म हो गया।

एशियाई बाजारों में मजबूत रुख की वजह से बुधवार को भारतीय शेयर बाजारों में तेजी दिखाई दी। जापान और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते के बाद एशियाई बाजारों में सकारात्मक रुख के साथ ही बैंक और पेट्रोलियम कंपनियों के शेयरों में भारी लिवाली से बाजार में तेजी आई। अंतिम 2 दिन कंपनियों के नरम तिमाही नतीजों और निराशाजनक वैश्विक संकेतों के कारण घरेलू शेयर बाजारों में बिकवाली का दौर जारी रहा। विदेशी पूंजी की लगातार निकासी के बीच वित्तीय, आईटी और तेल एवं गैस शेयरों में भारी बिकवाली हुई। 
 
सेबी की जागरूकता पहल : बाजार नियामक सेबी ने प्रतिभूति बाजार में वित्तीय धोखाधड़ी से निपटने एवं निवेशकों की सुरक्षा के लिए बाजार अवसरंचना संस्थानों और म्यूचुअल फंड निकाय ‘एम्फी’ के साथ मिलकर एक साझा निवेशक जागरूकता अभियान शुरू किया है। इसका उद्देश्य निवेशकों की सुरक्षा को मजबूत करना और प्रतिभूति बाजार में वित्तीय धोखाधड़ी एवं घोटालों से निपटना है।
 
सेबी ने एनएसई, बीएसई, सीडीएसएल, एनएसडीएल, एमसीएक्स, एमएसईआई और एनसीडीईएक्स जैसे बाजार अवसंरचना संस्थानों (एमआईआई) और एम्फी के सहयोग से 'सेबी बनाम घोटाला' नाम का एक संयुक्त मीडिया अभियान शुरू किया है। इनमें फर्जी ट्रेडिंग ऐप, सोशल मीडिया और वित्तीय प्रभाव रखने वाले लोगों से अपंजीकृत निवेश सलाह, डीपफेक, गारंटीशुदा रिटर्न का वादा करने वाले पाठ्यक्रम और गैरकानूनी 'डब्बा' एवं 'ओपिनियन' ट्रेडिंग शामिल हैं।

सेबी के अनुसार, यह पहल निवेशकों को खतरे की घंटी की पहचान करने, सत्यापन प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करने और अच्छी डिजिटल प्रथाओं का पालन करने के लिए जागरूक करने पर केंद्रित होगी।
 
कैसा रहेगा अगला हफ्ता : वैश्विक स्तर पर बाजार का रुख आने वाले हफ्ते में भी सेंसेक्स और निफ्टी की दिशा तय करेगा। ट्रंप ने 1 अगस्त से टैरिफ का ऐलान किया है। ऐसे में टैरिफ को लेकर फैसले के साथ ही ट्रंप की बयानबाजी भी बाजार की चाल को प्रभावित करेगी। इस हफ्ते भी कई कंपनियों के र्क्वाटर रिजल्ट आने वाले हैं इसका असर भी शेयर बाजार पर होगा।
 
क्या कहते हैं एक्सपर्ट : बाजार विशेषज्ञ योगेश बागौरा ने बताया कि इस हफ्ते बाजार ट्रंप टैरिफ पर निर्भर करेगा। हालांकि बाजार को ट्रंप से ज्यादा उम्मीद नहीं है। अगर भारत पर 15 फीसदी से कम टैरिफ लगता है तो बाजार में इससे नई ऊर्जा का संचार होगा। उन्होंने कहा कि ट्रंप द्वारा भारती 
 
टेक कंपनियों पर दिए नकारात्मक बयान ने टेक कंपनियों के शेयरों पर बुरा असर डाला है। अगर ट्रंप आगे भी कोई एक्शन लेते हैं तो आईटी कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट दिखाई दे सकती है। 
 
उन्होंने कहा कि निफ्टी को फिलहाल 24300 से 24500 के बीच का सपोर्ट है। अगर यह टूटा तो बाजार 23200 तक गिर सकता है। निफ्टी ने अगर 24900 का स्तर पार किया तो बाजार में सकारात्मक दिशा में बढ़ सकता है। 
 
मार्केट एक्सपर्ट मनीष उपाध्याय ने बताया कि बाजार इस हफ्ते आंशिक दबाव में रहा। अगले हफ्ते भी बाजार की यही चाल रहेगी। टैरिफ के खेल का असर दुनिया भर के बाजारों पर पड़ सकता है। कंपनियों के रिजल्ट, विदेशी बाजार की चाल और विदेशी निवेशकों का रुख ही बाजार को चलाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले हफ्ते में बाजार में 1000 पाइंट से ज्यादा के उतार चढ़ाव की संभावना नहीं है। 
 
अस्वीकरण : यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।
 
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