सम्मान समारोह की ऐसी लगी झड़ी कि ट्रेनिंग के अभाव में नीरज को खत्म करना पड़ा यह सीजन
जबसे भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा 7 अगस्त को टोक्यो ओलंपिक्स में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतकर लाए हैं। तबसे उनके सम्मान समारोह की झड़ी लग गई थी। पहले खेल मंत्रालय का सम्मान समारोह उसके बाद राष्ट्रपति से मुलाकात फिर 15 अगस्त पर प्रधानमंत्री मोदी से चाय पर मुलाकात। इसके अलावा गांव में जो स्वागत समारोह हुआ वह अलग।
अपने पैतृक गांव खंडरा में चले स्वागत समारोह के दौरान नीरज को चक्कर आ गए थे। इसके बाद उन्हें उपायुक्त सुशील एवं वहां मौजूद सुरक्षा कर्मी अपने वाहन में बैठा कर पानीपत के उपायुक्त कैंप कार्यालय ले जाया गया था। यहां पर डॉक्टरों की टीम ने नीरज चोपड़ा के स्वास्थ्य की गहन जांच की थी। जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि उमस भरी गर्मी, सात-आठ घंटों तक लगातार सक्रिय रहने के चलते नीरज को थकान के कारण चक्कर आए थे। वहीं नीरज को तत्काल उपचार देकर शारीरिक रूप से फिट करार दे दिया गया था।
सम्मान समारोह के कारण नीरज चोपड़ा को लगातार सफर करना पड़ा। जिसके कारण उन्हें पदक जीतने के एक हफ्ते बाद बुखार भी आ गया था। इस कारण नीरज चोपड़ा ने थकान के कारण इस सीजन से अलविदा लेने का विचार कर लिया है। अब वह अपने फैंस के सामने अगले साल ही एक्शन में दिखेंगे।
नीरज चोपड़ा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक तस्वीर के कैप्शन में इस बात की जानकारी भी दी कि वह टोक्यो ओलंपिक के बाद अपनी ट्रेनिंग जारी नहीं रख पा रहे थे।
उन्होंने कैप्शन में लिखा सभी देशवासियों का बहुत बहुत धन्यवाद कि आप सब ने इतना प्यार और सम्मान दिया है मुझे टोक्यो ओलंपिक्स से लौटने के बाद। ये मेरे लिए बेहद गर्व की बात हैं कि मैंने हमारे देश का तिरंगा ओलंपिक्स के स्टेज पर लहराया और देश के लिए एक मेडल जीता।
तबियत खराब होने और ट्रैवल की वजह से मेरी ट्रेनिंग की शुरुआत नही हो पा रही, जिसके चलते मैने और मेरी टीम ने इस साल का सीजन रोकने का निर्णय लिया है।
देश के सभी कोनो से एथलेटिक्स के प्रति रुचि को देख कर बहुत अच्छा लग रहा है और आप सभी से अनुरोध है कि आगे भी ऐसे ही देश के एथलीट्स को सपोर्ट करते रहे। जय हिंद।
लगातार सफर करने के बाद नीरज चोपड़ा बहुत थकान से गुजरे हैं। इस कारण उन्होंने यह फैसला लिया है। वैसे अगले साल विश्व चैंपियनशिप, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स होने हैं जिसमें नीरज चोपड़ा अपना जौहर दिखा सकते हैं।
यह हमेशा से ही एक विवाद का विषय रहा है कि हम अपने ओलंपियन का उतना सम्मान क्यों नहीं करते जितना विश्वकप जीतकर आए एक क्रिकेटर का करते हैं लेकिन इस बार लगातार हुए सम्मान समारोह और थकान के कारण ट्रेनिंग ना शुरु कर पाने के कारण स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा को यह निर्णय लेना पड़ा।
गौरतलब है कि नीरज ने टोक्यो ओलंपिक फाइनल में शानदार शुरुआत की और पहली थ्रो में 87.03 मीटर की दूरी नाप ली। उनकी दूसरी थ्रो इससे भी बेहतर रही जिसमें उन्होंने 87.58 मीटर का फासला तय किया। उनकी तीसरी थ्रो 76.79 मीटर रही। इसके बाद उनकी अगली दो थ्रो फ़ाउल रही थी। उनकी आखिरी थ्रो से पहले उनका स्वर्ण पक्का हो चुका था। उनकी अंतिम थ्रो 84.24 मीटर रही लेकिन उनकी दूसरी थ्रो उन्हें स्वर्ण दिलाने के लिए काफी थी।(वेबदुनिया डेस्क)