मंगलवार, 15 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. महाशिवरात्रि
  4. Bijli Mahadev Temple
Written By WD Feature Desk
Last Modified: सोमवार, 10 फ़रवरी 2025 (06:58 IST)

हर 12 साल में भोलेनाथ के इस मंदिर में गिरती है आकाशीय बिजली, टुकड़े-टुकड़े होकर फिर जुड़ जाता है शिवलिंग

बिजली महादेव
Bijli Mahadev Temple, Kullu : हिमाचल प्रदेश अपनी खूबसूरती और मंदिरों के लिए जाना जाता है। यहाँ कई ऐसे मंदिर हैं जो अपनी प्राचीनता, रहस्य और चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध हैं। ऐसा ही एक अद्भुत मंदिर है बिजली महादेव का। यह मंदिर कुल्लू घाटी में स्थित है और अपनी अनोखी घटना के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध है।

कहाँ है बिजली महादेव मंदिर 
बिजली महादेव मंदिर मनाली से लगभग 60 किलोमीटर और कुल्लू से 30 किलोमीटर दूर पहाड़ की चोटी पर समुद्र तलसे 2460 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। ऊंचाई पर मौजूद होने की वजह से यह मंदिर बहुत ही खूबसूरत लगता है जहाँ से कुल्लू, मणीकर्ण, पार्वती और भुंतर घाटी दिखाई देती है।

बिजली महादेव मंदिर की कहानी
स्थानीय लोगों के अनुसार, प्राचीन काल में इस जगह पर कुलांत नाम का एक दैत्य रहता था। एक दिन उसने एक विशाल अजगर का रूप ले लिया और ब्यास नदी में कुंडली मार कर बैठ गया ताकि वह पूरी घाटी को जल में डुबो कर खत्म कर सके। इसके बाद भगवान शिव भक्तों की रक्षा के लिए आये और अपने त्रिशूल से अजगर का वध किया और लोगों कि जान बचायी, माना जाता है कि रोहतांग से मंडी तक फैले पहाड़ कुलांत अजगर का ही शरीर था जो उसकी मौत के बाद पहाड़ में बदल गए।

कुलांत की मौत के बाद भी ज़ब स्थानीय लोगों का डर नहीं गया तो शिवजी कुलांत के माथे पर यानि पहाड़ की छोटी पर ही बस गए और बारिश के देव इंद्र को आदेश दिया कि कुल्लू वासियों पर आने वाले सभी संकट को बिजली के रूप में उनके ऊपर गिराना और माना जाता है तभी से कुल्लू घाटी के सभी संकट भगवान शिव अपने ऊपर सहते है।

बिजली महादेव मंदिर का चमत्कार
इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहाँ हर 12 साल बाद आकाशीय बिजली गिरती है। यह बिजली मंदिर के शिवलिंग पर गिरती है, जिससे शिवलिंग कई हिस्सों में टूट कर बिखर जाता है। इसके बाद मंदिर का पुजारी सभी टुकड़ों को इकट्ठा करके उन्हें मक्खन से जोड़कर दोबारा ठोस रूप देता है। मक्खन से बने होने के कारण इसे मक्खन महादेव भी कहा जाता है।

ALSO READ: आश्चर्य में डाल देते हैं उज्जैन से अन्य ज्योतिर्लिंगों की दूरी के अद्भुत आंकड़े 
बिजली महादेव मंदिर के दर्शन
बिजली महादेव मंदिर साल भर खुला रहता है, लेकिन यहाँ आने का सबसे अच्छा समय गर्मियों का मौसम है। इस समय मौसम सुहावना रहता है और आसपास का नजारा भी बेहद खूबसूरत दिखाई देता है।

कैसे पहुंचे बिजली महादेव मंदिर
बिजली महादेव मंदिर पहुंचने के लिए आप कुल्लू या मनाली से बस या टैक्सी ले सकते हैं। यहाँ का नजदीकी हवाई अड्डा भुंतर है, जो कुल्लू से लगभग 10 किलोमीटर दूर है।
अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

ये भी पढ़ें
केदारनाथ से रामेश्वरम तक एक सरल रेखा में हैं ये सभी शिव मंदिर, चमत्कार या विज्ञान क्या है रहस्य