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Last Updated : शुक्रवार, 4 मार्च 2022 (00:39 IST)

Russia Ukraine War : रूस-यूक्रेन के दूसरे दौर की बातचीत में बड़ा फैसला, मानवीय कॉरिडोर पर बनी सहमति

Russia Ukraine War : रूस-यूक्रेन के दूसरे दौर की बातचीत में बड़ा फैसला, मानवीय कॉरिडोर पर बनी सहमति - russia ukraine news russia and ukraine agree to provide a safe corridor for the evacuation of foreigners
कीव/नई दिल्ली। यूक्रेन में युद्ध को लेकर रूस के साथ बातचीत के दूसरे दौर में दोनों देशों के बीच नागिरकों को सेफ पैसेज देने पर सहमति बनी है। रूसी मीडिया स्पुतनिक की खबर के अनुसार बैठक के बाद रूस के प्रतिनिधिमंडल ने पुष्टि की है कि मॉस्को और कीव के बीच यूक्रेन में नागरिकों के लिए निकासी मार्ग स्थापित करने पर सहमत हुए हैं।
रूस का यह भी कहना है कि युद्धविराम पर भी प्रगति हो रही है। यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय से भी इस बात की पुष्टि की गई है कि नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए सेफ कॉरिडोर बनाने पर सहमति बनी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति के सलाहकार मिखाइलो पोडोलीक के अनुसार, 'दोनों पक्ष मिलकर नागरिकों को निकालने के लिए मानवीय गलियारा प्रदान करेंगे और भीषण लड़ाई वाले क्षेत्रों में भोजन और दवा पहुंचाएंगे। यूक्रेन हालांकि रूस के साथ दूसरे दौर की वार्ता के परिणाम से असंतुष्ट है।

उम्मीद की जाती है कि दोनों पक्ष जल्द ही तीसरे दौर के लिए मिलेंगे।' दुनिया के कई देश रूस और यूक्रेन से नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए कॉरिडोर की मांग कर रहे थे।  यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के सलाहकार मिखाइलो पोडोलीक ने कहा कि रूस और यूक्रेन एक प्रारंभिक समझौते पर पहुंच गए हैं कि उन इलाकों में संघर्षविराम लागू किया जाएगा जहां सुरक्षित गलियारे बनाए गए हैं।
 
क्वाड की बैठक में यूक्रेन पर चर्चा : क्वाड समूह के देशों की गुरुवार को एक बैठक हुई। इसमें यूक्रेन पर रूस के हमले से पैदा हुई स्थिति और मानवता पर उसके प्रभावों पर भी चर्चा की गई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर दोनों देशों को वार्ता और कूटनीति के रास्ते पर लौटने की आवश्यकता पर जोर दिया। डिजिटल माध्यम से हुई इस बैठक में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा भी शामिल हुए। क्वाड चार देशों का संगठन है। 
 
इसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। ये चारों देश विश्व की बड़ी आर्थिक शक्तियां हैं। 2007 में, जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इसे क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग या क्वाड का औपचारिक रूप दिया था। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि बैठक में यूक्रेन की स्थिति और इसके मानवता पर प्रभावों पर भी चर्चा की गई। 
 
बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री ने दोनों देशों से वार्ता व कूटनीति की ओर लौटने की भारत की अपील दोहराई। पीएमओ ने कहा कि चारों नेताओं ने दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन आसियान, हिंद महासागर क्षेत्र और प्रशांत द्वीपों की स्थिति सहित अन्य प्रासंगिक मुद्दों पर भी चर्चा की।
 
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और सभी देशों की क्षेत्रीय एकता व अखंडता के सम्मान पर जोर देते हुए इनके महत्व को रेखांकित किया।
 
चारों नेताओं ने सितंबर में वाशिंगटन में हुई क्वाड की बैठक में की गई पहलों की प्रगति की समीक्षा भी की। पीएमओ ने कहा कि क्वाड नेताओं ने इस साल जापान में होने वाली शिखर वार्ता में ठोस नतीजे हासिल करने के उद्देश्य के साथ सहयोग तेज करने पर सहमति जताई। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में कहा कि क्वाड को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के अहम उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित रखना चाहिए। 
 
बयान के मुताबिक मोदी ने क्वाड देशों के बीच मानवीयता और आपदा राहत, ऋण संवहनीयता, आपूर्ति श्रृंखला, स्वच्छ ऊर्जा, संपर्क और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में ठोस और व्यवहारिक सहयोग का आह्वान किया।  सभी नेताओं ने लगातार संपर्क में बने रहने और जापान में होने वाली शिखर बैठक के महत्वाकांक्षी एजेंडे की तरफ काम करने पर सहमति जताई। क्वाड समूह टीका उत्पादन, सम्पर्क परियोजनाओं, छात्रों की आवाजाही, स्टार्टअप एवं प्रौद्योगिकी गठजोड़ को बढ़ावा देने जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर ध्यान दे रहा है।
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