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Last Updated : मंगलवार, 14 जनवरी 2020 (14:23 IST)

छत्रपति शिवाजी के वंशज उदयनराजे बोले, खत्म हुआ शिवसेना का समय

छत्रपति शिवाजी के वंशज उदयनराजे बोले, खत्म हुआ शिवसेना का समय - Udayanraje Bhosale : time of Shiv Sena is over
मुंबई। छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और पूर्व सांसद उदयनराजे भोसले ने शिवसेना पर निशाना साधते हुए कहा कि आपका समय समाप्त हो गया है। आप खुद को शिवसेना कहना बंद कर दीजिए। 
 
'आज के शिवाजी : नरेंद्र मोदी' पुस्तक पर शिवसेना और कांग्रेस की टिप्पणियों के बीच राजे ट्‍वीट कर कहा कि मैं आपको बता रहा हूं कि आपका समय समाप्त हो गया है। आप खुद को शिवसेना कहना बंद करें। इसके बजाय आपको  खुद को 'ठाकरे सेना' कहना चाहिए। महाराष्ट्र के लोग मूर्ख नहीं हैं। 

हालांकि मोदी की तुलना मराठा योद्धा से करने वाली किताब पर भाजपा नेता उदयनराजे भोसले ने कहा, दुनिया में किसी की भी तुलना शिवाजी से नहीं की जा सकती।
 
राजे के ट्‍वीट के बाद जहां कुछ लोगों ने उन्हें ट्रोल किया, वहीं कुछ लोग उनके समर्थन भी आए। एक व्यक्ति ने शिवसेना पर कटाक्ष करते हुए लिखा कि 'मैडम सेना' बनने के बाद तो उन्होंने 'ठाकरे सेना' का अधिकार भी खो दिया है।
 
एक व्यक्ति ने महाराष्ट्र के मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे को निशाने पर लेते हुए लिखा-  तान्हाजी फिल्म को रिलीज हुए 5 दिन हो गए हैं, लेकिन यह आज तक टैक्स फ्री नहीं हुई। सरकार को शर्म आनी चाहिए। एक अन्य ने राजे पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर आप कहना क्या चाहते हैं। 
फिर बरसी शिवसेना : छत्रपति शिवाजी से करने वाली किताब को शिवसेना ने ‘पाखंड और चाटुकारिता’ की हद बताया और जोर देकर कहा कि मोदी ‘भारत के राजा’ नहीं हैं। पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में शिवसेना ने भाजपा नेताओं को छत्रपति शिवाजी पर कुछ किताबें पढ़ने की सलाह दी और कहा कि यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी 17वीं सदी के मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी से तुलना पसंद नहीं आई होगी।
 
इसमें कहा गया कि महाराष्ट्र में गुस्से की लहर है, लेकिन यह प्रधानमंत्री के खिलाफ नहीं बल्कि ‘आज के शिवाजी : नरेंद्र मोदी’ किताब के खिलाफ है। किताब भाजपा के नेता जय भगवान गोयल ने लिखी है। इससे महाराष्ट्र में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है।
मोदी एक कर्तबगार और लोकप्रिय नेता हैं। देश के प्रधानमंत्री के रूप में उनका कोई तोड़ नहीं। फिर भी वे देश के छत्रपति शिवाजी हैं क्या? उन्हें छत्रपति शिवराय का स्थान देना सही है क्या? इसका उत्तर एक स्वर में यही है, ‘नहीं… नहीं…!’ उनकी तुलना जो लोग शिवाजी महाराज से कर रहे हैं, उन्होंने छत्रपति शिवाजी राजे को समझा ही नहीं।