उत्तराखंड : देवस्थानम बोर्ड के विरोध में उतरे तीर्थ पुरोहित, बंद कराए सभी प्रतिष्ठान, सरकार को दी चेतावनी
देहरादून। गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित भी आज देवस्थानम बोर्ड के विरोध में सड़कों पर उतर गए हैं। बोर्ड के विरोध में तीर्थ पुरोहितों ने गंगोत्री में जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान तीर्थ पुरोहित समाज ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र ही सरकार बोर्ड को भंग नहीं करती है तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस दौरान पुरोहितों ने बाजार से लेकर मुख्य मंदिर तक रैली निकालकर प्रदर्शन किया।
तीर्थ पुरोहितों ने गंगा घाटों पर यजमानों की पूजा-पाठ नहीं की। साथ ही संपूर्ण गंगोत्री बाज़ार भी बंद रखा गया।तीर्थयात्रियों ने हालांकि मंदिर में दर्शन किए।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आश्वासन के बाद विगत 11 सितंबर को चारों धामों में 22 महीने से चल रहा आंदोलन 30 अक्टूबर तक स्थगित किया गया।
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि इस एक्ट पर पुनर्विचार के लिए हाई पावर कमेटी में चारों धामों के आठ तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जाएगा, लेकिन इस बीच हाई पावर कमेटी ने तीर्थ पुरोहितों एवं मंदिर समितियों से विचार-विमर्श किए बिना ही अपनी अंतरिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री को प्रेषित कर दी। इसके अलावा इसी दिन हाई पावर कमेटी के 8 सदस्यों की सूची भी जारी की गई।
हैरानी वाली बात यह है कि चार धाम महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत द्वारा जो 8 नाम मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजे गए, उसमें बदरीनाथ धाम के 3 लोगों के नामों को गायब कर दिया गया। इसमें दो ऐसे लोगों के नामों को शामिल किया गया जो ना तो तीर्थ पुरोहित हैं और ना ही किसी मंदिर के हक हकूकधारी।
इससे भड़के तीर्थ पुरोहितों ने 1 नवंबर से चारों धामों में धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है।केदारनाथ में तो तीर्थ पुरोहितों ने भाजपा नेताओं के लिए नो एंट्री लागू कर डाली है, जबकि केदार में आगामी पांच नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी का आगमन हो रहा है।