मुख्यमंत्री धामी के बयान पर चारधाम महापंचायत ने जताई आपत्ति
बद्रीनाथ।चारधाम महापंचायत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बद्रीनाथ दौरे के दौरान मीडिया को दिए बयान से गुस्से में है और इसे हकीकत से दूर बता रही है। चारधाम महापंचायत के प्रवक्ता डॉ. बृजेश सती ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रेस को दिए गए इस बयान पर आपत्ति जताई है जिसमें उन्होंने कहा है कि मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता वाली हाई पावर कमेटी में चारों धामों के 8 सदस्य नामित किए गए हैं।
डॉक्टर सती ने कहा कि 11 सितंबर को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में तीर्थ पुरोहितों के साथ आयोजित बैठक में इस पर निर्णय किया गया था। महापंचायत की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय को 8 नाम प्रेषित किए गए थे, लेकिन अभी तक इन 8 लोगों को हाई पावर कमेटी में सदस्य नामित नहीं किया गया।
मनोहर कांत ध्यानी ने मुख्यमंत्री को जो अंतरिम रिपोर्ट प्रेषित की है वह बतौर अध्यक्ष प्रेषित की है।इसमें चारों धामों का कोई सदस्य शामिल नहीं था। प्रवक्ता ने कहा कि चार धाम महापंचायत मुख्यमंत्री के इस बयान का कड़ा विरोध करती है। जिसमें उन्होंने कहा कि चारों धामों से दो-दो लोगों को सदस्य के रूप में हाई पावर कमेटी में लिया गया है।
मुख्यमंत्री का बयान असत्य है, क्योंकि अभी तक चारों धामों से 8 तीर्थ पुरोहितों को बतौर सदस्य अब तक भी नामित किया ही नहीं गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से आठ नाम धर्मस्व मंत्री को भेजे जरूर गए थे, लेकिन पिछले 1 महीने से अधिक समय तक यह फाइल धर्मस्व मंत्री के यहां धूल फांक रही है।उन नामों का नोटिफिकेशन अब तक उच्चाधिकार प्राप्त समिति में नहीं किया गया।
चार धामों के तीर्थ पुरोहितों व हकहकूकधारियों ने हाई पावर कमेटी के अध्यक्ष मनोहर कांत ध्यानी द्वारा चारों धामों से जुड़ी मंदिर समितियों एवं पंचायतों से उनका पक्ष जाने बिना अंतरिम रिपोर्ट सौंपे जाने पर भी अपना विरोध जताया था। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि हाई पावर कमेटी में तीर्थ पुरोहितों का प्रतिनिधित्व न होने से कमेटी के अस्तित्व पर ही सवाल उठता है।
यहां प्रेस को जारी एक संयुक्त बयान में गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल, केदारनाथ तीर्थ पुरोहित सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, यमुनोत्री तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल व ब्रह्म कपाल के तीर्थ पुरोहित बद्रीनाथ के अध्यक्ष उमेश सती ने कहा कि सरकार वादा खिलाफी कर रही है।
यदि देवस्थानम बोर्ड भंग करने की मांग 30 अक्टूबर तक पूरी नहीं की जाती है तो चारों धामों में एक बार फिर से उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।बयान में तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद 11 सितंबर को चारों धामों में चल रहा धरना एवं प्रदर्शन 30 अक्टूबर तक स्थगित किया गया था।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने चारों धामों के आठ तीर्थ पुरोहितों को हाई पावर कमेटी में रखे जाने की भी घोषणा की थी, लेकिन सदस्यों को हाई पावर कमेटी में शामिल किए बिना ही मनोहर कांत ध्यानी ने अंतरिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है।
इस पर सवाल उठाया है कि बिना उनका पक्ष जाने ही रिपोर्ट सौंपने के लिए हाई पावर कमेटी के अध्यक्ष ने जल्दबाजी क्यों दिखाई। त्रिपाठी ने कहा कि धर्मस्व मंत्री के इशारे पर कोई सदस्य इस समिति में नामित तक नहीं किया गया।